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दैनिक उपयोगी कानून की जानकारी | Daily Useful Legal Information

दैनिक उपयोगी कानून की जानकारी | Daily Useful Legal Information


सभी नागरिकों को रोज के जिवनमें कही ना कही कानूनी जानकारी की आवश्यक्ता होती ही है। तब वह उसके लिए किसी वकिल या कोई कानूनी की जानकारी रखनेवाले व्यक्ति के पास जाता है। और जानकारी लेता है। कोई जानकारी सही देता है तो कोई गलत जानाकारी देता है। तो आईये इस लेख के माध्यम से आज हम दैनिक उपयोगी कानून की जानकारी | Daily Useful Legal Information यह जानकारी हासिल करने की पुरी कोशिश करते है।



दैनिक उपयोगी कानून की जानकारी | Daily Useful Legal Information

    1. 18 साल के उम्र के बाद लडकी बालिक हो जाती है और उसके बाद उसे अपनी जिंदगी के फैसले खुद लेने का पूरा अधिकार मिल जाता है।
    2. कानूनी तौर पर कोई भी व्यक्ति किसी बालिग को उसकी इच्छा के विरुध्द कुछ भी करने को मजबूर नहीं कर सकता, यहां तक कि अभिभावक (माता/पिता या संरक्षक) को भी इस बारे में कोई हक प्राप्त नहीं है।
    3. पति—पत्नी के विवाद के चलते पति, पत्नी को घर से बेदखल नहीं कर सकता। ऐसा होने पर वह घरेलू हिंसा कानून के पतह मजिस्ट्रेट के न्यायालय में आवेदन पेश कर तुरंत राहत ले सकती है।
    4. तलाक के 7 वर्षो तक बच्चे पर मां का ही कानूनी अधिकार रहता है। उसके बाद न्यायालय द्वारा बच्चे का हित देखते हुए अनुतोष दिया जाता है।
    5. लडकियों को भी लडकों की तरह पिता की संपत्ति में बराबर का कानूनी अधिकार प्राप्त है।
    6. पुलिस हिरासत में किसी भी व्यक्ति को सताना, मारपीट करना या किसी अन्य तरह से यातना देना एक गंभीर अपराध माना गया है।
    7. किसी की गिरफ्तारी के समय पुलिस को उसे यह बताना आवश्यक है कि उसका अपराध जमानती है या गैर जमानती।
    8. सिर्फ एक महिला पुलिस अफसर ही मदिला के शरीर की तलाशी ले सकती है।
    9. थाने में रिपोर्ट मुहजबानी या लिखित हो सकती है। रिपोर्ट की एक प्रति पाने का सभी को कानूनन हक है।
    10. थाने में रिपोर्ट न लिखे जाने पर उसकी शिकायत उस थाने के उच्चाधिकारियों से की जा सकती है अथवा पंजीकृत डाक से पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट भेजी जा सकती है अथवा अदालत में परिवाद (Complaint) भी पेश किया जा सकता है।
    11. घरेलू हिंसा की शिकार महिला, मजिस्ट्रेट के समक्ष अपनी शिकायत का आवेदन पेश कर सकती है, जिसकी सुनवायी मजिस्टेट 3 दिनों के अंदर सम्पादित करेगा और फैसला 60 दिनों के अंदर देगा।
    12. जिस घर में महिला निवास कर रही हो, वहां से उसे जबरन नहीं निकाला जा सकता। मजिस्ट्रेट को आवेदान देने पर वह उस महिला को संबंधित निवास में फिर निवास करने का आदेश दे सकता है।
    13. दहेज देना, लेना या दहेज की मांग करने को कानूनी रुप से दंडनीय अपराध बनाया गया है, जिसकी शिकायत थाने या मजिस्ट्रेट के न्यायालय में की जा सकती है।
    14. शादी—शुदा महिला भरण—पोषण के लिए न्यायालय में साधारण आवेदन पेश कर सकती है।
    15. कोई भी वरिष्ठ नागरिक, जो स्वयं आय अर्जित करने में असमर्थ है, आय अर्जित करने वाले पुत्र—पुत्री, पौत्र—पौत्री से अधिकतम दस हजार रुपये तक भरण—पोषण पाने का अधिकारी हो सकता है। इस हेतु उसे एस.डी.ओ.(राजस्व) के न्यायालय में आवेदन करना होगा।
    16. बलात्कार होने की स्थिति में संबंधित महिला को तुरंत घटना की जानकारी सगे—संबंधी व दोस्तों को देनी चाहिए। थाने में रिपोर्ट लिकानी चाहिए। तत्काल डाक्टरी जांच भी करानी चाहिए और उस जांच के पूर्व तक स्नान करने से बचना चाहिए। घटना के समय पहने हुए कपडों को उसे धोना नहीं चाहिए और पुलिसको उसे जप्त कराना चाहिए तथा रिपोर्ट की एक प्रति कानूनन मुफ्त लेनी चाहिए। प्रत्येक कार्य स्थल पर कार्यरत महिला कर्मचारी को उनके विरुध्द होने वाले यौन उत्पीडन पर तत्काल उसकी सूचना लिखनत या मौखिक रुप से अपने नियोक्ता को देनी चाहिए और संबंधित नियोक्ता को तत्काल शिकायत कमेटी से उसकी जांच करानी चाहिए।
    17. 21 वर्ष से कम के पुरूष और 18 वर्ष से कम युवती के मध्य विवाह गैर काननी है, इसलिए बालिग होने पर ही विवाह किया जाना चाहिए, अन्यथा वे दंड के भागी हो सकते है।
    18. देश का प्रत्येक नागरिक सूचना का अधिकार कानून के अंतर्गत किसी बी लोक निकाय से अपने काम की सूचना प्राप्त कर सकता है, जिसके लिए उसे आवेदन के साथ 10/- रुपये का नान—ज्युडिशियल स्टाम्प, नगर या चालान या मनीआर्डर से राशि अदा करनी होगी।
    19. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून के तहत प्रत्येक गांव के वयस्क को 100 दिन तक रोजगार प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।
    20. जिला में स्थित जिला अदालत/जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तथा तहसील में स्थित तहसील विधिक सेवा प्राधिकरण से कोई भी व्यक्ति, जनकी आय एक लाख रुपये वार्षीक से कम है, वे व्यक्ति अदालती कार्यवाही हेतु निःशुल्क विधिक सेवा प्राप्त करने के अधिकारी है।
    21. भारत सरकार द्वारा बनायी गई तोषण निधि योजना, 1989 के अनुसार दुर्घटना में किसी वाहन से, जिसका विवरण पता न हो, किसी व्यक्ति की मृत्यु होने प उसके वारिसों को 25000/- रुपये, घायलशुदा व्यक्ति को 12500/- रुपये मुआवजा जिला कलेक्टर अथवा उनके अधीनस्थ अधिकारी को आवेदन दिए जाने पर दिलाए जाने का प्रावधान किया गया है।
    22. दुर्घटना कारित करने वाली वाहन व वाहन का नंबर जहां पत हो, तो उस संबंध में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में आवेदन कर उचित व पर्याप्त क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त की जा सकती है।
    23. बाजार से उपभोग करने हेतु प्राप्त की जाने वाली वस्तुओं की सेवाओं में कमी, वस्तुओं में मिलावट होने की स्थिति या उपभोक्ता का शोषण होने की स्थिति में उस उपभोक्ता को एक आवेदन जिला मुख्यालय में स्थित जिला उपभोक्ता न्यायालय में उचित मुआवजा अनुतोष हेतु पेश करना चाहिए। इसके लिए उसे दस्तावेज के रुप में सामग्री क्रय किये जाने से संबंधित रसीद व अन्य दस्तावेज वारंटी/गारंटी कार्ड इत्यादि भी पेश करने चाहिए।
    24. भ्रष्टाचार रोकने के लिए तथा भ्रष्ट सेवक को दंडित कराने के लिए उस लोक सेवक के खिलाफ लिखित शिकायत राज्य शासन द्वारा गठित विशेष शिकायत सेल या एंटीकरप्शन ब्यूरो या आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो को करनी चाहिए।
    25. कोई भी व्यावसायी, जो वस्तुओं के पूर्व से ही प्रिंटेड रेट पर स्टीकर चिपकाकर नवीन रेट प्राइस लिखता है, वह पूर्णतया गैरकानूनी कृत्य है, जो पैकेजिंग रुल्स के विरुध्द है। उपभोक्ता उसके विरुध्द जिला न्यायालय में अर्जीत दे सकता है, जिला उपभोक्ता न्यायालय, जो कलेक्ट्रेट परिसर मे है, उनके समक्ष शिकायत दर्ज करा सकता है।
    26. बालिग हिंदू महिला—पुरूष के विवाह हेतु कर्मकाण्ड (अग्नि के समक्ष मंत्रोच्चार सात फेरे) आवश्यकता है, किसी मंदिर में माला बदलने या सिंदूर लगा दिए जाने से विवाह संपन्न नही होता है। उसकी कोई कानूनी मान्यता नहीं होगी।
    27. प्रत्येक कलेक्टर कार्यालय में विवाह अधिकारी नियुक्त होता है। उसके समक्ष महिला व पुरूष उचित आवेदन पत्र भरकर शपथ पत्र सहित आयु संबंधी प्रमाण पत्र लगाकर कानूनन विवाह कर सकते है। उसकी मान्यता वेद या अग्नि के समक्ष किए गए विवाह से किसी भी तरह से कम नहीं होती है। यह सबसे कम खर्चीला कानूनी विवाह होता है।
    28. जिला न्यायालय में जनोपयोगी सेवा से संबंधित स्थायी लोक अदालत है, जिसमें कोई भी नागरिक, जो लोकोपयोगी सेवा, जिसमें परिवहन (सडक, वायु या जल द्वारा सेवा) पोस्ट आफिस, टेलीग्राम, टेलीफोन विद्युत आपूर्ति, रोशनी लोगो हेतु जल सेवा वाले किसी भी संस्था द्वारा प्रदाय होती हो, स्वच्छता संबंधी सुविधाओं की सेवा, अस्पताल अथवा डिस्पेंसरी संबंधी सेवा बीमा संबंधी सेवा जो राज्य शासन अथवा केंद्रीय शासन से संबंधित हो, उन संस्थाओं के विरुध्द एक साधारण या सामान्य आवेदन बिना शुल्क का पेश किया जा सकता है और संबंधित स्थायी लोक अदालत से अतिशीघ्र अनुतोष प्राप्त किया जा सकता है।
    29. पहली पत्नी के जीते जी दूसरी शादी करना कानूनन अपराध है। पहली पत्नी, चाहे तो पति के खिलाफ थाने में या सीधे मजिस्ट्रेट के न्यायालय में शिकायत दर्ज करा सकती है। कानूनन उस पति को सात साल कैद की सजा हो सकती है।
    30. पहली पत्नी की सहमति से भी गई दूसरी शादी गैर कानूनी होती है और ऐसी दूसरी पत्नी कानूनन अपने पति की संपत्ति में कोई हक या भरण—पोषण खर्चा पाने की अधिकारिणी नहीं होती है।
    31. किसी विवाहित स्त्री की मृत्यु अग्नि या शारिरीक क्षति द्वारा कारित की जाती है और ऐसी मृत्यु के कुछ समय पूर्व उसके पति या रिश्तेदारों ने दहेज की मांग की हो, तो ऐसे व्यक्तियों के विरुध्द दहेज मृत्यु का मुकदमा चलता है, जिसमें आजीवन कारावास की सजा तक का प्रावधान किया गया है।
    32. हवाई यात्रा में वरिष्ठ नागरिक को आने—जाने की टिकट खरीदने पर 50 प्रतिशत तक की छुट का प्रावधान है।
    33. शासकिय कर्मचारी/अधिकारी शासन के नियम अनुसार एक ही पत्नी रख सकता है। शादी—शुदा पत्नी के रहते दूसरी पत्नी रखने से उस पर विभागीय कार्यवाही का प्रावधान किया गया है।
    34. वरिष्ठ नागरिक को रेल यात्रा भाडा में 30 प्रतिशत तक की छूट का प्रावधान है, जिसके लिए आयु प्रमाण पत्र रखना अनिवार्य है।
    35. 60 वर्ष का निराश्रित वृध्द और 50 वर्ष से ऊपर की निराश्रित वृध्दा गरीबी रेखा के नीचे 6 से 14 वर्ष के नागरिक के बच्चों को सामाजिक सुरक्षा पैंशन की पात्रता है, जिसमें उन्हे नगरीय निकाय या ग्राम पंचायत से राशि प्राप्त होती है।


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इस लेख के माध्यमसे आज हमने हमारे पाठकों को दैनिक उपयोगी कानून की जानकारी | Daily Useful Legal Information इसके बारेमें पुरी जानकारी देनेका पुरा प्रास किया है। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा। इसी तरह कानूनी जानकारी सिखने के लिए आप हमारे इस पोर्टल apanahindi.com पर आवश्य भेट दें।




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