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खाद्य पदार्थों में मिलावट (रोकथाम और निवारण) अधिनियम 1954 | मिलावटी खाद्य पदार्थ क्या है | Food Adulteration (Prevention and Redressal) Act 1954 | what is adulterated food

खाद्य पदार्थों में मिलावट (रोकथाम और निवारण) अधिनियम 1954 | मिलावटी खाद्य पदार्थ क्या है | Food Adulteration (Prevention and Redressal) Act 1954 | what is adulterated food



यह अधिनियम भारत देश में 29 सितंबर 1954 को पारित किया गया था। यह कानून 1 जून 1955 को खाद्य पदार्थों में मिलावट (रोकथाम और निवारण) अधिनियम 1954 के रूप में लागू हुआ। इस अधिनियम के प्रावधानों को प्रभावी बनाने के लिए 1955 में नियम बनाए गए और उन्हें "खाद्य मिलावट निवारण नियम, 1955" कहा गया। प्रत्येक राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों ने इस अधिनियम और नियमों के कार्यान्वयन के लिए अपना स्वयं का संगठन बनाया है। इस अधिनियम का उद्देश्य भोजन में हनेवाले मिलावट की रोकथाम करने के लिए प्रावधान दिया ग्या है, जनता को जहरीले और उनके स्वास्थ के लिए हानिकारक खाद्य पदार्थों से बचाने के लिए घटिया खाद्य पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए कपटपूर्ण प्रथाओं को समाप्त करके उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना यहे है। आइये इसे लेख के माध्यम से आज हम खाद्य पदार्थों में मिलावट (रोकथाम और निवारण) अधिनियम 1954 | मिलावटी खाद्य पदार्थ क्या है | Food Adulteration (Prevention and Redressal) Act 1954 | what is adulterated food इसेके बारेमें जानकारी हासिल करने की कोशीश क रते है।


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खाद्य पदार्थों में मिलावट (रोकथाम और निवारण) अधिनियम 1954

    • विक्रेता द्वारा बेचा गया कोई पदार्थ जो कि खरीददार की आशा से कम प्रकृति, गुण या महत्व का हो।
    • अगर पदार्थ में कोई मिलावट हो जो कि उसके गुण, महत्व को प्रभावित करे या जिससे कोई हानि होती हो।
    • अगर कोई सस्ता पदारथ उस खाद्य पदार्थ में मिलाया गया हो, जिससे उसके गुण और महत्व में कमी हो तथा वह हानिकारक हो।
    • अगर कोई पदार्थ अस्वच्छ अवस्था में तैयार, पैक या रखा गया है, जिसमें वह गंदा या रोगयुक्त हो।
    • अगर पदार्थ में किसी प्रकार का विष या कोई हानिकारक वस्तु मिली हो, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो।
    • जिस डिब्बे में पदार्थ रखा गया हो, अगर वह डिब्बा किसी ऐसी चीज से बना है, जिससे के पदार्थ जहरीला या स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो जाए।
    • अगर पदार्थ में प्रतिबंधित रंग या अनुमति से अधिक मात्रा में रंग मिलाया गया हो।
    • अगर पदार्थ का गुण, महत्व या उसकी शुध्दता तय किए गए मानक से कम है।
    • दूध में पानी मिलावट खाद्य पदार्थ में मिलावट के अंतर्गत आती है।



निम्नलिखित परिस्थितियों में खाद्य पदार्थों को गलत नाम देना माना जाएगाः—

    • अगर उसका नाम किसी दूसरे पदार्थ से ऐसे मेल खाता हो कि ग्राहक को धोखा हो जाए।
    • अगर वह झूट बोलकर उस पदार्थ को विदेशी बताया हो।
    • अगर वह किसी और पदार्त के नाम से बेजा जाए।
    • अगर उसमें किसी भी प्रकार का  बदलाव करके उसको ज्यादा मूल्य का दिखाया जाए।
    • अगर उसके लेबल पर पैकेट के अंदर की वस्तुओं का विवरण न दिया गया हो या गलत विवरण दिया गया हो।
    • अगर उसका लेबल किसी झूठे व्यक्ति या कम्पनी द्वारा बनाए जाने के बारे में बताता हो।
    • अगर वह पोषक आहार के रुप में बनाया गया हो और उसका लेबल उसमें प्रयोग की गई सामग्रियों के बारे में न बताता हो।
    • अगर उसमें कोई भी बनावटी रंग, खुशबू या स्वाद का प्रयोग हुआ हो, जिसके बारे में लेबल पर न लिखा गया हो।
    • अगर उसका लेबल इस अधिनियम के अंदर बनाए गए नियमों के अनुसार न हो।



खरिददार (उपभोक्ता) के अधिकारः—

इस अधिनियम के अंदर खरीददार या खरीददारों का संघ किसी भी खाद्य पदार्थ को सरकारी प्रयोगशाला में जांच करवा सकता है। जिसके लिए उसको निर्धारित फीस देनी पडेगी। जांचे में अगर पदार्थ में किसी भी प्रकार की मिलावट पायी गई, तो खरिददार या खरीददार संध जांच के दी गई फीस वापस पाने का हकदार है।



अपराध और सजाः—

किसी भी मिलावटी पदार्थ जो कि स्वास्थ्य और शुध्दता के लिए हानिकारक हो, उसके आयात करने, बनाने, रखने, बेचने या बांटने से प्रतिकूल असर हो। यदि खाद्य निरीक्षक को उस खाद्य पदार्थ के नमूने लेने और उसके विरूध्द विभागीय कार्यवाही करने से रोका जाए। किसी भी खाद्य पदार्थ के लिए झूठी वारण्टी देना। उपभोक्ता अपराध के लिए कम से कम 6 माह और अधिकतम 3 वर्ष तक का कारावास और कम से कम 1000 रुपये का जुर्माना भी हो सकता है।



इस लेख के माध्यमसे आज हमने हमारे पाठकों को खाद्य पदार्थों में मिलावट (रोकथाम और निवारण) अधिनियम 1954 | मिलावटी खाद्य पदार्थ क्या है | Food Adulteration (Prevention and Redressal) Act 1954 | what is adulterated food इसके बारेमें जानकारी देनेका प्रयास किया है। आशा है आपकों यह लेख पसंद आया होगा। इसी तरह कानूनी जानकारी सिखने के लिए आप हमारे इस पोर्टल apanahindi.com पर आवश्य भेट दें।


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