गिरफ्तारी से जुडे कुछ महत्वपूर्ण कानून | Rules of Arrest in Hindi
रोजाना जिंदगी में पुलिस अथवा पुलिस थानों से आम व्यक्ति का किसी ना किसी कारण से संपर्क हेता ही है। देखाजाए तो पुलिस हमारी सुरक्षा के लिए है इसलिए कानून द्वारा उन्हें कुछ विशेष अधिकार दिए गए हैं। पुलिस अपने उन अधिकारों और ताकत का दुरूपयोग ना करें इललिए कुछ जरूरी कानूनी जानकारी हम सबको पता होने चाहिए। क्यों के कानून की जानकारी के अभाव पुलिस किसी कब हिरासत मे ले और कितने समय तक हिरासत मे रख सकती है यह सभी को नही पता होता। तो इसी लेख के माध्यम से आइए हम यह जानें गिरफ्तारी से जुडे कुछ महत्वपूर्ण कानून | Rules of Arrest in Hindi जो के हर आम व्यक्ति को पता होना चाहिए।
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क्या पुलिस किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है?
हम सब ने फिल्मों में कभी न कभी यह देखा होगा की जब कोई पुलिस अधिकारी किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए जाता है तो सामने वाला व्यक्ति उस अधिकारी से पूछता है कि,”क्या आपके पास मुझे गिरफ्तार करने के लिए कोई वारंट है।“ लेकिन असल जिंदगी में ऐसा नहीं होता। क्योंकी दंड प्रक्रिया संहिता के हिसाब से अपराध दो प्रकार के होते है। एक संज्ञेय अपराध और दुसरा असंज्ञेय अपराध।
- असंज्ञेय अपराध वह होता है जिसमे पुलिस द्वारा आरोपी को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं है। जैसे कि झूठे साक्ष देना, धोखाघडी, मानहानि आदि। इस तरह के अपराध में पुलिस को आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए वारंट लेना आवश्य होता है।
- संज्ञेय अपराध में पुलिस द्वारा किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार होता है। सामान्य तौर पर यह अपराध गंभीर प्रकृति के होते हैं। जैसे कि हत्या, बलात्कार, दहेज हत्या, अपहरण, आदि। इस तरह के अपराध में पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए वारंट लेने की कोई आवश्यक्ता नही होती है।
इससे बिल्कुल यह साफ हो जाता है कि पुलिस बिना वारंट के किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार है बशर्ते कि वह अपराध संज्ञेय अपराधों की श्रेणी मे हो।
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गिरफ्तारी के 24 घंटे का कानून क्या है?
किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार किए जाने से 24 घंटे के अंदर-अंदर नजदिकी मजिस्ट्रेट के कोर्ट में पेश करना कानूनी तौर पर जरुरी होता है। इस प्रकार के कानून के नूसार बिना मजिस्ट्रेट के आदेश लिए 24 घंटे से ज्याादा किसी भी व्यक्ति को जो किसी अपराध मे आरोपी है उसे हिरासत में रखना गैरकानूनी माना जाता हैं। भलेही कोई भी दिन जैसे शनिवार या रविवार या किसी भी त्यौहार की छुट्टी वाले दिन भी हो अदालत में ड्यूटी मजिस्ट्रेट अथवा स्पेशल मजिस्ट्रेट होते हैं। ध्यान दें कि 24 घंटों में पुलिस स्टेशन से अदालत पहुंचनें या यात्रा में जो समय लगता है उसे इस कानून में नही गिना जाता।
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क्या पुछताछ के दौरान आरोपी व्यक्ति अपने वकिल से मिलकर पारामर्श कर सकता है?
किसी भी व्यक्ति को जिसे गिरफ्तार किया जाता है वह पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान अपने वकिल से परामर्श करना करना चाहता है तो कर सकता है। क्यों के वह उसका कानूनी और संविधानीक अधिकार होता है। किंतु संपूर्ण पूछताछ के दौरान नहीं। इसलिए गिरफ्तारी और पूछताछ के दौरान ही उसके पास उचित कानूनी परामर्श करने के लिए अपने वकिल से मिलने का अधिकार होता हैं।
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गिरफ्तारी के वक्त ध्यान रखने योग्य कुछ बातें
- गिरफ्तारी के समय पुलिस द्वारा किसी भी व्यक्ति को यह बताना होगा कि उसे क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है। सिर्फ यह कहना पर्याप्त नहीं है कि उसके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज हुई हैं। पुलिस को आरोपी का जुर्म बताना जरूरी होता हैं।
- किसी भी महिला आरोपी को सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच गिरफ्तार नहीं किया जा सकता हैं। यदि पुलिस ऐसा करना जरूरी समझे तो न्यायिक मजिस्ट्रेट का आदेश लेना जरूरी हैं।
- गिरफ्तारी के समय जोर पुलिस द्वारा जबरदस्ती करना गैरकानूनी हैं। हिरासत में लेने के लिए जितना कम से कम जोर लगता हो उतना ही इस्तेमाल किया जा सकता हैं। गिरफ्तार होने वाला व्यक्ति यदि स्वय अपने आप को पुलिस हिरासत में दे देता है, तो उस व्यक्ति को हाथ लगाना भी जायज नहीं है।
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क्या मजिस्ट्रेट द्वारा खुद आरोपी को गिरफ्तार कीया जा सकती हैं?
यह सवाल थोडा अटपटासा लगता है परंतु इसका जवाब हां है। क्योंकी सीआरपीसी की धारा 44 के तहत एक्जीक्यूटिव और न्यायिक मजिस्ट्रेट दोनो को अपराधी को खुद गिरफ्तार करने का अधिकार होता है।
कानूनी सलाह
- अगर पुलिस थाने में आरोपी के साथ कोई बदसलूकी अथवा मारपीट होती है तो वह इसकी शिकायत संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष कर सकता हैं। और जहां संभव हो वहां मेडिकल रिपोर्ट भी बनवाएं।
- पुलिस थाने में कोइभी कागजाद बिना पढें और बिना कानूनी परामर्श किए साइन न करें। अगर पुलिस थाने में पुलिस द्वारा दबाव बनाकर या डरा धमकाकर हस्ताक्षर ले लिया जाए तो यह बात समझ लें कि पुलिस के सामने दिए गए किसी भी बयान की कोई एविडेंशियरी वैल्यू नहीं होती।
इस लेख के माध्यम से हमने हमारे पाठको को गिरफ्तारी से जुडे कुछ महत्वपूर्ण कानून | Rules of Arrest in Hindi के बारेमे जानकारी देने की कोशिश कि है। आशा है के आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो एसे ही जानकारी के लिए आप हमारे इस पोर्टल apanahindi.com पर आवश्य भेट दे।
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