जनहित याचिका क्या है? | What is Public Interest Litigation? | जनहित याचिका कहाँ दायर की जाती है? | जनहित याचिका कब दायर की जा सकती है? | जनहित याचिका कौन दायर कर सकता है? | जनहित याचिका किसके विरुध्द दायर की जा सकती है? | जनहित याचिका दायर करने की प्रक्रिया क्या है? | जनहित याचिका की विशेषताएँ | जनहित याचिका नोट्स PDF | जनहित याचिका Notes | जनहित याचिका के प्रकार
जनहित याचिका (Public Interest Litigation) यह अन्य सामान्य अदालती याचिकाओं से अलग है। जनहित याचिका के लिए यह आवश्यक नहीं की पीड़ित पक्ष स्वयं अदालत में जाए। इस तरह के जनहित याचिकाऐं किसी भी नागरिक द्वारा अथवा स्वयं न्यायालय द्वारा पीडितों के हक्क में दायर किया जा सकता है। यह भारतीय कानून में, सार्वजनिक हित की रक्षा करता है। आईये इस लेख के माध्यम से आज हम जनहित याचिका क्या है? | What is Public Interest Litigation? | जनहित याचिका कहाँ दायर की जाती है? | जनहित याचिका कब दायर की जा सकती है? | जनहित याचिका कौन दायर कर सकता है? | जनहित याचिका किसके विरुध्द दायर की जा सकती है? | जनहित याचिका दायर करने की प्रक्रिया क्या है? | जनहित याचिका की विशेषताएँ | जनहित याचिका नोट्स PDF | जनहित याचिका Notes | जनहित याचिका के प्रकार इसके बारेमें जानकारी हासिल करने की कोशिश करते है।
जनहित याचिका क्या है? | What is Public Interest Litigation?
जनहित याचिका यह याचिका है, जो कि उन लोगों के सामूहिक दितों के लिए न्यायालय में दायर कीया जाता है। कोई भी व्यक्ति जनहित में या फिर सार्वजनिक महत्व के किसी मामले के विरुध्द, जिसमें किसी वर्ग या समुदाय के हित अथवा उसके मौलिक अधिकार प्राभावित हुए हों, वह जनहित याचिका के जरिए न्यायालय की शरण ले सकता है।
जनहित याचिका कहाँ दायर की जाती है?-
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के अंतर्गत उच्चतम न्यायालय के समक्ष।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के अंतर्गत उच्च न्यायालय के समक्ष।
जनहित याचिका कब दायर की जा सकती है?
जनहित याचिका दायर करने के लिए यह जरूरी है कि लोगों के सामूहिक हितों जैसे सरकार के कोई फैसले या योजना जिसका बुरा असर लोगों पर पडा हो। किसी एक व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन होने पर भी जनहित जाचिका दायर की जा सकती है।
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जनहित याचिका कौन दायर कर सकता है?
कोई भी व्यक्ति जो सामाजिक हितों के बारे में सोच रखता हो, वह जनहित याचिका दायर कर सकता है। इसके लिए यह जरुरी नहीं की उसका व्यक्तिगत हित भी सम्मिलित हो।
जनहित याचिका किसके विरुध्द दायर की जा सकती है?
जनहित याचिका केंद्र सरकार, राज्य सरकार, नगर पालिका परिशद और किसी भी सरकारी विभाग के विरुध्द दायर की जा सकती है। यह याचिका किसी निजी पक्ष के विरुध्द दायर नहीं की जा सकती। लेकिन अगर किसी निजी पक्ष या कंपनी के कारण जनहितों पर बुरा प्रभाव पड रहा हो, तो उस पक्ष या कंपनी को सरकार के साथ प्रतिवादी के रुप में सम्मिलित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए बिलासपुर में स्थित किसी निजी कारखाने से वातावरण प्रदूषित हो रहा है, तब जनहित याचिका में निम्नलिखित प्रतिवादी होंगेः-
1) राज्य और केंद्र सरकार
2) राज्य प्रदूशण नियंत्रण बोर्ड,
3) निजी कारखाना
जनहित याचिका दायर करने की प्रक्रिया क्या है?
जनहित याचिका ठीक उसी प्रकार से दायर की जाती है, जिस प्रकार से रिट (आदेश) याचिका दायर की जाती है।
उच्च न्यायालय के समक्ष जनहित याचिका दायर करने की प्रक्रिया क्या है?
उच्च न्यायालय के समक्ष जनहित याचिका दायर करने के लिए निम्नलिखित बातों का होना जरुरी हैः-
प्रत्येक याचिका की एक छायाप्रति होती है। यह छायाप्रति अधिवक्ता के लिए बनायी गई छायाप्रति या अधिवक्ता की छायाप्रति होती है। एक छायाप्रति प्रतिवादी को देनी होती है, और उस छायाप्रति की देय रसीद लेनी होती है। दूसरे चरण में जनहित याचिका की दो छायाप्रति, प्रतिवादी द्वारा प्राप्त की गई देय रसीद के साथ न्यायालय में होती है।
उच्चतम न्यायालय के समक्ष जनहित याचिका दायर करने की प्रक्रिया क्या है?
उच्चतम न्यायालय के समक्ष जनहित याचिका दायर करने के लिए याचिका की पांच छायाप्रति दाखिल करनी होती है। प्रतिवादी को याचिका की छायाप्रति सूचना आदेश के पारित होने के बाद से ही की जाती है।
क्या साधारण पत्र के जरिए भी जनहित याचिका दायर की जा सकती है?
जनहित याचिका एक खत या पत्र के द्वारा भी दायर की जा सकती है, लेकिन यह याचिका तभी मान्य होगी, जब यह निम्नलिखित व्यक्ति या संस्था द्वारा दायर की गई हो।
- व्यक्ति द्वारा – सामाजिक हित का भावना रखने वाले व्यक्ति द्वारा
- उन लोगों के अधिकार के लिए जो कि गरीबी या किसी और कारण से न्यायालय के समक्ष न्याय पाने के लिए नहीं आ सकते।
जनहित याचिका दायर होने के बाद का प्रारुप क्या होता है?
जनहित याचिका में न्यायालय का प्रारुप प्रमुख रुप से दो प्रकार का होता हैः-
- सुनवाई के दौरान दिए गए आदेश, इनमें किसी औद्योगिक संस्था को बंद करने के आदेश, कैदी को जमानत पर छोडने के आदेश आदि होते है।
- अंतिम आदेश जिसमें सुनवाई के दौरान दिए गए आदेशों एवं निर्देशों को लागू करने व समय सीमा जिसके अंदर लागू करना होता है।
क्या जनहित याचिका को दायर करने व उसकी सुनवाई के लिए वकिल आवश्यक है?
जनहित याचिका के लिए वकील जरुरी है और राष्ट्रीय राज्य या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अंतर्गत सरकार के द्वारा वकील की सेवाएं प्राप्त कराए जाने का भी प्रावधान है।
निम्नलिखित परिस्थितियों में भी जनहित याचिका दायर की जा सकती है।–
- जब गरीबों का न्यूनतम मानव अधिकारों का हनन हो रहा हो।
- जब कोई सरकारी अधिकारी अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों की पूर्ति न कर राह हो।
- जब धार्मिक अथवा संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा हो।
- जब कोई कारखाना या औद्योगिक संस्थान वातावरण को प्रदूषित कर राह हो।
- जब सडक में रोशनी (लाईट) की व्यवस्था न हो, जिससे आने—जाने वाले व्यक्तियों को तकलीफ हो।
- जब कहीं रात में ऊंची आवाज में गाने बजाने के कारण ध्वनि प्रदूषण हो।
- जहां निर्माण करने वाली कंपनी पेडों को काट रही हो और वातावरण प्रदूषित कर रही हो।
- जब राज्य सरकार की अधिक कर लगाने की योजना से गरीब लोगों के जीवन पर बुरा प्रभाव पडे।
- जेल अधिकारियों के खिलाफ जेल सुधार के लिए।
- बाल श्रम एवं बंधुआ मजदूरी के खिलाफ।
- लैंगिक शोषण में महिलाओँ के बचाव के लिए।
- सडक एवं नालियों के रख—रखाव के लिए।
- साम्प्रदायिक एकता बनाए रखने के लिए।
- व्यस्त सडकों से विज्ञापन के बोर्ड हटाने के लिए, ताकि यातायात में कठिनाई न हो।
इस लेख के माध्यम सह आज हमने हमारे पाठकों को जनहित याचिका क्या है? | What is Public Interest Litigation? | जनहित याचिका कहाँ दायर की जाती है? | जनहित याचिका कब दायर की जा सकती है? | जनहित याचिका कौन दायर कर सकता है? | जनहित याचिका किसके विरुध्द दायर की जा सकती है? | जनहित याचिका दायर करने की प्रक्रिया क्या है? | जनहित याचिका की विशेषताएँ | जनहित याचिका नोट्स PDF | जनहित याचिका Notes | जनहित याचिका के प्रकार इसके बारेमें संपुर्ण जानकारी देनेका प्रयास किया है। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा। इसी तरह के कानूनी जानकारी सिखने के लिए आप होमारे इस पोर्टल apanahindi.com पर आवश्य भेट दे।
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