बंदियों के वैधानिक कर्तव्य और कारागार अपराध | Prisoner's statutory duties and prison offences
समाज से अपराधियों की संख्या कम करने के लिये कारागार महतवपूर्ण भूमिका निभाते हैं। क्योंकी कारागार द्वारा अपराधियों को समाज से दुर रखना सम्भव होता है। कारागारों में बंगियों के सुधार की ओर विशेष रुपसे ध्यान दिया जा रहा है। क्योंकी बंदियोंकी कालावधि समाप्त होने के बाद उन्हे समाज में पुर्नस्थापना होनेके लिए आसान हो हो सके। वर्तमान में कारागार व्यवस्था में उपचारात्मक पद्धति को अधिकाधिक महत्व दिया जा रहा हैं ताकि बंदियों का व्यक्तित्व नष्ट न हो सके। अपराधों के प्रति समाज का कुछ भी दृष्टिकोण हो, लेकिन अपराधियों को कारागारों में रखे जाने के परिणामस्वरूप उनके सुधार, पुनर्वास, उपचार आदि जैसी अनेक समस्याएँ कारागार प्रशासन करती हैं। आधुनिक युगमें कारागार सुधार-गृह के रूप में कार्य कर रहे हैं। और साथ ही कारागार में रहने वाले बंदियों का यह वैधानिक कर्तव्य है कि वे कारागार अधिनियम 1894 की धारा 45 सहपठित धारा 52/59 के तह विषेश रुप से उल्लेखित किया गया है, उल्लेखित प्रावधानों का उल्लंघन करने पर बंदी पृथक से दंड के भागी भी होंगे। आईये इस लेख के मध्यमसे आज हम बंदियों के वैधानिक कर्तव्य और कारागार अपराध | Prisoner's statutory duties and prison offences के बारेमें जानकारी हासिल करनेकी कोशिश करते है।
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धारा 45 कारागार अधिनियम 1894
धारा—45 कारागार – अपराध (Prison Offence) –
निम्नलिखित कार्य, जब वे किसी बंदी द्वारा किए जाएं, तब कारागार – अपराध घोषित किया जाता हैंः—
- कारागार के किसी विनियम की जान बूझकर ऐसी अवज्ञा, जिसे धारा 59 के अधीन बनाए गए नियमों द्वारा कारागार – अपराध घोशित किया गया है।
- कोई हमला या आपराधिक बल का प्रयोग।
- अपमानजनक या धमकी भरी भाषा का प्रयोग।
- अनैतिक या अशिष्ट या अमर्यादित आचरण।
- श्रम करने से अपने को जान – बूझकर असमर्थ बना देना।
- काम करने से धृष्टतापूर्वक इंकार करना।
- हथकडियों, बेडियों या सलाखों को सम्यक अधिकार के बिना रेंतना, काटना हेरफेर करना या उन्हे हटाना।
- किसी ऐसे बंदी द्वारा जिसे कठिन कारावास का दंड दिया गया है, काम पर जान बूझकर आलस्य या उपेक्षा करना।
- किसी ऐसे बंदी द्वारा जिसे कठिन कारावास का दंड दिया गया है, जान बूझकर काम का कुप्रबंध करना।
- कारागार संपत्ति को जान बूझकर नुकसान पहुंचाना।
- वृत्त पत्रों, अभिलेखों या दस्तावेजों को बिगाडना या विरुपित करना।
- कोई प्रतिषिध्द वस्तु प्राप्त करना, अपने पास रखना या अंतरित करना।
- रुग्णता का ढोंग करना।
- किसी अधिकारी या बंदी के विरुध्द जान बूझकर कोई झूठा आरोप लगाना।
- आग लगाने का कुचक्र या षडयंत्र रचने, भाग निकलने अथवा भाग निकालने के प्रयत्न या तैयारी की तथा किसी बंदी का कारागार पदाधिकारी पर किसी आक्रमण की तैयारी की जैसे ही उसकी जानकारी हो जाए, रिपोर्ट न करना और रिपोर्ट से इंकार करना।
- निकल भागने का षडयंत्र रचना अथवा निकल भागने में सहायता करना अथवा पूर्वक्त अपराधों से कोई अन्य अपराध करना।
आज हमने हमारे पाठकों को इस लेख के माध्यम से बंदियों के वैधानिक कर्तव्य और कारागार अपराध | Prisoner's statutory duties and prison offences के बारेमें जानकारी देने का प्रयास किया है। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा। इसीतरह कानूनी जानकारी सिखने के लिए आप हमारे इस पोर्टल apanahinsi.com पर आवश्य भेट दें। साथ ही यह जानकारी सभितक पहुंचाने के लिए अपने दोस्तों के साथ Whatsapp और Facebook पर आवश्य शेयर करें।
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