अग्रिम जमानत क्या है? | What Is Anticipatory Bail in Hindi?
परिचय
अग्रिम जमानत न्यायालय द्वारा यह निर्देश है की जिसमें किसी भी अपराध के आरोपी को, उसके गिरफ्तार करने से पहले कोर्ट द्वारा जमानत दे दिया जाती है और आरोपी को को गिरफ्तार नहीं किया जाता। भारत मे कोई भी व्यक्ती को अगर यह डर लगे के उसे किसी गैर जमानती अपराध के आरोप मे गिरफ्तार कर सकते है। तब वह व्यक्ती वकिल के माध्यम से कोर्टम मे अग्रिम जमानत मिलने के लिए आवेदन कर सकता है। उसके आवेदन पर अदालत मे सुनवाई होकर सशर्त अग्रिम जमानत मंजूर किया जाता है। यह जमानत पुलिस की जांच खतम होने तक जारी रहता है। इसके बारेमे क्रिमिनल प्रोसिजर कोड 1973 के धारा 438 प्रावधान दिया गया है।
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अग्रिम जमानत क्या है?
अग्रिम जमानत यह बाकी जमानतो की तराह ही एक जमानत है। इसमे फर्क इतना ही होता है के, यह जमानत आरोपी को गिरफ्तार करने से पेहले कोर्ट द्वारा प्राप्त किया जाता है। यदी किसी व्यक्ती को गैर जमानती अपराध मे गिर्फतार होने का डर अथवा किसी पर झूटा एफ.आय.आर. मे फसाने का डर होता है तब वह व्यक्ती वकिल के माध्यम से कोर्ट मे अग्रिम जमानत के लिऐ आवेदन करता है। अग्रिम जमानत देना अथवा न देना यह न्यायाधिश के सोच पर निर्भर है| आरोपों की गंभीरता को देखने के बाद सच्चाई का पता लग जाने के बाद न्यायाधीश अग्रिम जमानत मंजूर कर देते है |
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अग्रिम जमानत के नियम क्या है?
क्रिमिनल प्रोसिजर कोड 1973 के सेक्शन 438 मे आरोपी को यदी किसी अपराध मे गिरफ्तारी का डर होता है तो वह आरोपी वकिल मार्फत न्यायालय मे अग्रिम जमानत के लिऐ आवेदर कर सकता है। इस धारा मे अग्रिम जमानत देने के बारेमे प्रावधान दिया गया है | इस धारा के अंतर्गत उन्हीं लोगो को अग्रिम जमानत मिल सकती है, जो किसी अपराध कोई हिस्सा नहीं होते। इस धारा के अनुसार व्यक्ती को उसके गिरफ्तारी होनेसे पहले न्यायालय में आवेदन करके बाद उसपर सुनवाई होकर अग्रिम जमानत मंजूरई जाती है। अगर किसी वजाह किसी व्यक्ति को किसी झूटे केस में फंसने की आशंका होती हैं। तब उस व्यक्ति को अग्रिम जमानत के लिऐ न्यायालय मे आवेदन करने का अधिकार प्राप्त होता है।
अग्रिम जमानत के लिऐ आवेदन कब किया जाता है?
यदी पुलिस द्वारा किसी व्यक्ती को आपराधिक मामले में गिरफ़्तारी होने की शंका होती है तब वह व्यक्ति गिरफ़्तार होने के पेहले कोर्ट मे आवेदन करके अग्रिम जमानत करवाने का अधिकार रखता है। अगर न्यायालय द्वारा उस व्यक्ती को अग्रिम जमानत प्राप्त हो जाता है, तो उस व्यक्ति को कानूनी तौर से जमानत होने के वजाह से गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।
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