अपराध से बरी होने के बाद क्या उम्मीदवार को सार्वजनिक रोजगार के योग्य माना जा सकता है।
समाज में आमतौर पर लोगों के दिल और दिमाख में यह धारणा हती है कि, जब कोई व्यक्ति किसी आपराधिक मामले में किसी भी तरह बरी होने पर वह व्यक्ति सार्वजनिकर रोजगार के लिए योग्य होता है, जबकि यह ठीक नहीं है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान राज्य बनाम लव कुश मीणा मामले में 24/03/2021 को इस मुद्दे से जुडा एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया था।आइए इस लेख के माध्येम से आज हम इस महत्वपूर्ण फैसले के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश करते है। और साथ ही अपराध से बरी होने के बाद क्या उम्मीदवार को सार्वजनिक रोजगार के योग्य माना जा सकता है। इसको समझने की कोशिश करते है।
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क्या था मामला?
- इस मामले में लव कुश मीणा ने राजस्थान पुलिस में कॉन्सटेबल पद की भर्ती परीक्षा पास की थी परन्तु किसी आपराधइक मामले में मुकदमा चलने के कारण उन्हे नियुक्ति नहीं दी गाई। उन्हे बताया गाय कि जो मुकदमा उनके ऊपर चला था वह गंभीर अपराध से जुडा था तथा उन्हे अदालत द्वारा सम्मानपूर्वक/बाइज्जत बरी नहीं किया गया था।
- नियुक्ति नहीं दिए जाने पर लव कुश मीणा ने राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जिस में राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में कहा कि चूंकि आरोपी व्यक्ति को अपराध से जोडने का कोई स्पष्ट सबूत नहीं मिला है इसलिए उसे कॉन्स्टेबल पद पर नियुक्ति के लिए अयोग्य नहीं माना जा सकता।
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क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
- राज्य द्वारा दायर अपील में अपराधिक मामले के तथ्यों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने यह कहा कि इस मामले को स्वच्छ रिहाई की श्रेणी में नही रखा जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के उस निर्णय को सही ठहराया जिसमें ‘संदेह का लाभ’ याने benefit of doubt का जिक्र किया गया था।
- सुप्रीम कोर्ट ने अपतार सिंह केस के अपने ही फैसले का हवाला देते हुए साफ शब्दों में कहा कि जघन्य या गंभीर प्रकृति के अपराधों में benefit of doubt के आधार पर बरी किए गए व्यक्ति को सार्वजनीक रोजगार के लिए योग्य नहीं माना जा सकता।
- ऐसे मामलों में व्यक्ति को सार्वजनिक रोजगार के लिए तभी योग्य माना जा सकता है जब उसे कोर्ट के द्वारा बाइज्जत बरी याने honorable acquitted किया गया हो।
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कानूनी सलाह
- यदि आप किसी नौकरी के लिए आवेदन करते है, तो आपराधिक मामलों से जुडी जो भी जानकारियां आप से मांगी जाती है, वे सभी जानकारीयां आप बिना कुछ छुपाए, विल्कुल ठिक से भरें। यदि भर्ती के दौरान ऐसी कोई बात छुपाते है और वह बात वेरीफिकेशन के बाद विभाग के पास निकल कर आ जाती है तो न केवल आप की भर्ती रद्द हो सकती है बल्कि आपके ऊपर आपराधिक मुकदमा भी चल सकता है।
- यदि किसी आपराधिक मामले में आपका नाम है या कभी रहा है और आप किसी सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर रहे है तो शुरू में ही उचित कानूनी परामर्श अवश्य लें ताकि बाद की दिक्कतों या मुकदमों से बचा जा सके।
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इस लेख के माध्यम से आज हमने अपराध से बरी होने के बाद क्या उम्मीदवार को सार्वजनिक रोजगार के योग्य माना जा सकता है। के बारमें जानने की पुरी कोशिश की है। आशा है के आपको यह लेख पसंद आया होगा। इसीतरह कानूनी जानकारी पाने के लिए आप हमारे इस पोर्टल apanahindi.com पर आवश्य भेट दें।
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