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चिकित्सा लापरवाही का अर्थ क्या है? | what is Medical Negligence in hindi | Medical Negligence in Hindi | चिकित्सा लापरवाही आपराधिक है या दीवानी? | डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई कैसे करें?

चिकित्सा लापरवाही का अर्थ क्या है? | what is Medical Negligence in hindi | Medical Negligence in Hindi | चिकित्सा लापरवाही आपराधिक है या दीवानी? | डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई कैसे करें?


मेडिकल प्रोफेशन को एक नोबल प्रोफेशन माना जाता है। इस छेत्र में काम करने वाले डॉक्टर्स अपने  कौशल से कई लोगों का इलाज करते रहते है और उन्हे जो  बिमारी है उससे निजात दिलाते है। कई बार तो किसी मरीज की जान अगर खतरे में होती है तो वे उसकी जान बचाने में अपती पूरी ताकद लगाते है और उनकी जान बचाते हैं। आईये इस लेख के माध्येम से चिकित्सा लापरवाही का अर्थ क्या है? | what is Medical Negligence in hindi | Medical Negligence in Hindi | चिकित्सा लापरवाही आपराधिक है या दीवानी? | डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई कैसे करें? इसके बारेमें संपुर्ण जानकारी हासिल करनेकी कोशिश करते है।



लेकीन कुछ डॉक्टर्स के लापरवाही कारण कई मरीजों को नुकसान हुवा है। दुर्भाग्य से इस तरह के चिकित्सीय लापरवाही के मामले आए दिन समाज में बढते जा रहे है। इस तरह के डॉक्टर, नर्सिग होम, अस्पताल इत्यादि की लापरवाही से न केवल मरीजों को काफी क्षति पहुंचती है और उन्हे नुकसान का सामना करना पडा है बल्कि कुछ मामलों में उनकी मृत्यु भी हो जाती है। आइए इस लेख के माध्यम से आज हम यह जानें कि चिकित्सा/डॉक्टर द्वारा लापरवाही करने पर कानूनी कार्यवाही Medical negligence in hindi के मामलों में क्या कदम उठा सकते हैं।



चिकित्सा लापरवाही का अर्थ क्या है?

  1. डॉक्टर के लिए यह आवश्यक है कि वे किसी भी मरीज का इलाज करते समय अपने ज्ञान और कौशल का इस्तेमाल करते हुए उचित सतर्कता बरतने का प्रयास करे। यदि डॉक्टर द्वारा इलाज में कोई लापरवाही किया जाता है, जिसकी वजह से मरीज को कोई क्षति या हानि हो जाती है तो उस डॉक्टर को चिकित्सीय लापरवाही का जिम्मेदार माना जाता है।
  2. यदि डॉक्टर द्वारा उचित सतर्कता बरतते हुए चिकित्सीय व्यावसाय में किसी मरीज का इलाज किया जाता है और उस मरीज को किसी भी प्रकार की क्षती या हानि हो जाती है, तो डॉक्टर को उसके लिए जिम्मेदार नहीं माना जाता हैं।



डॉक्टर के लिए लापरवाही का क्या तात्पर्य हैं।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए कई विभिन्न निर्णयों में एक डॉक्टर के लिए लापरवाही का क्या तात्पर्य हैं यह स्पष्ट किया गया है। वे कुछ इस प्रकार है।

  1. कोई डॉक्टरों को केवल इसलिए लापरवाह नहीं माना जा सकता कि मरिज के साथ कोई अप्रिय घटना घट गयी हैं। किसी मेडिकल प्रैक्टिशनर को सिर्फ तभी जिम्मेदार माना जाएगा जब उसका व्यवहार इस क्षेत्र में बुध्दि सम्पन्न सक्षम मेडिकल प्रैक्टिशनर के मापदंड से कहीं नीचे रहा हैं।
  2. लापरवाही का निर्धारण इस बात से होता है कि क्या डॉक्टर ने ऐसी कोई लापरवाही बरती है जो की उसी श्रेणी का सामान्य कौशल वाला डॉक्टर भी नहीं करेगा अगर वह सामान्य रूप से भी सावधान होता। अपेक्षित और संतुलित कौशल एकमात्र मानदंड हैं।


डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई कैसे करें? 

इंडियन मेडिकल काउंसिल अधिनियम 1956 के तहद मेडिकल लापरवाही से संबंधित शिकायतें

  1. मेडिकल लापरवाही से संबंधित शिकायतें आई.एम.सी. अधिनियम 1956 के तहत गठित राज्य चिकित्सा परिषदों के साथ की जा सकती हैं जहांपर आरोपी डॉक्टर पंजीकृत किया गया हैं।
  2. अगर कोई मरीज राज्य परिषद की कार्यवाही या निर्णय से संतुष्ट नहीं है तो मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया का दरवाजा खटखटाया जा सकता है।


चिकित्सीय लापरवाही करने से कंजूमर कोर्ट में शिकायत

  1. यदी किसी मरिज की मौत यह अन्य हानि होने की स्थिति में होजाती है तो उस मरिज के रिस्तेदार उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत कंजूमर कोर्ट में शिकायत करके मुआवजा मांगा जा सकता है।
  2. सुप्रीम कोर्ट ने सन 1995 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बनाम वी पी सनाथा में एतिहासिक फैसला सुनाया था जिसमे चिकित्सा पेशे को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंन्तर्गत  लाया गया था। जिससे कंजूमर कोर्ट मे शिकायत कि जा सकती है।


चिकित्सा लापरवाही आपराधिक है या दीवानी?

चिकित्या लापरवाही करने पर क्रिमीनल कारवाही की जाती है या या दिवानी यह जानना बेहद जरूरी है। इस तरह के लापरवाही मे दोनो प्रकार के मुकदमें दायर किये जाते है।


चिकित्सीय लापरवाही करने से क्यिमिनल केस

  1. अगर किसी डॉक्टर द्वारा इलाज में लापरवाही बरतने के लिए आप उसके खिलाफ कोई क्रिमिनल केस करना चाहते हैं, तो इसके बारे में भारतीय दंड संहिता यानी आई,पी,सी, की धारा 304, 337, और 338 के तहत क्रिमिनल केस कर सकते है। इन धाराओं के तहत लापरवाही करने वाले डॉक्टर को छह महीने से लेकर दो साल तक की सजा और जुर्माना अथवा दोंनो हो सकते हैं।
  2. आईपीसी 304 में वो मामले आते है जिनमे इलाज के दौरान डॉक्टर की लापरवाही के वजहसे मरीज की मौत हो जाती हैं। जब की आईपीसी 337 और 338 में वो मामले आते हैं जिसमे डॉक्टर की लापरवाही से मरीज को किसी प्रकार कि क्षति पहुंचती हैं।


चिकित्सीय लापरवाही करने से सिविल केस

  1. सिविल केस के बारे में कहें तो लापरवाही के वजह से होने वाले नुकसान के लिए डॉक्टर के साथ-साथ ही अस्पताल के सभी स्टाफ जैसै हेल्थ सेंटर और नर्सिंग होम उन के खिलाफ भी कोर्ट में सिविल केस किया जा सकता है जिन मामलों में मरीज या मरीज के परिजनों द्वारा नुकसान की भरपाई के लिए मुवाएजा मांगा जा सकता हैं।
  2. क्रिमिनल कार्यवाही की बजाय अगर कोई व्यक्ति सिविल कार्यावाही करता है तो वह ज्यादा सुविधाजनक हो सकता है और डॉक्टर की सिविल लायबिलिटी को साबित करना काफी आसान होता है।


कानूनी सलाह

  1. जब भी आप किसी डॉक्टर के पास कोई बिमारी का इलाज करवाएं तो केवल रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर के क्लीनिक अथवा अस्पतालों मे जाकर ही करवाए।
  2. जब भी आप किसी डॉक्टर के पास इलाज करवाएं तो उससे संबंधित सभी दस्तावेजों और बिलों को संभाल कर रखें। अगर आपको किसी चिकित्सीय लापरवाही का अंदेशा नजर आता है तो उससे संबंधित सबूतों को जूटाने में कोई परेशानी नही होगी और साथ ही उचित कार्यवाही करने की कोशिश करें।


इस लेख के माध्यम से हमने हमारे पाठकों कों चिकित्सा लापरवाही का अर्थ क्या है? | what is Medical Negligence in hindi | Medical Negligence in Hindi | चिकित्सा लापरवाही आपराधिक है या दीवानी? | डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई कैसे करें? और उससे संबंधित कार्यवाही कैसे कीया जा सकता है उसके बारे में पुरी जानकारी देने की कोशिश कि है। आशा है आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। एसे ही कानूनी जानकारी को सिखने के लिए आप हमारे इस पोर्टल apamahindi.com को अवश्य व्हिजीट करें।



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