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वैकल्पिक विवाद समाधान | अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रेज्योल्यूशन | Alternative Dispute Resolution (ADR) | वैकल्पिक विवाद समाधान के लाभ | वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली PDF | विवादों का निपटारा | वैकल्पिक विवाद समाधान का कानून | वैकल्पिक विवाद समाधान का उद्देश्य क्या है?

वैकल्पिक विवाद समाधान | अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रेज्योल्यूशन | Alternative Dispute Resolution (ADR) | वैकल्पिक विवाद समाधान के लाभ | वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली PDF | विवादों का निपटारा | वैकल्पिक विवाद समाधान का कानून | वैकल्पिक विवाद समाधान का उद्देश्य क्या है?



जब भी कोई व्यक्ति अपना कोई विवाद बिना कोर्ट में केस को लडे सुलझाया जाता है उसे वैकल्पिक विवाद समाधान या अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रेज्योल्यूशन (ADR) कहते है। ADR में किसी भी विवाद का हल मुकदमेबाजी के अलावा किसी अन्य तकनीक के माध्यम किया जाता है। एडीआर का यह तरीका दुनिया भर में लोकप्रियता हासिल कर रहा है। दुर्भाग्य से, एडीआर तकनीके जो इतनी कारगर सिध्द है। आइये इस लेख के माध्यम से आज हम जानेंगे वैकल्पिक विवाद समाधान | अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रेज्योल्यूशन | Alternative Dispute Resolution (ADR) | वैकल्पिक विवाद समाधान के लाभ | वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली PDF | विवादों का निपटारा | वैकल्पिक विवाद समाधान का कानून | वैकल्पिक विवाद समाधान का उद्देश्य क्या है? जिसे हम एडीआर भी कहते है।

वैकल्पिक विवाद समाधान का उद्देश्य क्या है?

  1. मध्यस्थता एक ऐसा वैकल्पिक विवाद समाधान प्रक्रम है जिसमें दोनों पक्ष किसी तीसरे व्यक्ति के हस्तक्षेप के माध्यम से तथा बिना किसी तरह के न्यायालय का सहारा लिए बिना अपने विवादों का निपटान करवाते है।
  2. यह ऐसी विधि है जिसमें विवाद किसी नामित व्यक्ति, जिसे mediator कहते है, उनके सामने रखा जाता है और जो दोनों पक्षों को सुनने के बाद दोनों पक्षों को समझौते पर लाने की कोशिश करता है।
  3. अगर दोनों पक्षों में समझौता हो जाता है तो mediator समझौता पत्र पर दोनों पक्षों के हस्ताक्षर लेता है तथा स्वयं भी हस्ताक्षर करता है। फिर समझौता पत्र की कॉपी दोनों पक्षों को दे दी जाती है।


वैकल्पिक विवाद समाधान का कानून

  1. सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 की धारा 89 में वैकल्पिक विवाद समाधान (ADR) सिध्दांत को मान्यता दी गई है। इसके तहत कोर्ट किसी मामले को लोक अदालत, मध्यस्थता, सुलह व न्यायिक समझौते के लिए भेज सकता है।
  2. बहुत से कानूनों में भी एडीआर को मान्यता दी गई है जैसे कि कम्पनी अधिनियम, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम, हिंदू विवाह अधिनियम, रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम आदि।
  3. सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालयों के कई फैसलों से आपराधिक मामलों में भी एडीआर के तरीकों को पहचान मिली है। अब, कई गैर-गंभीर और निजी प्रकृति के अपराधों को ऐसे तरीकों का उपयोग करके तय किया जा रहा है।

वैकल्पिक विवाद समाधान के लाभ

  1. मुकदमेंबाजी के खर्चे से बचत होता है।
  2. मुकदमेंबाजी की अपेक्षा अत्यधिक समय की बचत होती है।
  3. मध्यस्था की प्रक्रिया गोपनीय होती है
  4. विवाद का निपटारा दोनों पक्षों के आपसी समझौते से होता है ना की किसी तीसरे व्यक्ति के फैसले से
  5. दोनों पक्षों के संबंध सामान्य व मधुर बने रहते है।

मध्यस्था केंद्र कहां होते हैं?

  1. आमतौर पर कोर्ट में मध्यस्थता केंद्र होते है। जहां पार्टीज को रेफर किया जाता है।
  2. इनके अलावा अन्य भी सरकारी और निजी मध्यस्था केंद्र होते है जहां लोग विवादों के समाधान के लिए जा सकते है।

कानूनी सलाह | विवादों का निपटारा

  1. जब भी कोई कानूनी विवाद हो तो आप अपने वकील से विवाद के संदर्भ में एडीआर की संभावनाओं पर जरूर चर्चा करें।
  2. किसी भी कानूनी विवाद से जुडा समझौता बिना उचित कानूनी परामर्श के ना करें।
  3. व्यक्तिगत तथा कामकाज से जुडे विवाद मध्यस्था से निपटाने पर निपटाने पर दोनों पक्षों के संबंध मधुर बने रहते है।


इस लेख के माध्यम से हमने हमारे पाठकों को वैकल्पिक विवाद समाधान | अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रेज्योल्यूशन | Alternative Dispute Resolution (ADR) | वैकल्पिक विवाद समाधान के लाभ | वैकल्पिक विवाद समाधान प्रणाली PDF | विवादों का निपटारा | वैकल्पिक विवाद समाधान का कानून | वैकल्पिक विवाद समाधान का उद्देश्य क्या है? के बारेमें संपूर्ण मार्गदर्शन देने का प्रयास किया है। आशा है के आपको यह लेख पसंद आया होगा। यदि आपको हमारा यह लेख पसंद आया है तो आप अपनी राय निचे कमेंट बॉक्स में दे सकते है। इसी तरह कानूनी जारकारी हासिल करने के लिए आप हमारे इस पोर्टल apanahindi.com पर जरूर व्हिजीट करें।



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