बेनामी संपत्ति क्या है? | बेनामी संपत्ति कानून क्या है? | What is Benami Transection?
हर इंसान के जीवन में संपत्ति का बहोत महत्वपुर्ण है। चाहे वह संपत्ति चल हो या अचल बहुत क्योंकि यह न केवल जीवन यापन में काम आती है बल्कि मनुष्य के लिए समाज में प्रतिष्ठा भी इसी से मिलती है। कुछ लोग अपने नाम से संपत्ति लेते है। और जबकि बहोत से लोग वह संपत्ति अपनी पत्नी, बच्चों, रिश्तेदारों या परिजनों के नाम से लेना भी काफी आम है। जब कोई प्रॉपर्टी दूसरे के नाम से ली जाती है तो उसके पीछे क्या कानूनी परिणाम हो सकता है इसके बारें में लोगों में काफी कम जागरुकता है। आइये आज हम इस विषय से संबंधित कानूनो के बारे में चर्चा करेंगे। और इस लेख के माध्यम से बेनामी संपत्ति क्या है? | बेनामी संपत्ति कानून क्या है? | What is Benami Transection? के बारेमे जानकारी हासिल करने की कोशिश करते है।
बेनामी संपत्ति क्या है।
- बेनामी संपत्ति वह संपत्ति होती है जिसकी कीमत किसी और व्यक्ति ने चुकाई होती है और उस संपत्ति पर किसी दूसरे व्यक्ति का नाम होता है। यह संपत्ति पत्नी, बच्चों, या किसी रिश्तेदार के नाम पर भी खरिदी गई होती है। जिसके नाम पर ऐसी संपत्ति खरीदी गई होती है, उसे बेनामदार कहा जाता है। बेनामी संपत्ति जो के चल संपत्ति अथवा अचल संपत्ति भी हो सकती है, या फिर वित्तीय दस्तावेजों के तौर पर भी हो सकती है।
- यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के नाम से शेयर भी खरीदता है तो उसे भी बेनामी संपत्ति ही माना जाता है। इसके अलावा दूसरे नामों से बैंक खातों में फिक्सड डिपॉजिट कराना भी बेनामी संपत्ति मानी जाती है।
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क्या है बेनामी संपत्ति का कानून?
संसद ने अगस्त 2016 में बेनामी सौदा निषेध कानून को पारित किया था। इसके प्रभाव में आने के बाद मौजूदा बेनामी सौदे कानून 1988 का नाम बदलकर बेनामी संपत्ति लेन-देन (निषेध) कानून 2016 कर दिया गया है। संशोधित कानून 01 नवम्बर 2016 से लागू हो गया था।
बेनामी संपत्ति के लिए सजा और जुर्माने का प्रावधान
- नए कानून के अन्तर्गत बेनामी संपत्ति का लेनदेन करने वाले व्यक्ति को 1 से 7 साल तक की जेल और उस प्रॉपर्टी की बाजार किमत पर 25% तक के रक्कम राशी जितनी होगी उतने राशी का जुर्माना देने का प्रावधान है। अगर कोई व्यक्ति बेनामी संपत्ति की गलत सुचना देता है तो उस व्यक्ति पर प्रॉपर्टी के बाजार मुल्य का 10 प्रतिशत तक का जुर्मना और 6 महीने से 5 साल तक की जेल का प्रावधान भी रखा गया है।
- संशोधन कानून में बेनामी संपत्तियों को जब्त करने और उन्हे सील करने का भी अधिकार है।
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कौन से संपत्ति को बेनामी संपत्ति नहीं माना जाता?
- यदि किसी व्यक्ति ने अपनी पत्नी या बच्चों के नाम से संपत्ति खरीदी है और इसके लिए भुगतान आय के ज्ञात स्त्रोतों से किया गया है तो इसे बेनामी संपत्ति नहीं माना जायेगा।
- अगर भाई-बहन या कुछ अन्य सगे संबंधियों के साथ किसी संपत्ति में साझा मालिकाना हक हो जिसके लिए भुगतान आय के ज्ञात स्त्रोतों से किया गया है तो उसे भी बेनामी संपत्ति नहीं माना जायेगा।
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कानूनी सलाह
- यदि आप अपनी पत्नी या बच्चों के नाम से कोई संपत्ति खरीदते है तो उसे चेक, बैंक ट्रांसफर या ऐसे अन्य पक्के माध्यमों से खरीदें जिनका सबूत आप अपनी कमाई में दिखा सकें। ऐसी ट्रांजेक्शन को अपनी आयकर रिटर्न में भी अवश्य दिखाएं। ऐसा करने से वह प्रॉपर्टी बेनामी के दायरे से बाहर रखी जा सकती है।
- प्रॉपर्टी से जुडे कुछ केस बेनामी ट्रांजेक्शन की वजह से काफी पेंचीदा हो जाते हैं। नए कानून की धारा 4 साफ-साफ कहती है की बेनामी संपत्ति को क्लेम करने के लिए उस व्यक्ति पर कोई केस या क्लेम नहीं किया जा सकता जिसके नाम वह प्रॉपर्टी है। यह धारा भी साफ कहती है कि किसी बेनामी प्रॉपर्टी के संबंध में किसी केस या क्लेम में उस व्यक्ति के खिलाफ कोई डिफेंस भी नही लिया जा सकता जिसके नाम वह प्रॉपर्टी है। ऐसे मामलों को बेनामी कानून की समझ रखने वाले वकील से उचित कानूनी परामर्श लेकर ही लडे वरना बाद में कोर्ट में हार का मुंह देखना पड सकता है।
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इस लेख के माध्यम से हमने हमारे पाठकों को बेनामी संपत्ति क्या है? | बेनामी संपत्ति कानून क्या है? | What is Benami Transection? इसके बारेमें जानकरी देने का पुरा प्रयास किया है। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा। यदि आपको और भी कानूनी जानकारी अथवा सलाह लेना चाहते है तो आप अपना सवाल और राय निचे कमेंट बॉक्स में आवश्य बताये। हम आनेवाले लेख में आपके सवाल का जिकर करके एक लख प्रकाशित करेंगे और आपके सवालों का जवाब देनेका पुरा प्रयास करेंगे। आप को ऐसे ही कानूनी जानकारी लेने के लिए आप हमारे पोर्टल apanahindi.com पर आवश्य भेट दे।
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