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बलात्कार एक अपराध | Rape is a Crime | भारतीय दंण्ड संहिता के अंतर्गत बलात्कार कब माना जाता है | When Is Rape Considered Under The Indian Penal Code? | बलात्कार के लिए सजा | Punishment for Rape

बलात्कार एक अपराध | Rape is a Crime | भारतीय दंण्ड संहिता के अंतर्गत बलात्कार कब माना जाता है | When Is Rape Considered Under The Indian Penal Code? | बलात्कार के लिए सजा | Punishment for Rape


परिचय

बलात्कार भारतीय दंड संहिता का एक ऐसा अपराध है जिस पर अत्यंत विस्तृत उपबंध दंड संहिता के अंतर्गत किए गए हैं, जितनी विस्तृत इस अपराध की परिभाषा को रखा गया है, उतना ही विस्तृत अपराध के अधीन दंड दिए जाने का उपबंध किया गया है। दंड की अवधि अपराध की जघन्यता या विरलतम से विरल अपराध को देखते हुए तय की गई है। आईये इस लेख के मध्यम से आज हम बलात्कार एक अपराध | Rape is a Crime | भारतीय दंण्ड संहिता के अंतर्गत बलात्कार कब माना जाता है | When Is Rape Considered Under The Indian Penal Code? | बलात्कार के लिए सजा | Punishment for Rape इसके बारेमें जानकारी हासील करने वाले है।


बलात्कार क्या है?

कानून की नजार में बलात्कार एक जघन्य अपराध है। आए दिन महिलाएं इसका शिकार हो रही है। महिलाएं सामाजिक रुढिवादियों से बचने के लिए इस बात को दबा देती है। इसकी खास वजह पुलिस एवं कोर्ट कचहरी है। कुछ लोग तो पुलिस थानों में सूचना भी नहीं देते है। कानून की नजर में किसी महिला के इच्छा के विरुध्द यदि कोई व्यक्ति उसके साथ शारिरीक संबंध स्थापित करता है, उसे बलात्कार कहते है।

भारतीय दंण्ड संहिता के अंतर्गत बलात्कार कब माना जाता है?:-

  • 15 वर्ष से कम उम्र की पत्नी के साथ किया गया शारीरिक संबंध बलात्कार कहलाता है।
  • अगर कोई पुरूष महिला की सहमति के बिना उसके साथ शारीरिक संबंध करता है। सहमति किसी तरह से डरा-धमका कर ली गई हो, जैसे उसको मारने, घायल करने या उसके करीबी लोगो को मारने या घायल करने की धमकी देकर ली गई हो।
  • अगर सहमति झुठे प्रलोभन, झूठे वादे तथा धोखेबाजी (जैसे शादी का वादा, जमीन जायदात या वादा आदि) से ली जाती तो ऐसे सहमति को सहमति नही माना जाएगा।
  • नकली पति बनकर उसकी सहमति ली गई हो।
  • उसकी सहमति तब ली गई हो जब वह दिमागी रुप से कमजोर या पागल हो।
  • नशीले पदार्थ के सेवन के कारण वह होश में न हो तब उसकी सहमति ली गई हो।
  • 16 वर्ष से कम उम्र की लडकी के साथ किया गया शारिरीक संबंध बलात्कार की श्रेणी में आता हो चाहे लडकी की सहमति हो तब भी।

बलात्कार के लिए सजा:-

  • सात साल या कारावास जो बढकर 10 साल का भी हो सकता है। कुछ मामलों में इसे उम्र कैद में भी बदला जा सकता है। इसके अलावा जुर्माना भी हो सकता है।
  • जिस महिला के साथ बलात्कार किया गाया हो, वह उसकी पत्नी हो या 12 साल से कम उम्र की न हो तब उस व्यक्ति को 2 साल का कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकते है।
  • अगर न्यायालय 7 साल से कम की सजा देता है तो उसे लिखित रुप में उसका उचित कारण देना होगा।

विशेष परिस्थितियॉ:-

निम्न व्यक्तियों द्वारा किये गये बलात्कार की सजा कम से कम 10 साल का सश्रम कारावास जिसे उम्र कैद तक बढाया जा सकता है।


अगर कोई पुलिस अधिकारी निम्न अवस्थाओं में बलात्कार करता है-

  • उस थाने के अंदर जिसका वह क्षेत्र अधिकारी हो।
  • उस थानों के अंदर जो उसके अधिकार में न हो।
  • वह महिला जो उसकी हिरासत में या उसके अधीनस्थ अधिकारी की हिरासत में हो।
  • लोक सेवक जो अपने अधिकारों का दुरुपयोग करके उसकी हिरासत में हो या उसके अधीनस्थ की हिरासत में होने वाली महिला के साथ बलात्कार करता है।
  • अस्पताल के प्रबंधक और कर्मचारियों द्वारा अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुये उनकी देखरेख के अधीन जो महिलाएँ हो उनके साथ बलात्कार करता हो।
  • गर्भवती महिला के साथ बलात्कार करता हो।
  • जो सामूहिक बलात्कार करता है।

निम्नलिखित परिस्थितियों में शारीरिक संबंध स्थापित करना अपराध माना जाता है-

जो व्यक्ति कानूनी तौर पर अलग रहा हो परंतु पत्नी की सहमति के बिना शारीरिक संबंध स्थापित करता हो, उसे 2 साल का कारावास और जुर्माना भी हो सकता है।
लोक सेवक द्वारा अपने अधिकारों को दुरिपयोग करके, नाही निकेतनों, बाल संरक्षण गृहों एवं कारावास, अस्पताल या प्रबंधक और कर्मचारियों द्वारा उनके संरक्षण में जो महिलाएँ हो उनके साथ शारीरिक संबंध स्थापित करता हो, ऐसे सभी अपराधों में 5 साल तक की सजा और जुर्माना दोनों भी हो सकते है।


बलात्कार में शोषित महिला कौन-कौन सी सावधानी बरतें-

  1. अपने सगे सम्बन्धियों या दोस्तों को खबर करें।
  2. जब तक स्नान न करें तब तक डॉक्टरी जाँच व प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज न हो जाए।
  3. कपडे न धोयें क्योंकि वह कपडे जॉच का आधार है।
  4. प्रथम सुचना रिपोर्ट कराएँ।


प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखाते समय ध्यान देने योग्य बातें:-

  1. घटना की तारीख
  2. घटना का समय
  3. घटना का स्थान अवश्य लिखाएँ
  4. रिपोर्ट लिखाने के बाद उसका एक कॉपी अवश्य लें जो थाने द्वारा मुफ्त मे दी जाती है।
  5. पुलिस का कर्तव्य है कि वह पीडित महिला की डाक्टरी जाँच पंजीकृत डॉक्टर से या नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ केंन्द्र में करवाकर डॉक्टरी जाँच की कॉपी अवश्य लें।
  6. बलात्कार के समय जो कपडे पीडित महिला ने पहने है, डॉक्टरी जाँच के बाद पुलिस आपके सामने उन कपडों को सीलबंद करेगी, जिसकी रसीद अवश्य ले ले।


बलात्कार के मामले की सुनवाई की प्रक्रिया:-

बलात्कार के मामले की सुनवाई एक बंद कमरे में होती है। इसका मतलब है कि किसी व्यक्ति को वहॉ उपस्थित रहने की अनुमति नही होती है। अगर पुलिस प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखने से मना कर दे तो आप निम्न जदहों पर शिकायत कर सकते है।
  1. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों या 
  2. मजिस्ट्रेट

धटना की शिकायत विवारण निम्नलिखित जगहों पर लिखकर भेज सकते है:-

  1. मा. पुलिस कमिश्नर.
  2. पुलिस थाना
  3. मा. कलेक्टर
  4. स्थानीय या राष्ट्रीय समाचार पत्रों में
  5. मा. अध्यक्ष राज्य महिला आयोग,
  6. राष्ट्रीय महिला आयोग


आज हमने इस लेख के माध्यम से हमारे पाठकों को बलात्कार एक अपराध | Rape is a Crime | भारतीय दंण्ड संहिता के अंतर्गत बलात्कार कब माना जाता है | When Is Rape Considered Under The Indian Penal Code? | बलात्कार के लिए सजा | Punishment for Rape इसके बारेमें जानकारी देनेका प्रयास किया है। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा इसी तरह कानूनी जानकारी हासिल करने के लिए आप हमारे इस पोर्टल apanahindi.com पर आवश्य भेट दें।


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