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इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्डस को कोर्ट में सबूत के तौर पर कैसे पेश करें? | How to present electronic records as evidence in court? In Hindi | इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय | 65 बी साक्ष्य अधिनियम प्रमाण पत्र | 65 B Certificate Format in Hindi | धारा 65 बी साक्ष्य अधिनियम | क्या इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य अदालत में स्वीकार्य है? | कोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक सबूत मान्य है या नहीं

इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्डस को कोर्ट में सबूत के तौर पर कैसे पेश करें? | How to present electronic records as evidence in court? In Hindi | इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय | 65 बी साक्ष्य अधिनियम प्रमाण पत्र | 65 B Certificate Format in Hindi | धारा 65 बी साक्ष्य अधिनियम | क्या इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य अदालत में स्वीकार्य है? | कोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक सबूत मान्य है या नहीं



हमे अक्सर सुनने मे आता है कि अदालत की कारवाई सबूतों पर चलती है। किसी भी केस की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के द्वारा कई तरीके के सबूत कोर्ट के सामने पेश किये जाते है। आज का युग डिजिटल युग है और हम हर छोटे बडे काम के लिए किसी ना किसी डिजिटल उपकरण का इस्तेमाल करते रहते हैं। तो कई बार हम लोक इस इलेक्ट्रोनिक्स उपकरण को कोर्ट में सबूत के तौर पर इस्तेमाल करते है। इस उपकरण को सबूत के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए हमे कुछ कानूनी जरूरतों को पुरा करना पडता है। आइए इस लेख के माध्यम से हाज हम इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्डस को कोर्ट में सबूत के तौर पर कैसे पेश करें? | How to present electronic records as evidence in court? In Hindi | इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय | 65 बी साक्ष्य अधिनियम प्रमाण पत्र | 65 B Certificate Format in Hindi | धारा 65 बी साक्ष्य अधिनियम | क्या इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य अदालत में स्वीकार्य है? | कोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक सबूत मान्य है या नहीं के बारे में जानकारी हासिल करते है जिस कारण न्यायालयों में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्डस की सबुतों को स्वीकार्यता मिल सकेव।

क्या इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य अदालत में स्वीकार्य है? | कोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक सबूत मान्य है या नहीं

कोर्ट में पूरी केस की सुनवाई के दौरान जो भी एविडेंस याने कि गवाही दिए जाते है उनसे जुडा कानून इंडियन एविडेंस एक्ट में दिया गया है। इसे भारतीय साक्ष्य अधिनियम भी कहते हैं। इस एक्ट की धारा 3 के अनुसार एविडेंस देो प्रकार के होते हैः-
  1. कोर्ट जिस तथ्य की जांच कर रही है उससे संबंधित सब बयान जो गवाहों द्वारा केस के दौरान दिए जाते है। इन्हे मौखिक साक्ष्य या ओरल एविडेंस भी कहा जाता है।
  2. कोर्ट के निरीक्षण के लिए पेश किए गए सब दस्तावेज जिनमें इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्डस भी शामिल है। इन्हे दस्तावेजी साक्ष्य या डॉक्यूमेंट्री एविडेंस भी कहा जाता है।

विश्र्वास की दृष्टी से मौखिक साक्ष्य की तुलना में दस्तावेजी साक्ष्य को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जाती है। पहले जो बात केवल किसी की गवाही से साबित की जा सकती थी आज वही बात फोटो या वीडियो के माध्यम से आसानी से साबित की जा सकती है।

65 बी साक्ष्य अधिनियम प्रमाण पत्र | 65 B Certificate Format in Hindi | धारा 65 बी साक्ष्य अधिनियम

  1. एक इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस, जब अदालत में मूल रूप में पेश नहीं किया जा सकता है, तब वह एविडेंस में तभी स्वीकार्य होगा जब वह इंडियन एविडेंस एक्ट की धारा 65बी(4) में उल्लिखित एक सर्टिफिकेट द्वारा समर्थित किया गया हो। सरल श्ब्दो में, एक कंप्यूटर जनित दस्तावेज की कॉपी जो धारा 65बी के तहत प्रमाणपत्र द्वारा समर्थित नहीं है, उस सबूत को अदालत एविडेंस के तौर पर में स्वीकार नही करती।
  2. उदाहरण के लिए जैसे आप अपने कंप्यूटर, लैपटॉप, टैब, मोबाइल इत्यादि में रखी अपनी किसी ईमेल को या अपनी बैंक स्टेटमेंट को सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश करना चाहते है तो जब आप उस ईमेल या बैंक स्टेटमेंट का प्रिंटआउट लेकर कोर्ट में जमा करते है तो साक्ष में 65बी का सर्टिफिकेट देना जरूरी होता है। इस सर्टिफिकेट में संबंधित दस्तावेज और उपकरण दोनों का विवरण देना जरूरी होता है। अन्य उदाहरण सीसीटीवी फुटेज का हो सकता है।

इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय

  1. उच्चतम न्यायालय ने अर्जून पंडितराव खोटकर बनाम कैलाश कुशनराव गोरंट्याल मामले में 14 जुलाई 2020 को 65 बी के सर्टिफिकेट के संबंध में अहम फैसला सुनाया था। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा था की, इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के माध्यम से एविडेंस की स्वीकार्यत के लिए धारा 65बी(4) के तहत एक प्रमाणपत्र देना अनिवार्य है और यह एक शर्त है।
  2. यदि मूल दस्तावेज स्वयं प्रस्तुत किया जाता है तो धारा 65बी(4) के तहत सर्टिफिकेट देना जरूरी नहीं है। इसके लिए एक लैपटॉप, कंप्यूटर, टेबलेट या मोबाइल फोन के मालिक द्वारा कोर्ट में विटनेस बॉक्स में अपने उपकरण के साथ कदम रखकर यह साबित करना होगा कि जानकारी जिस उपकरण में है वह उसका मालिक है या उसके द्वारा चलाया जाता है।

कानूनी सलाह

  1. जब भी आप कोर्ट में कोई इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस दाखिल करें तो उचित कानूनी सलाह लेते हुए उसके साथ 65बी का सर्टिफिकेट अवश्य लगाएं जिससे कि आपके सारे इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस कोर्ट द्वारा स्विकार कर लिए जाएं।
  2. धारा 65बी का सर्टिफिकेट केस में फैसला आने से पहले किसी भी स्टेज तक जमा किया जा सकता है। इसलिए यदि आप इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस दाखिल करते समय 65बी का सर्टिफिकेटस नही दे पाए तो आप इसे बाद में भी जमा कर सकते है। ध्यान दें कि फैसला आने से पहले-पहले आप कोर्ट में इसे जरूर दाखिल कर दें।


इस लेख के माध्यम से हमने हमारे पाठकों को इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्डस को कोर्ट में सबूत के तौर पर कैसे पेश करें? | How to present electronic records as evidence in court? In Hindi | इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय | 65 बी साक्ष्य अधिनियम प्रमाण पत्र | 65 B Certificate Format in Hindi | धारा 65 बी साक्ष्य अधिनियम | क्या इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य अदालत में स्वीकार्य है? | कोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक सबूत मान्य है या नहीं के बारें में जानकारी देने का प्रयास किया है। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा। इसी तरह के लेख को पढने के लिए आप हमारे इस पोर्टल apanahindi.com पर आवश्य भेट दे।





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