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निःशुल्क कानूनी सहायता सलाह क्या है | What Is Free Legal Aid Advice

निःशुल्क कानूनी सहायता सलाह क्या है | What Is Free Legal Aid Advice


न्याय सबके लिए है, न्यायपाने का सभी को समान अधिकार है। यदि आप अपना प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत करना चाहते है, या आपका कोई प्रकरण न्यायालय में लंम्बित है? तो आपकी गरीबी आपको न्याय दिलाने में रुकावट नहीं होगी,अब आपके प्रकरणों में तहसील स्तरीय न्यायालय से उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय तक न्याय दिलाये जाने हेतु विदिक सेवा समितियां, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय विधिक सेवा समितियां कार्य कर रहे है। आइये इस लेखके माध्यम से आज हम निःशुल्क कानूनी सहायता सलाह क्या है | What Is Free Legal Aid Advice इसके बारेमें जानकारी हासिल करने की कोशिश करते है।



कौन-कौन व्यक्ति विधिक सेवा/विधिक सलाह पाने का हकदार है:-

  1. वह व्यक्ति जो अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति का सदस्य है।
  2. वह व्यक्ति जो मानव दुर्वयवहारों से या बेगारों से सताया गया है।
  3. स्त्री या बालक है।
  4. मानसिक रुप से अस्वस्थ अभाव जैसे बहु-विनाश, जातीय हिंसा, अत्याचार, बाढ-सूखा, औद्योगीक विनाश की दशाओं के अधीन सताया हुआ है, या
  5. कोई औद्योगिक कर्माकार या,
  6. अभिरक्षा में है जिसके अंतर्गत अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम 1956 के अंतर्गत किसी संरक्षण गृह में या किशोर मनश्चिकित्सीय अस्पताल परिचर्या गृह में रखा गया व्यक्ति भी है, या
  7. यदि मामला उच्चतम न्यायालय से भिन्न किसी अन्य न्यायालय के समक्ष है भारत का कोई नागरिक जिसकी समस्त स्त्रोत से वार्षिक आय 1 लाख से अधिक न हो विधिक सेवा पाने का हकदार होगा।



विधिक सेवा एवं सलाह किन-किन रुपों में प्राप्त की जा सकेगी—

  1. कोर्ट फिस, आदेशिका फीस, साक्षियों तथा पेपर बुक के व्यय, वकील फीस और कानूनी कार्यवाही के संबंध में देय समस्त खर्च, कानूनी कार्यवाहियों में वकील उपलब्ध कराना।
  2. कानूनी कार्यवाहियों में निर्णय आदेशों, साक्ष्य की टिप्पणियों तथा अन्य दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपियां उपलब्ध कराना।
  3. कानूनी कार्यवाहियों में पेपर बुक तैयार करना, जिसमें दस्तावेजों, मुद्राण-टंकण तथा अनुवाद के खर्च सम्मिलित है।
  4. कानूनी दस्तावेदों का प्रारुपण कराना।
  5. किसी मामले में कानूनी सलाह देना।



विधिक सहायता किन अदालतों में प्राप्त कि जा सकती है:-

विधिक सहायता जिले तथा तहसील में स्थित दीवानी, फौजदारी, राजस्व सहित सभी न्यायालाय, उच्च न्यायालय, राजस्व मंडल एवं सर्वोच्च न्यायालय हेतु प्राप्त की जा सकती है।



विधिक सेवा के लिए आवेदन कैसे करें—

  1. विधिक सहायता के लिए आवेदन पत्र जिले में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण या जिला विधिक सहायता अधिकारी को।
  2. तहसील में स्थित व्यवहार न्यायलय में पदस्थ वरिष्ठ न्यायाधीश को।
  3. उच्च न्यायालय के लिए सचिव, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति को।
  4. सुप्रीम कोर्ट के लिए सचिव सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेस कमेटी नई दिल्ली को।
  5. आवेदन पत्र संबंधित न्यायालय के न्यायाधीश को भी दिये जा सकते है।



मजिस्ट्रेट न्यायालय में विधिक सहायता अधिवक्ता—

प्रतिनिधित्व विहीन व्यक्तियों को अभिरक्षा अवधि में न्यायाल में सम्मानजनक पैरवी सुनिश्चित करने एवं सुरक्षा प्रदान करने के लिए रिमाण्ड का विरोध करने, जमानत कराने तथा मजिस्ट्रेट न्यायालय में पैरवी कराने हेतु विधिक सहायता अधिवक्ता की नियुक्ति की गयी है ताकि प्रतिनिधित्व विहीन अभिरक्षा में रह रहे व्यक्तियों को समानता के आधार पर न्याय प्राप्त हो सके। जिला तथा तहसील के न्यायिक तथा कार्यपालिक दंडाधिकारी के न्यायालय हेतु अधिवक्ताओं की नियुक्ति की गयी है। अभिरक्षाधीन व्यक्ति विधिक सहायता अधिवक्ता के माध्यम से पैरवी कराने हेतु आवेदन कर सकते है।



विधिक सेवा ऑन लाईन—

दूरस्थ ग्रामीण एवं वनांचल में रहने वाले विधिक सेवा ऑन लाईन के जरिये विधिक सेवा योजनाओं की जानकारी तथा निःशुल्क विधिक सलाह प्राप्त कर सकते है, उसके लिए प्रत्येक जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों में ऑनलाईन टेलीफोन स्थिपित है।



आज हमने हमारे पाठकों को इस लेख के माघ्यम से निःशुल्क कानूनी सहायता सलाह क्या है | What Is Free Legal Aid Advice इसके बारेमें जानकारी देनेका पुरा प्रयास किया है। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा। इसीतरह कानूनी जानकारी सिखने के लिए और हासिल करने के लिए। आप हमारे इस पोर्टल apanahindi.com पर आवश्यभेट दें।




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