मानहानि क्या है? | What is Defamation in Hindi? | मानहानि कानून
इंसान को अपनी इज्जत बनाने में कई वर्षों लग जाते है लेकिन उसी इज्जत को गंवाने में एक पल ही काफी होता है। पिछले कुछ वर्षों में भारत में मानहानि के मामले तेजी से बढते जा रहें हैं। बडें-बडें बिजनेसमैन, राजनेताओं और सेलिब्रिटीज द्वारा मानहानि के मुकदमे टेलीविजन या अखबारों में आये दिन हम देखते ही रहते है। आइए इस लेख के माध्यम से हम मानहानि क्या है? | What is Defamation in Hindi? | मानहानि कानून इसके बारेमें विस्तार से जाननें कि कोशिश करते है।
मानहानि क्या है? | What is Defamation in Hindi?
- भारत के संविधान द्वारा प्रत्येक भारतीय नागरिक को अनुच्छेद 19(1) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है। परंन्तु यह मौलिक अधिकार कुछ प्रतिबंधों से घिरा हुआ है, जो संबिधान के अनुच्छेद 19(2) के तहत उल्लिखित किया गया है।
- किसी भी व्यक्ति के चरित्र और मान-सम्मान का हनन करने के हेतू से अथवा गलत या दुर्भावनापूर्ण स्टेटमेंट प्रकाशित करके ठोस पहुंचानेको मानहानि कहलाता है। मानहानि के पीछे मूल सिध्दांत यह है कि व्यक्ति की प्रतिष्ठा को धन और संपत्ति का हिस्सा माना गया है।
मानहानि के लिए तीन मुख्य आवश्यक बातें
- मानहानि से संबंधित सामग्री किसी प्रसारक माध्यम से प्रकाशित होनी चाहिए। मानहानिकारक स्टेटमेंट को किसी तीसरे व्यक्ति या और अधिक लोगों द्वारा सुना जाना चाहिए। जैसे की व्यक्तिगत रुप से बोली गई बातें मानहानि के दायरे में नहीं आ सकती।
- मानहानि करने वाली बात किसी दूसरे व्यक्ति के बारे में होनी चाहिए। अगर किसी व्यक्ति का अन्य किसी को बदनाम करने का इरादा नहीं है परंतु उसकी स्टेटमेंट से किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच रहा है तो वह भी मानहानि के दायरे में आता है।
- किसी व्यक्ति द्वारा दी गई स्टेटमेंट से मानहानि होनी चाहिए, अर्थात, किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान होना चाहिए। किसी भी स्टेटमेंट को मानहानि नहीं कहा जा सकता। ध्यान दें कि मृत व्यक्ति की भी मानहानि हो सकती है। मृत व्यक्ति के रिस्तेदार भी मानहानि का मुकदमा दायर कर सकतें है।
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मानहानी का कानून क्या है और उसका दंड क्या है?
मानहानि का केस सिविल अदालत के साथ-साथ आपराधिक अदालत में भी दायर किया जा सकता है।
- पीडित व्यक्ति उच्च न्यायालय या जिला न्यायालय में सिविल केस दायर कर सकता है। और मानहानि वाली स्टेटमेंट के कारण उसकी प्रतिष्ठा को हुए नुकसान के लिए मुआवजा भी मांग सकता है।
- भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के अंतर्गत मानहानि के लिए दो वर्ष तक का सादा कारावास और जुर्माना का प्रावधान किया गया है। यह असंज्ञेय और जमानतीय अपराध है।
कानूनी सलाह
- यदि किसी व्यक्ति ने आपकी मान-प्रतिष्ठा को हानि पहुंचाई है तो पहले उसके खिलाफ पुख्ता सबूत इकठ्ठा करें और फिर सिविल और अपराधिक दोनों मुकदमें दायर करें। केस दायर करने से पहले आप सामने वाली पार्टी को मानहानि का लीगल नोटिस भी भेज सकते है।
- मानहानि के मुकदमें में सबसे अच्छा डिफेंस सच है। किसी ने आप के ऊपर मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया है तो आप उचित कानूनी परामर्श के साथ उस केस को लडें और अपनी कही बातों को कोर्ट में सच साबित करें।
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