क्या नॉमिनी संपत्ति का वारिस होता है? | नॉमिनी कौन होता है? | Who is the nominee? In Hindi
जब कभी भी कोई व्यक्ति किसी बैंक में अथवा किसी डाकखाने में कोई सेव्हिंग अकाउंट खोलते हैं, अथवा म्यूचल फंड में इन्वेस्ट करते है, कोई प्रॉपर्टी अथवा शेयर खरीदता है, अपना जीवन बीमा करवाते हैं या कोई नौकरी ज्वाइन करता है, तब वह अपना नॉमिनी के तौर पर अपने परिवार वालों मे किसी एक व्यक्ति का नाम का उल्लेख करता है। यहा पर हम समझते है के कोई नॉमिनी ही संपत्ति का वारिस होता है, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं हैं। इसी बात को जानने के लिए इस लेख के माध्यम से हम जाने की क्या नॉमिनी संपत्ति का वारिस होता है? आइए जाने नॉमिनी से जुडे कुछ जरूरी कानूनी तथ्य।
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नॉमिनी कौन होता है?
- नॉमिनी वह व्यक्ति है जो किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उस की संपत्तियों को उसके कानूनी वारिसों तक पहुंचाता है। नॉमिनी का अहम रोल उस व्यक्ति की मृत्यु के बादसे ही शुरू होती है, जिस व्यक्तिने उसे नॉमिनी बनाया है।
- देश में किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी विभिन्न संपत्तियों के बंटवारों के लिए कई प्रकार के कानूनी दस्तावेज व प्रक्रियाओं को पूरा करना होता है। नॉमिनी के रहने से यह प्रक्रिया आसान हो जाती है और वारिसों को कानूनी झंझटो का सामना करना नही पडता।
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बटवारा कैसे होता है?
- मात्र नॉमिनी होना ही अपने आप में किसी संपत्ति पर मालिकाना हक्क नहीं देता। नॉमिनी केवल एक ट्रस्टी अथवा केयरटेकर की तरह होता है जो किसी व्यक्ति के मौत हो जाने के बाद उसकी सभी संपत्तियों को उसके सभी कानूनी वारिसों तक पहुंचाता है।
- एक नॉमिनी को मृत व्यक्ति के बैंक में जमा सभी रक्कम अथवा संपत्ति को मृत व्यक्ति की वसीयत के हिसाब से उसके कानूनी वारिसों में बटवारा करना होता है। मृत व्यक्ति की वसीयत न होने की परिस्थिति मे वारिसों पर उत्तराधिकार कानून लागू होते हैं और उसी हिसाब से रक्कम या संपत्ति को वारिसों में बटवारा किया जाता है।
- इसलिए किसी भी नॉमिनी को मृत व्यक्ति के संबंधित रक्कम या संपत्ति में तभी हिस्सेदार माना जाता है जब किसी वसीयत या उत्तराधिकार कानून के हिसाब से उसका हिस्सा बनता हो।
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जिवन बीमा के मामले
- इंश्योरेंस एक्ट के सेक्शन 39 के हिसाब से, अगर किसी जीवन बीमा पॉलिसी धारक ने अपने माता-पिता, अपनी पत्नी या बच्चों को नॉमिनी बनाया है तो उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाने के बाद वे सब जीवन बीमा रक्कम के वारिस माने जा सकते हैं।
- इनके अलावा अगर जीवन बीमा पॉलिसी में किसी और को नॉमिनी बनाया जाता है तो वह जीवन बीमा रक्कम का केवल ट्रस्टी अथवा केयरटेकर होगा और उस रक्कम को मृत व्यक्ति के सभी कानूनी वारिसों में बटवारा करना होगा।
कर्मचारी भविष्य निधि के मामले
- ई.पी.एफ. के मामले में कर्मचारी के भविष्य निधि की रक्कम उसके मृत्यू के बाद उसके नॉमिनी को ही मिलती है। नियम के मुताबिक, कर्मचारी को अपने ई.पी.एफ. खाते में अपने परिवार के सदस्य के अलावा किसी अन्य दुसरे व्यक्ति को नॉमिनेट नहीं कर सकते।
- कर्मचारी अपने परिवार के एक से अधिक सदस्यों को भी अपना नॉमिनेट कर के ईपीएफ की रक्कम उनके बीच बांटने का अनुपात बता सकता है। इस प्रकार परिवार के सभी सदस्य कर्मचारी के ईपीएफ के रक्कम का वारिस भी रहतें हैं।
कानूनी सलाह
- ज्यादातर लोगों में यह गलत धारणा है कि सिर्फ नॉमिनी ही बनाने से उसकी जिम्मेदारियां खत्म होती हैं। कोई भी व्यक्ति कहीं पर भी किसी को भी नॉमिनी बना सकता है, लेकिन, आप अपने पैसों और संपत्ति को लेकर अपनी वसीयत अवश्य मनाएं ताकि आप के मृत्यु बाद आपके कानूनी वारिसों को बेकार के कानूनी झंझटो सामना ना करना पडे।
- अगर आपको लगता है कि किसी नॉमिनी ने किसी ऐसी आपके रक्कम या संपत्ति पर कब्जा कर लिया है जिस पर वसीयत या उत्तराधिकार कानून के हिसाब से आप का हक्क बनता था तो आप आपने वकिल के साथ उचित कानूनी परामर्श करके कोर्ट में केस अवश्य लडें।
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इस लेख के माध्यम से हमने हमारे पाठकों को क्या नॉमिनी संपत्ति का वारिस होता है? इसके बारेमे जानकारी देनेकी पुरी कोशिश की है। आशा है आपको यह लेख जरूर पसंद आया होगा। ऐसे ही कानूनी जानकारी के लिए आप हामारे पोर्टल apanahindi.com को हमेशा व्हिजीट करे।
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