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आई.पी.सी. धारा 354क क्या है। | What is Section 354 A of IPC

आई.पी.सी. धारा 354क क्या है। | What is Section 354 A of IPC


धारा 354 क यह भारतीय दंड संहिता 1860 मे चाप्टर 16 में दिया गया है। इस धारा के अनुसार जो कोई व्यक्ति, किसी स्त्री के साथ अवांछनीय शारीरिक सम्पर्क और अंगक्रियाओं की प्रकृति का लैंगिक उत्पीड़न या अश्लील चित्र दर्शित करते हुए यौन स्वीकृति की मांग करता है अथवा अनुरोध करता है, तो वह इस धारा 354 क ते तह अपराधी माना जाएगा और उसे इस धारा के तहत तीन वर्ष के कारावास से दण्डित होगा या जुर्माने किया जाएगा अथवा दोनो के साथ भी दंडित होगा। इसके अलावा यदि कोई लैंगिक रूप से आभासी टिप्पणी करने की प्रकृति का यौन उत्पीड़न करता है, तो वह एक वर्ष के कारावास से दण्डित होगा या जुर्माना किया जाएगा अथवा दोनो के साथ भी दंडित होगा।


आई.पी.सी. की धारा 354क
लैंगिक उत्पीडन और लैंगिक उत्पीड़न के लिए दंड-

(1) ऐसा कोई निम्नलिखित कार्य अर्थात:-

(i) शारीरिक संपर्क और अग्रक्रियाएँ करने, जिनमें अवांछनीय और लैंगिक संबंध बनाने संबंधी स्पष्ट प्रस्ताव अंतर्वलित हों; या

(ii) लैंगिक स्वीकृति के लिए कोई मांग या अनुरोध करने; या

(iii) किसी स्त्री की इच्छा के विरुध्द बलात अश्लील साहित्य दिखाने; या

(iv) लैंगिक आभासी टिप्पणियाँ करने,

वाला पुरूष लैंगिक उत्पीडन के अपराध का दोषी होगा।

(2) ऐसा कोई पुरुष, जो उपधारा (1) के खंड (i) या खंड (ii) या खंड (iii) में विनिर्दिष्ट अपराध करेगा, वह कठोर कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा।

(3) ऐसा कोई पुरुष, जो उपधारा (1) के खंड (iv) में विनिर्दिष्ट अपराध करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा।


Section 354A of IPC
Sexual harassment and punishment for sexual harassment

(1) A man committing any of the following acts--

(i) physical contact and advances involving unwelcome and explicit sexual overtures; or

(ii) a demand or request for sexual favours; or

(iii) showing pornography against the will of a woman; or

(iv) making sexually coloured remarks, shall be guilty of the offence of sexual harassment.

(2) Any man who commits the offence specified in clause (i) or clause (ii) or clause (iii) of sub-section (1) shall be punished with rigorous imprisonment for a term which may extend to three years, or with fine, or with both.

(3) Any man who commits the offence specified in clause (iv) of sub-section (1) shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to one year, or with fine, or with both.


Classification of offence

  1. Punishment for (i) to (iii) of sub-section (1) Imprisonment which may extend to three years, or with fine or with both.
  2. Cognizable.
  3. Bailable
  4. Triable by any Magistrate 
  5. Non-Compoundable

and

  1. Punishment for (iv) of sub-section (1) imprisonment of either description up to one year or with fine.
  2. Cognizable 
  3. Bailable 
  4. Triable by any magistrate
  5. Non-Compoundable

भारतीय दंड संहिता  में यह धारा वर्ष 2013 में नया शामिल किया गया है। पहले महिलाओं या लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार और यौन उत्पीड़न का कोई प्रावधान नहीं था, लेकिन ऐसे मामलों में अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा चलाना आसान हो गया। 


वर्ष 2013 में, एक संशोधन के माध्यम से यह धारा 354 क को भारतीय दंड संहिता में नया जोड़ा गया है। सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार, कार्यस्थल पर सहकर्मियों या वरिष्ठों द्वारा दुर्व्यवहार, दैनिक व्यवसाय करते समय पुरुषों द्वारा शारीरिक संपर्क आदि बढ़ने लगे, शायद कानून में संशोधन करके ऐसी घटनाओं को रोक लगाने के लिए इन्हे दंडनीय अपराध बना दिया गया है। इस धारा को जोड़ने से पहले, इस तरह के कृत्यों का अपराधीकरण करने वाली कोई धारा या कानून नहीं था, इसलिए अभियुक्तों को बरी कर दिया जाता था और अपराधी बिना किसी से डरे ऐसा कृत्य करते रहते थे। चूंकि इस धारा को कानून में शामिल किए जाने के बाद इस तरह के अपराध को संज्ञेय कहा गया है, इसलिए उक्त अपराध को संज्ञान लेना और आरोपी को गिरफ्तार करना यह पुलिस की कानूनी जिम्मेदारी हो गई है।

यह देखा गया है कि महिलाओं के प्रति इस प्रकार के अपराध का संज्ञान लेने और न्यायालय के माध्यम से अभियुक्तों को दंडित करने की प्रवृत्ति है। इसलिए, ऐसे मामलों में मुकदमा चलाते समय उचित सतर्कता और सावधानी बरतनी चाहिए। चूंकि अक्सर पीड़िता महिला होने के कारण अदालत उसकी गवाही पर तुरंत विश्वास कर लेती है, और ऐसी गवाही, यदि कुछ पुष्टि हो जाए, तो अभियुक्त को दोषी ठहराया जा सकता है और सजा दी जा सकती है। 


पीड़ित महिलाका संभवत: सीआर.पी.सी. के धारा 164 के अनुसार उसका स्टेटमेंट दर्ज किया गया है। ऐसे गवाह से जिरह शुरू करने से पहले इस बयान को भी पढ़ना और समझना जरूरी है। चूंकि गवाह एक महिला है, इसलिए उसके जिरह याने क्रॉस एग्जामिनेशन के दौरान उपयुक्त शब्दों का प्रयोग करना आवश्यक है।

क्रॉस एग्जामिनेशन के लिए नमूना प्रश्न-

एकही कार्यालय में कार्यरत एक महिला कर्मचारी ने इन धाराओं के प्रावधानों के तहत अपने वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है की,  आरोपी ने काम के दौरान मुझे अपने पास बुलवाकर मुझसे नजदिकी बढाने की कोशिश की है। इस धारा के तहत शिकायत दर्ज कर आरोपी के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उसमें नीचे बताए अनुसार जिरह की जा सकती है।

  1. आरोपी की उम्र 45 से 50 के बीच है और वह शादीशुदा है।
  2. आरोपी की पत्नी आकर्षक दिखने वाली महिला है।
  3. आरोपी को एक बेटा और एक बेटी है और दोनों कॉलेज जाते हैं।
  4. आप आरोपी के ऑफिस में पिछले 10-12 साल से कार्यरत हैं।
  5. आप शादीशुदा हैं और आपकी दो बेटियां हैं।
  6. आपके पति पुलिस विभाग में अधिकारी हैं।
  7. आपकी दोनों बेटियां कॉलेज में पढ़ती हैं।
  8. घटना के करीब 8 दिन बाद आपने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
  9. उस दौरान भी आप रोजाना नियमित रूप से काम पर आ रहे थे।
  10. घटना के बाद आपने अपने वरिष्ठों से इसकी लिखित शिकायत कभी नहीं की है।
  11. आरोपी द्वारा घटना के 15 दिन पहले आपको समय पर काम पर नहीं आने, गलत कार्य करने आदि के संबंध में कारण बताओ नोटिस दिया गया था।
  12. आप आरोपी के कमरे में गए और उसके द्वारा दिए गए नोटिस को लेकर उससे बहस की।
  13. मुझे कारण बताओ नोटीस देते हो क्या? मैं तुम्हें देख लूंगा। इसतरह आपने आरोपी को धमकी दी थी।
  14. चूंकि आपके पति पुलिस विभाग में हैं, इसलिए आपने उनकी मदद से झूठी शिकायत दर्ज कराकर आरोपी के खिलाफ झूठा मामला बनाया है।
  15. आपकी तरह और भी कई महिला कर्मचारी कई वर्षों से आरोपी के ऑफिस में काम कर रही हैं।
  16. आरोपी के खिलाफ आज तक किसी भी महिला कर्मचारी ने कोई भी कंप्लेंन्ट नहीं दी है।
  17. आरोपीनें आपको कारण बताओ नोटिस दी है इसी बात से आप नाराज होकर क्रोध के आक्रोश में आरोपी के खिलाफ झुटी शिकायत दर्ज कि है।


इस लेख के माध्यम से हमने हमारे पाठकों को आई.पी.सी. धारा 354क क्या है। | What is Section 354 A of IPC इसके बारेमें संपुर्ण जानकारी देनेका पुरा प्रयास किया है। आशा है आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। इसी तरह कानूनी जानाकारी के लिए आप हमारे इस पोर्टल apanahindi.com पर आवश्य भेट दें।



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