माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के रखरखाव और कल्याण अधिनियम 2007 का उद्देश्य क्या हैं? | माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण अधिनियम 2007 pdf | The Maintenance And Welfare Of Parents And Senior Citizens Act, 2007 | क्या वरिष्ठ नागरिक हस्तांतरित संपत्ति को वापस ले सकता है | भरण-पोषण अधिनियम क्या करता है | क्या वरिष्ठ नागरिक का परित्याग करना कानूनी अपराध है? | वरिष्ठ नागरिक विधेयक क्या है?
वर्तमान भारतीय समाज में बुजुर्गों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पडता है जैसे कि शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक व आर्थिक सहारा ना मिलना। इन समस्याओं के समाधान के लिए भारत सरकार नें संविधान के अनुच्छेद 41 का पलन करने हुए यह कानून बनाया। जिसे हम माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरणपोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007 | माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण अधिनियम 2007 pdf | The Maintenance And Welfare Of Parents And Senior Citizens Act, 2007 के नाम से जानते है। आइये इस लेख के माध्यम से आज हम माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के रखरखाव और कल्याण अधिनियम 2007 का उद्देश्य क्या हैं? | माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण अधिनियम 2007 pdf | The Maintenance And Welfare Of Parents And Senior Citizens Act, 2007 | क्या वरिष्ठ नागरिक हस्तांतरित संपत्ति को वापस ले सकता है | भरण-पोषण अधिनियम क्या करता है | क्या वरिष्ठ नागरिक का परित्याग करना कानूनी अपराध है? | वरिष्ठ नागरिक विधेयक क्या है? जानने की कोशिश करते है।
माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के रखरखाव और कल्याण अधिनियम 2007 का उद्देश्य क्या हैं?
- माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के लिए भरण-पोषण की व्यवस्था करना
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करना
- बुजुर्गों के जीवन और संपत्ति की पूर्ण सुरक्षा करना
- प्रत्येक जिले में वृध्द-निवास स्थापित करना
- यह भी पढे- कंजूमर हेल्प लाइन का इस्तेमाल कैसे करे
भरण-पोषण प्राप्त करने के हकदार कौन
- जो भी माता-पिता, दादी-दादा या वरिष्ठ नागरिक अपनी आय और संपत्ति से अपना भरण-पोषण नहीं कर सकते वे अधिनिम 2007 के तहत भरण-पोषण का दावा कर सकते है।
- माता-पिता और दादी-दादा अपनी एक या एक से अधिक संतानों पर भरण-पोषण का दावा दायर कर सकते है। संतान में पुत्र, पुत्री, पौत्र व पौत्री आते है किंतु अल्पवयस्कर नहीं आते है।
- भरण-पोषण के अंतर्गत भोजन, वस्त, आवास एवं चिकित्सा इलाज आते हैं।
- 60 वर्ष से कम आयु के माता-पिता भी इस अधिनियम के तहत भरण-पोषण का दावा कर सकते है।
- निःसंतान वरिष्ठ नागरिक भी भरण पोषण का दावा अपने उस संबंधी से कर सकते हैं जो वरिष्ठ नागरिक की संपत्ति पर काबिज है या वरिष्ठ नागरिक की संपत्ति का वारिस है, बशर्ते अल्पवयस्क ना हो।
किस अधिकरण (Tribunal) के समक्ष भरण-पोषण का दावा दायर हो सकता है।
- भरण-पोषण का दावा अधिनियम के तहत गठित विशेष भरण-पोषण अधिकरण (maintenance tribunal) के समक्ष डाला जा सकता है जिसका अध्यक्ष उपखंड अधिकारी होता है।
- भरण-पोषण के दावे की कार्यवाही किसी भी संतान या संबंधी के विरुध्द उस जिले में होती है जहाः
अ) माता-पिता या वरिष्ठ नागरिक वर्तमान में निवास करते है; याआ) पहले निवास किया है; याइ) जहां पर संतान या संबंधी निवास कर रहे हैं।
- यह भी पढे- क्या सीआरपीसी 125 एक आपराधिक मामला है?
भरण-पोषण अधिनियम क्या करता है | वरिष्ठ नागरिक विधेयक क्या है?
- दावा प्राप्त होने के बाद अधिकरण संतान पक्ष को नोटिस जारी करेंगा, सुनवाई होगी, गवाही होगी व उसके पश्चात अधिकरण भरण-पोषण का आदेश पारित कर सकता है।
- अधिकरण दावे को आपसी समझौते के लिए भी भेज सकता है व भरण-पोषण के अंतरिम आदेश भी पारित कर सकता है।
- अधिकरण द्वारा पारित भरण-पोषण के आदेश का प्रभाव दंड प्रक्रिया संहिता के अध्याय 9 के आदेश के समान होगा। यानि भरण-पोषण के आदेश की वसूली भी सीआरपीसी के तहत होगी।
- यह भी पढे-बेदखली क्या होता है?
क्या वरिष्ठ नागरिक का परित्याग करना कानूनी अपराध है?
अधिनियम 2007 के सेक्शन 24 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति जिस पर वरिष्ठ नागरिक की देखभाल या सुरक्षा का उत्तरदायित्व है, पूर्ण परित्याग के इरादे से, उन्हे किसी स्थान पर छोड देता है, ऐसे व्यक्ति को 3 महीने का कारावास या 5000 तक का जुर्माना या दोनों एक साथ दंण्ड दिया जा सकता है।
क्या वरिष्ठ नागरिक हस्तांतरित संपत्ति को वापस ले सकता है?
वरिष्ठ नागरिक, अधिकरण के समक्ष संपत्ति के हस्तांतरण को सेक्शन 23 के तहत अमान्य घोषित करने के लिए दावा कर सकते है।
- यह भी पढे- क्या दाखिल खारिज का मतलब मालिकाना हक्क नहीं
अधिकरण निम्नलिखित परिस्थितियों में हस्तातरण को अमान्य घोषित कर सकता है
- अधिनियम 2007 के प्रभावी होने के बाद यदि किसी वरिष्ठ नागरिक ने उपहार या अन्य माध्यम से संपत्ति हस्तांतरित की हो।
- हस्तांतरण इस शर्त पर किया गया हो कि प्राप्तकर्ता वरिष्ठ नागरिक की मूनभूत आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
- प्राप्तकर्ता उपरोक्त आवश्यकताओं को पूरा करने से इंकार कर दे या उन्हे पूरा ना कर पाए।
- यह भी पढे- बंधक पत्र क्या होता है और बंधक पत्र के प्रकार - भाग-1
- यह भी पढे- Mortgage deed / बंधक पत्र के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी / बंधक पत्र भाग-2
माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरणपोषण तथा कल्याण (संशोधन) बिल, 2019
यह बिल अभी संसद में पेंडिंग है जिसमें कुछ महत्वपूर्ण बदलावो का सुझाव है।
- बिल बच्चों की परिभाषा में सौतेले बच्चे, दत्तक (जिन्हे गोद लिया गया है) बच्चे बहू-दामाद और नाबालिग बच्चों के लीगल गार्जियन को भी शामिल किया गया है।
- इसमें वरिष्ठ नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार करने वर छह माह तक कारावास या 10 हजार रुपये जुर्माना या दोनों सजा का प्रावधान है।
- इसमें मासिक भरण-पोषण की 10 हजार रुपये की उपरी सीमा को हटाने की बात कही गई है।
- यह भी पढे- शपथपत्र क्या है / Affidavit
कानूनी सलाह
वे वरिष्ठ नागरिक जो अपना भरण-पोषण करने में सक्षम नहीं है वे इस कानून के प्रति सजग रहें तथा किसी संपत्ति को उपहार या अन्य माध्यम से हस्तांतरित करते समय यह शर्त लिखित में अवश्य रखें कि प्राप्तकर्ता उनकी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
इस लेख के माध्यम से हमने हमारे पाठकों को माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के रखरखाव और कल्याण अधिनियम 2007 का उद्देश्य क्या हैं? | माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण अधिनियम 2007 pdf | The Maintenance And Welfare Of Parents And Senior Citizens Act, 2007 | क्या वरिष्ठ नागरिक हस्तांतरित संपत्ति को वापस ले सकता है | भरण-पोषण अधिनियम क्या करता है | क्या वरिष्ठ नागरिक का परित्याग करना कानूनी अपराध है? | वरिष्ठ नागरिक विधेयक क्या है? इस कानून कि जानकारी देनेका पुरा प्रयास किया है। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा। यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो आप अपनी राय निचे कमेंट बॉक्स में दे। और यदि आप को कोई अंन्य कानूनी जानकरी हमारे इस पोर्टल apanahindi.com पर पढना चाहते है तो आप अपने प्रश्न निचे कमेंट बॉक्स में दे। ऐसे ही कानूनी जानकारी पढने के लिए और सिखने के लिए आप हमारे इस पोर्टल को आवश्य भेट दें।
यह भी पढे
- सभि दस्तावेजोका संपूर्ण मार्गदर्शन | Deeds And Documents
- दस्तावेजो के नमुने | प्रारूप | Format of Deeds ans Documents
- चेक बाऊन्स केसेस संबंधीत संपूर्ण मार्गदर्शन | Cheque Bounce Case Procedure
- पारिवारिक कानून को सिखे और समझे | Family Law in Hindi
- फौजदारी कानून का संपूर्ण मार्गदर्शन | Criminal Law In Hindi
- भारतीय दंड संहिता (I.P.C.) को सिखे और समझे
- सिविल कानून का मार्गदर्शन | Civil Law
- सामाजिक और कानूनी लेख तथा मार्गदर्शन | Social And Legal Articals
थोडा मनोरंजन के लिए
0 टिप्पणियाँ