भारतीय राष्ट्रीय ध्वज एवं राष्ट्रगान संबंधी ज्ञान | Knowledge of Indian National Flag and National Anthem
राष्टीय ध्वज और राष्ट्रीय गान का सम्मान करना यह भारत के प्रत्येक नागरिक का मौलिक कर्तव्य है। संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का प्रारूप 22 जुलाई 1947 को अपनाया। ध्वज में समान अनुपात वाली तीन आड़ी पट्टियाँ हैं जो केसरिया, सफेद और हरे रंग की हैं। ध्वज के सबसे ऊपर केसरिया रंग है जो जगृति, शौर्य तथा त्याग का प्रतीक है। बीच में सफेद रंग जो सत्य एवं पवित्रता का प्रतिक है तथा सबसे नीचा गहरा हरा रंग है जो जीवन समृद्धि का प्रतिक है। राष्ट्रीय गान जो संविधान सभा द्वारा राष्ट्रीय गान जन-गण-मन को 24 जनवरी 1950 को अंगीकृत किया गया। इसे रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया हैं । राष्ट्रीय गायन का समय 52 सेकेंड का है। किन्तु कुछ अवसरों पर इसे संक्षिप्त रूप में भी गाया जाता है जिसका समय 20 सेकेंड गिना जाता है। राष्ट्रगान में कुल 13 पंक्तियाँ हैं। इस गान को सर्वप्रथम 1911 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था। आइये इस लेख के माध्यम से आज हम भारतीय राष्ट्रीय ध्वज एवं राष्ट्रगान संबंधी ज्ञान | Knowledge of Indian National Flag and National Anthem के बारेमें जानकारी हासिल करने की कोशीश करते है।
राष्टीय ध्वज
1) 22 जुलाई 1947 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान सभा के समक्ष राष्ट्रीय ध्वज प्रस्तुत कर पंजीकृत किये जाने का प्रस्ताव रखा। जिसका स्वरुप एवं प्रारुप अंगीकृत किया गया और 15 अगस्त 1947 के राष्ट्रीय ध्वज प्रथम बार दिल्ली में सचिवालय पर फहराया गया जो राष्ट्रीय संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है।
2) राष्ट्रीय ध्वज राष्ट्र की भावना, राष्ट्रीय परंपरा संस्कृति को प्रतिदर्शित करता है और नई परंपराओं नई विचारधारा, नये विकास और मानवता की सुख समृध्दि को अंगीकृत करता है। इसकी विशेषता इसकी निरंतरता में है। यह त्याग की भावना को प्रदर्शित करता है। यह प्रत्येक भारतीय को याद दिलाता है, भारत के लोगों के स्वतंत्रता आंदोलन में बलिदान की व भारतीयों की आशाओं, इच्छाओं, राष्ट्र के आदर्शो, आकांक्षाओं, अहिंसा व शांति का प्रतिक है।
3) राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन को नियंत्रित करते हुए भारत सरकार ने ध्वज संहिता निर्मित की है। जिससे लोगों को राष्ट्रीय ध्वज के सही उपयोग के प्रति जागरुक हो सके। राष्ट्रीय ध्वज विभिन्न अवसरों पर फहराया जाता है और इसका सही प्रयोग किस प्रकार किया जाय इसके लिए ध्वज संहिता में हिदायतें दी है।
4) जब किसी भी ध्वज सरकारी तौर पर फहराया जाये तो सिर्फ ऐसा ध्वज काम में लाया जायेगा जो भारतीय मानक संस्थान (इंडियन स्टेण्डर्डस इंस्टीट्यूशन) के निर्धारित विशिष्टियों के अनुरूप हो और जिस पर संस्थान का मानक चिन्ह भी लगा हो। दूसरे अवसरों पर भी अच्छा यही है कि उपयुक्त आकर के ऐसे ध्वज फहराये जाये।
नीचे बताये गये मानाक आकार के राष्ट्रीय ध्वज मिलते हैंः-
- (1) 2’ X 14’
- (2) 12’ X 8’
- (3) 6’ X 4’
- (4) 3’ X 2’
- (5) 9’ X 6’
- (6) 2’ X 14’
फहराये जाने के उपयुक्त आकार के ध्वज का चुनाव करना चाहिए। सबसे छोटा ध्वज मोटर कार के लिए है।
नोटः- राष्ट्रीय ध्वज पांच मानक आकारों में मिलता है। मेसर्स खादी ग्रामोद्योग भंण्डार, मुंबई, भारतीय मानक संस्थान द्वारा निर्धारित विशिष्टियों एवं किस्म के अनुसार सूती खादी के राष्ट्रीय ध्वज बनते है।
5) आमतौर पर राष्ट्रीय ध्वज महत्वपूर्ण सार्वजनिक इमारतों जैसे उच्च न्यायालयों, सजिवालय, कमिश्नर कार्यालयों, जिला कचहरियों, जेल तथा जिला मंडल के कार्यालयों, नगर पालिकाओं तथा जिला परिषदों जैसी मुख्य सार्वजनिक इमारतों पर फहराया जायेगा। सीमांत क्षेत्रों में सीमा शुल्क चौकियों, जांच (बैंक, पोस्ट, सीमा चौकियों, आउट पोस्ट) और दूसरी ऐसी खास जगहों पर, जाहां कि ध्वज फहरने का विशेष महत्व होता है ध्वज फहराया जा सकता है। इसके अलावा सीमांत प्रहरियों (बार्डर पेट्रोल) के शिविरों पर भी ध्वज फहराया जा सकता है।
6) निम्नलिखित महान्रुभावों के मुख्यालयों पर उनके स्थायी निवास स्थानों और मुख्यालय से बाहर जाहां यह वास करें, राष्ट्रीय ध्वज फहराया जायेगा तथा जैसी ही ऐसे महानुभाव उस स्थान को छोडते हैं तब राष्ट्रीय ध्वज उतार दिया जायेगा और जैसे ही वह ऐसी इमारत में वापस पदार्पित करते है राष्ट्रीय ध्वज पुनः फहराया जायेगा।
a. राष्ट्रपति
b. उप-राष्ट्रपति
c. राज्यपाल
d. लेफ्टीनेंट गवर्नर
बाहर के देशों में जहां कि राजनायिक प्रतिनिधियों में अपना राष्ट्रीय ध्वज सरकारी निवास स्थानों पर फहराने की परंपरा है, दूतावासों के अध्यक्ष ध्वज फहरा सकते है। ऐसी ही ध्वज फहराया जा सकता है।
7) शिक्षण संस्थानों, खेल – कूद शिवारों में ध्वज फहराना— राष्ट्रीय ध्वज स्कूलों कालेजों, खेल-कूद शिविरों तथा बाल शिविरों आदि में विशेष अवसरों पर और साथ ही राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान बढाने के लिए फहराया जा सकता है, इस संबंध में मार्गदर्शन के लिए निर्देश अनुबंध में दिये गये हैं।
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ध्वज फहरानें के लिए निर्देशः-
- स्कूल के विद्यार्थी एक खुले वर्ग की आकृति बनाकर इकठ्ठे होंगे, जिसकी तीन भुजाओं पर विद्यार्थी खडे होंगे और चौथी भुजा के बीच में ध्वजदंण्ड गडा होगा। मुख्य अध्यापक, मुख्या छात्रा को फहराने वाला व्यक्ति (यदि वह मुख्य अध्यापक न होकर कोई दूसरा हो) ध्वज के डंडे से तीन कदम पीछे खडें होंगे।
- छात्र कक्षा क्रम से दस-दस के दल में (अथवा कुल संख्या के अनुसार किसी दूसरे हिसाब से) खडे होंगे ये एक के पीछे एक होंगे। कक्षा का मुख्य छात्र अपनी कक्षा की पहली पंक्ति की दायी ओर से रहे बाद में उतरते क्रम से और कक्षाएं आयें।
- हर पंक्ति के बीच कम से कम एक कदम (30इंच) का फासला होना चाहिए और उतना ही फासला हर कक्षा के बीच में होना चाहिए।
- जब हर कक्षा तैयार हो जाये तो कक्षा का नेता आगे बढकर स्कूल के चुने हुए छात्र नेता को अभिवादन करेगा। जब सारी कक्षाएं तैयार हो जाये ते स्कूल का छात्र नेता मुख्य अध्यापक की ओर बढकर उसका अभिवादन करेगा। इसके बाद ध्वज फहराया जायेगा। इसमें स्कूल छात्र नेता सहायता कर सकता है। स्कूल का छात्र नेता जिसे परेड (या सभा) का भार सौंपा गया है ध्वज फहराने से ठीक पहले परेड को सांवधान हो जाने की आज्ञा देगा और ध्वज के लहराने पर अभिवादन करने की आज्ञा देगा। परेड कुछ देर तक अभिवादन की अवस्था में रहेगी और फिर आर्डर का आदेश पाने पर सावधान अवस्था में जा जायेगी।
- ध्वज अभिवादन के बाद राष्ट्रगान (जन गण मन) होगा। उस समय परेड सावधान अवस्था में रहेगी।
- शपथ लेने के सभी अवसरों पर शपथ राष्ट्रगान के बाद ली जायेगी शपथ लेने के समय सभा आवधान अवस्था में रहेगी।
इस लेख के माध्यम से हमने हमारे पाठकों को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज एवं राष्ट्रगान संबंधी ज्ञान | Knowledge of Indian National Flag and National Anthem यह जानकारी देने का प्रयास किया है। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा। इसी तरह कानूनी जानकारी हासिल करने के लिऐ आप हमारे इस पोर्टल apanahindi.com पर आवश्य भेट दे। और इस जानकारी को अपने दोस्तो और जानकारों के साथ जरूर शेयर करे।
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