मतदान का कानूनी अधिकार | Matdan ka kanuni adhikar
परिचय
जब कोई व्यक्ती की उसके उमर की अठाराह साल पूरे होते है तो उस व्यक्ती को कानून भारत का नागरिक होने के कारण मतदान करने का पुरा अधिकार होता है। इस के लिए एक अपवाद यह है की उस व्यक्ती को न्यायालय द्वारा पागल नहीं घोषित किया हो या फिर भ्रष्टाचार तथा चु्नाव से संबद्ध किसी अपराध के लिए किसी कानून के अंतर्गत उसे मतदान के अयोग्य घोषित नहीं किया गया हो। आइये इस लेख के माध्यम से आज हम Matdan ka kanuni adhikar | मतदान का कानूनी अधिकार क्या है इसके बारेमें जानकारी हासिल करने वाले है।
मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया
- केवल मतदाता कार्डों में जिन लोगों के नाम शामिल किये जाते है सिर्फ उन्ही लोगों के नाम मतदाता सूची में लिए जाते हैं।
- निर्वाचन आयोग के द्वारा किसी क्षेत्र की मतदाता सूचियों में संशोधन का आदेश दिए जाते ही, मतदाताओं की गणना करने वाले सरकारी कर्मचारी क्षेत्र के हर घऱ में जाते हैं।
- कर्मचारी घर के मुखिया और उसकी अनुपस्थिति में परिवार के किसी वरिष्ठ सदस्य द्वारा उन सदस्यों के नाम तथा अन्य विवरण लेते हैं जो मतदाता सूची में शामिल किए जाने की पात्रता रखते हैं।
- गणना करने वाले कर्मचारी इन सदस्यों की उम्र तथा आवास के प्रमाणपत्र, जन्म प्रमाणपत्र , पासपोर्ट आदि मांग सकते हैं।
- इन ब्योरों से संतुष्ट होने के बाद कर्मचारी मतदाता कार्ड पर इन नामों और ब्योरों को दर्ज करता है और कार्ड पर कोड नंबर डल देता है।
- कर्मचारी मतदाता कार्ड की एक प्रति घऱ के मुखिया को देता है जिसे भविष्य में संदर्भ के लिए संभालकर रखना चाहिए।
- मतदाता कार्ड के आधार पर मतदाता सूची में नाम दर्ज किया जाता है।
- मतदाता कार्ड में सामान्य रुप से रहने वालों के नाम ही दर्ज किए जाते हैं, लेकिन पढ़ाई के लिए बाहर रहने वाले और छुट्टियों में घऱ आने वाले वयस्क हो चुके बच्चों के नाम भी उनके माता-पिता के पते के साथ मतदाता कार्ड में दर्ज कर लिए जाते हैं।
- अगर सरकारी कर्मचारी के बार-बार जाने पर भी घऱ का मुखिया अथवा कोई वरिष्ठ व्यक्ति नहीं मिलता है तो कर्मचारी घर में एक फॉर्म छोड़कर जाता है। उसके बाद घर का कोई सदश्य उस फॉर्म को भरकर कर्मचारी के अगली बार आने पर उसे दे देता है।
- यह फॉर्म भरकर चुनाव क्षेत्र के चुनाव पंजीकरण अधिकारी अथवा क्षेत्र के मुख्य चुनाव अधिकारी के पास सीधे भी भेजा जा सकता है।
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सैन्यकर्मी और बाहर काम करने वालों के लिए क्या प्रक्रिया है
- इन वर्गों के लोग डाक मतपत्र के जरिए मतदान कर सकते हैं। वे लोग कुछ इस प्रकार है। (i) संघ सरकार के अधीन सैन्य बलों में कार्यरत लोग, (ii) आर्मी एक्ट ,1950 के अंतर्गत आने वाले किसी सैन्य बल में कार्यरत लोग, (iii) किसी राज्य के ऐसे सैन्य बल के सदस्य , जो राज्य के बाहर कार्यरत हों, (iv) भारत सरकार के अधीन देश से बाहर के पदों पर कार्यरत व्यक्ति।
- इन लोगों को रिकॉर्ड ऑफिस में उपलब्ध जरुरी फॉर्म भरने होते हैं।
- रिकॉर्ड ऑफिस इन्हें संबद्ध मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेज देता है।
- निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी मतदाता सूची के एक अलग भाग में इन लोगों का नाम दर्ज करता है।
- कच्ची मतदाता सूचियां मतदाताओं की गणना का पूरा हो जाने पर, कच्ची मतदाता सूचियां तैयार की जाती हैं और इन्हें प्रकाशित करके लोगों से कहा जाता है कि अगर उनके दावे अथवा आपत्तियां हों तो दर्ज कराएं।
- अपने परिवार के वयस्क सदस्यों के नाम मतदाता सूचियों में दर्ज किया जाना सुनिश्चित करें।
- अगर कच्ची मतदाता सूची में आपके घर के किसी वयस्क सदस्य का नाम नहीं है तो निर्धारित फॉर्म में दावा पेश करें।
- इस दौरान आपको प्रमाण के रुप में मतदाता कार्ड की प्रति पेश करनी पड़ सकती है।
- किसी तरह की परेशानी होने पर चुनाव पंजीकरण अधिकारी या जिला निर्वाचन अधिकारी या मुख्य निर्वाचन को शिकायत कर सकते हैं। आप सीधे निर्वाचन आयोग को भी शिकायत कर सकते हैं।
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मतदाताओं के लिए महत्वपूर्ण बातें
- कोई व्यक्ति एक से ज्यादा चुनाव क्षेत्रों में मतदाता के रुप में पंजीकृत नहीं हो सकता है।
- कोई व्यक्ति एक ही चुनाव क्षेत्र के एक से ज्यादा हिस्सों में मतदाता नहीं हो सकता है।
- मतदाता कार्ड पर गलत जानकारी देने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
- जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के अंतर्गत गलत जानकारी देने के अपराध में एक साल की कैद या जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं।
मतदान केंद्रों से संबंधित कौनसे समस्याओं की शिकायत करना चाहिए।
- अगर मतदान केंद्र ऐसी जगह हो जहां पहुंचना संभव न हो या दूरी ज्यादा हो या आसपास अपराधियों का इलाका हो या राजनीतिक दलों के दफ्तर करीब हो या आस-पास कोई धार्मिक स्थल हो। तो इसकी शिकायत करें।
- मतदान केंद्र बहुत तंग जगह पर हो और केंद्र में प्रवेश करने तथा निकलने के अलग-अलग रास्ते न हों। तो इसकी शिकायत करें।
- एक ही इमारत में बहुत अधिक मतदान केंद्र हों, तो इसकी शिकायत करें।
- मतदान केंद्रों और चुनाव प्रचार में गड़बड़ियां अगर मतदाताओं या उम्मीदवारों के एजेंटों या मतदान करवाने वाले कर्मचारियों को डराया- धमकाया जाता है।
- मतदान केंद्रों पर कब्जा और अथवा गड़बड़ी फैलाई जाती है।
- चुनाव प्रचार तथा लोगों से पैसा वसूलने के लिए गुंडों की मदद ली जाती है।
मतदान केंद्रों से संबंधित शिकायतें कहाँ करें।
ऊपर उल्लिखित समस्याओं के बारे में शिकायत जिला चुनाव अधिकारी या निर्वाचन अधिकारी या मुख्य चुनाव अधिकारी या निर्वाचन आयोग से शिकायत करें। मतदान केंद्र के पीठासीन अधिकारी से आग्रह करें कि आपकी राय अपनी डायरी में दर्ज करें।
मतदान केंद्रों और चुनाव प्रचार में गड़बड़ी की शिकायत
- पीठासीन अधिकारी से शिकायत कर सकते हैं।
- न्यायिक मजिस्ट्रेट से शिकायत कर सकते हैं।
- लोकपाल नियुक्त हो तो उससे शिकायत कर सकते हैं।
- हर हिंसक घटना की थाने में एफआईआर दर्ज करा सकते हैं।
- चुनाव में बेहिसाब पैसों के खर्च की शिकायत स्थानीय आयकर अधिकारियों से शिकातय करें,
- निर्वाचन आयोग के चुनाव प्रेक्षक से शिकायत करें,
- निर्वाचन आयोग के चुनाव व्यय प्रेक्षक से शिकायत करें,
- राज्य सरकार से शिकायत करें,
- पुलिस से शिकायत करें,
- न्यायिक मजिस्ट्रेट शिकायत करें,
- निर्वाचन अधिकारी से शिकायत करें।
- जिला चुनाव अधिकारी से शिकायत करें।
- मुख्य चु्नाव अधिकारी से शिकायत करें।
- निर्वाचन अधिकारी से शिकायत करें।
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मतदान केंद्र के कर्चमारी के खिलाफ शिकायत
मतदान करवा रहा सरकारी कर्मचारी अगर अपने राजनैतिक झुकाव की वजह से अपना दायित्व ठीक से नहीं निभाता है तो आप पुलिस अथवा न्यायिक मजिस्ट्रेट से उसकी शिकायत कर सकते हैं।
मतदान केंद्र पर मौजूद पुलिस बल के खिलाफ शिकायत
कानून व्यवस्था के प्रभारी अथवा कर्मचारी आपको परेशान करते हैं तो जिला चुनाव अधिकारी या निर्वाचन अधिकारी या मुख्य चुनाव अधिकारी या निर्वाचन आयोग से शिकायत करें, राज्य के पुलिस महानिदेश के शिकायत करें, राज्य के मुख्य सचिव से शिकायत करें, संघ सरकार के गृहमंत्रालय से शिकायत करें।
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दीवारों पर नारों के खिलाफ शिकायत
राजनैतिक दलों द्वारा दीवारों और घरों पर नारे लिखना अपराध है। इसके खिलाफ निम्नलिखित कार्रवाईयां की जा सकती हैं-
- राजनैतिक दल के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करा सकते हैं,
- संपत्ति के नुकसान का सिविल दावा दर्ज करा सकते हैं,
- निर्वाचन आयोग के प्रेक्षकों से शिकायत कर सकते हैं।
- निर्वाचन अधिकारी या जिला चुनाव अधिकारी या मुख्य चुनाव अधिकारी से शिकायत कर सकते हैं,
- पुलिस से शिकायत कर सकते हैं।
लाउडस्पीकर के गलत इस्तेमाल पर शिकायत
चुनावों के दौरान निर्धारित समय के अलावा अथवा बहुत ऊंची आवाज में लाउज स्पीकरों के इस्तेमाल के खिलाफ निम्नलिखित से शिकायत कर सकते हैं-
- जिला प्रशासन से शिकायत कर सकतें हैं,
- पुलिस से शिकायत कर सकते हैं,
- निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक से शिकायत कर सकते हैं,
- निर्वाचन अधिकारी या जिला निर्वाचन अधिकारी या निर्वाचन आयोग से शिकायत कर सकते हैं।
इस लेख के माध्यम से हमने हमारे पाठकों को Matdan ka kanuni adhikar | मतदान का कानूनी अधिकार और मतदान केंद्र पर होने वाले समस्यांओं का समाधान के बारें में जानकारी देने का प्रयास किया है। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा। इसी तरह कानूनी जानकारी पाने के लिए आप हमारे इस पोर्टल apanahindi.com पर आवश्य भेट दें।
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