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माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 | Maintenance and Welfare of Parents and Senior Citizens Act 2007

माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 | Maintenance and Welfare of Parents and Senior Citizens Act 2007


समाजमें बहोतसे ऐसे वृध्द व्यक्ती है जिनेक घरकी आर्थीक परिस्थिति बहोत अच्छी होते हुए भी उन्हे उनके बच्चों द्वारा ठिकसे खयाल नही रखा जाता अथवा वे वृध्द माता पिता को एक तो घरसे बेघर कर देते है। या फिर उनसे संपंत्ति छिनकर उन्हे कंगाल कर देते है और किसी वृध्दाश्रम में छोड आते है। और उनपर अंन्याय करते रहते है। भारत सरकार का एक अधिनिय है जो वृद्ध व्यक्तियों एवं माता-पिता के भरण-पोषण एवं देखरेख का एक प्रभावी व्यवस्था करती है। आईये इस लेख के माध्यम से आज हम माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 | Maintenance and Welfare of Parents and Senior Citizens Act 2007 क्या है इसके बारेमें जानकारी हासिल करनेकी कोशिश करते है।

माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007

  1. कोई वरिष्ठ नागरिक, जिसकी आयु 60 वर्ष अथवा उससे ज्यादा है इसके अंतर्गत माता पिता भी आते है, जो स्वयं आय अर्जित करने में असमर्थ है अथवा उनके स्वामित्वाधीन संपत्ति में से स्वयं का भरण पोषण करने में असमर्थ है, ऐसे व्यक्ति उक्त अधिनियम के अंतर्गत भरणपोषण हेतु आवेदन करने हेतु हकदार है।
  2. भरणपोषण का आवेदन वरिष्ठ नागरिक, माता—पिता अपने क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के समक्ष पेश कर सते है। न्यायालय का विधिक दायित्व है कि वे आवेदन की सुनवाई कर उसका निराकरण करें।
  3. वरिष्ठ नागरिक, माता पिता को भरणपोषण खर्च पाने का पात्रता आय अर्जित करने वाले वयस्क पुत्र, पौत्री से प्राप्त करने का अधिकार है।
  4. अनुविभागीय अधिकारी (राज्यस्व) न्यायालय द्वारा अधिकतम 10000/- दम हजार रुपये तक प्रतिमास का भरण पोषण खर्च वरिष्ठ नागरिक, माता पिता को दियाया जा सकता है।
  5. संबंधित न्यायालय द्वारा आदेश की एक प्रति निःशुल्क आवेदकर्ता को प्रदात्त किये जाने का भी प्रावधान है।
  6. वरिष्ठ नागरिक या माता पिता उक्त अधिनियम के अंतर्गत भरणपोषण का आवेदन पेश कर सकते है, अथवा दंण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के प्रावधान के अंतर्गत न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी के न्यायालय में भी आवेदन पेश करने हेतु सक्षम है।
  7. अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) न्यायालय द्वारा पारित किये गये आदेश के विरुध्द अपील उस जिले के जिला मजिस्ट्रैट अथव कलेक्टर को होगी।
  8. उक्त अधिकनियम के अंन्तर्गत इस बात का भी प्रावधान किया गया है कि राज्य सरकार प्रत्येक जिले में कम से कम एक वृध्दाश्रम स्थापित करेगी और उसका अनुरक्षण भी करेंगी।
  9. इस बात का भी प्रावधान किया गया है। कि राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिकों को चिकित्सा सहायता हेतु यथा संभव प्रयास करेगी और उन्हे निःशुल्क चिकित्सा की सुविधा प्रदत्त करवायी जायेगी।
  10. इस बात का भी प्रावधान किया गया है कि वरिष्ठ नागरिक के जीवन और संपत्ति की रक्षा को सुनिश्चित करने के सभी उपाय राज्य सरकार द्वारा किये जायेंगें।


इस लेख के माध्यम से आज हमने हमारे पाठकों को माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 | Maintenance and Welfare of Parents and Senior Citizens Act 2007 क्या है इसके बारेमें जानकारी देनेका पुरा प्रयासकिया है। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा। इसी तरह कानूनी जानकारी सिखने के लिए आप हमारे इसपोर्टल apanahindi.com आवष्य भेट दें।



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