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अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम 1956 | The Immoral Traffic (Prevention) Act, 1956

अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम 1956 | The Immoral Traffic (Prevention) Act, 1956


भारत देश के संसद द्वारा पारित किया गया यह एक कानून है, जिसके अनुसार अनैतिक कामों के लिए स्त्री, पुरूष या बच्चों की खरीदारी अथवा बिक्री करना अवैध दुर्व्यापार (इममौरल ट्रैफिकिंग) की श्रेणी में आता है। इस कानून को पुरीतरह समझने के लिए आईये इस लेख के माध्यम से आज हम अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम 1956 | The Immoral Traffic (Prevention) Act, 1956 इसके बारेमें संपूर्ण जानकारी हासिल करने की कोशीश करते है।

वेश्यावृत्ति का अर्थ:-

किसी भी व्यक्ति का आर्थिक लाभ के लिए लैगिक शोषण करने को वेश्यावृत्ति कहते है।

वेश्यागृह का अर्थ-

किसी मकान, कमरे, वाहन या स्थान से या उसके किसी भाग से है, जिसमें किसी अन्य व्यक्ति के लाभ के लिए किसी का लैंगिक शोषण का दुरुपयोग किया जाए या दो या दो से अधिक महिलाओं के द्वारा अपने आपसी लाभ के लिए वेश्यावृत्ति की जाती है।


अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के अंतर्गत निम्नलिखित कार्य अपराध है-

  1. कोई व्यक्ति जो वेश्यागृह को चलाता है, उसका प्रबंध करता है या उसके रखने में और प्रबंध में मदद करता है तो उसको तीन साल का कठोर कारावास, और 2000/- रुपये का जुर्माना होगा। यदि वह व्यक्ति दोबारा इस अपराध का दोषी पाया जाता है तो उसको कम से कम दो साल व अधिक पांच साल का कठोर कारावास और दो हजार रुपये का जुर्माना होगा।
  2. कोई व्यक्ति जो किसी मकान, या स्थान का मालिक, किराएदार, भारसाधक, एजेंट है, उसे वेश्यागृह के लिए प्रयोग करता है या उसे यह जानकारी है कि ऐसे किसी स्थान या उसके भाग को वेश्यागृह के लिए प्रयोग में लाया जाएगा, या वह अपनी इच्छा से ऐसे किसी स्थान या उसके किसी भाग को वेश्यागृह के रुप में प्रयोग करने में भागीदारी देता है। तो ऐसे व्य्कित को दो साल तक की जेल और दो हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है। यदि वह दोबारा इस अपराध का दोषी पाया जाता है तो उसको पांच साल के कठोर कारावास व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।

वेश्यावृत्ति की कमाई पर रहना-

  • कोई भी 16 साल की उम्र से अधिक व्यक्ति अगर किसी वेश्या की कमाई पर रह रहा है, तो ऐसे व्यक्ति को दो साल की जेल या एक हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है या दोनों।
  • अगर कोई व्यक्ति किसी बच्चे या नाबालिग द्वारा की गई वेश्यावृत्ति की कमाई पर रहता है तो ऐसे व्य्कित को कम से कम 7 साल व अधिक से अधिक 10 साल की जेल हो सकती है।


कोई भी व्यक्ति जो 10 साल से अधिक उम्र का है-

  1. वेश्या के साथ उसकी संगत में रहता है, या
  2. वेश्या की गतिविधियों पर अपने अधिकार, निर्देश या प्रभाव इस प्रकार डालता है, जिससे यह मालूम होता है कि वह वेश्यावृत्ति में सहायता, प्रोस्ताहन या मजबूर करता है या
  3. जो व्यक्ति दलाल का काम करता है।
  4. तो मना जाता है कि (जब तक इसके विपरीत सिध्द न हो जाए) कि ऐसे व्यक्ति वेश्यावृत्ति की कमाई पर रह रहे हैं।


वेश्यावृत्ति के लिए किसी व्यक्ति को लाना, फुसलाना या बहलाने की चेष्टा करना-

यदि कोई व्यक्ति-
  1. किसी व्यक्ति को उसकी सहमति या सहमति के बिना वेश्यावृत्ति के लिए लाता है, लेने की कोशिश करता है, या
  2. किसी व्यक्ति को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए फुसलाता है, ताकि वह उससे वेश्यावृत्ति करवा सके तो ऐसे व्य्कति को कम स कम 3 साल व अधिक से अधिक 7 साल के कठोर कारावास और 2000/- रुपये के जुर्माने से दंडित किया जाता है और अगर यह अपराध किसी व्यक्ति की सहमति के विरुध्द किया जाता है तो दोषी व्यक्ति को सात साल की जेल जो अधिकतम 14 साल तक की हो सकती है, दंडित किया जा सकता है और अगर यह अपराघ किसी बच्चे के विरुध्द किया जाता है तो दोषी को कम से कम 7 साल की जेल, व उम्र कैद भी हो सकती है।


वेश्यागृह में किसी व्यक्ति को रोकना-

अगर कोई व्यक्ति किसी को उसकी सहमति या सहमति के बिना-

  1. वेश्यागृह में रोकता है।
  2. किसी स्थान पर किसी व्यक्ति को किसी के साथ जो कि उसका पति या पत्नी नहीं है, संभोग करने के लिए रोकता है
तो ऐसे व्यक्ति को कम से कम सात साल की जेल जो कि दस साल या उम्र कैद तक हो सकती है और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।

अगर कोई व्यक्ति किसी बच्चे के साथ वेश्यागृह में पाया जाता है, तो वह दोषी तब माना जाएगा, जब तक इसके लिए विपरीत सिध्द नहीं हो जाता है।

अगर बच्चे या 18 वर्ष से कम उम्र का व्यक्ति वेश्यागृह में पाया जाता है, और उसकी चिकत्सीय जांच के बाद यह सिध्द होता है कि उसके साथ लैंगिक शोषण हुआ है, तो यह माना जाएगा कि ऐसे व्यक्ति को वेश्यावृत्ति करवाने के लिए रखा गया है या उसका लैंगिक शोषण आर्थिक लाभ के लिए किया जा रहा है। 


अगर कोई व्यक्ति किसी महिला या लडकी का-

  1. सामान जैसे गहने, कपडे, पैसे या अन्य संपत्ति आदि अपने पास रखता है, या
  2. उसको डराता है कि वह उसके विरुध्द कोई कानूनी कार्यवाही शुरु करेगा, अगर वह अपने साथ वह गहने, कपडे, पैसे या अन्य संपत्ति जो कि ऐसे व्यक्ति द्वारा महिला या लडकी को उधार या आपूर्ति के रुप में या फिर ऐसे व्यक्ति के निर्देश में दी गई हो, ले जाएगी।

तो यह माना जाएगा कि ऐसे व्यक्ति ने महिला या लडकी को वेश्यागृह में या ऐसी जगह रोका है, जहां वह महिला या लडकी को संभोग के लिए मजबूर कर सके।


सार्वजनिक स्थानों या उसके आस-पास वेश्यावृत्ति करना-

यदि कोई व्यक्ति जो वेश्यावृत्ति करता है या करवाता है, ऐसे स्थानों पर-

  1. जो राज्य सरकार ने चिन्हित किए हो या जो कि 200 मीटर के अंदर किसी सार्वजनिक पूजा स्थल, शिक्षण संस्थान, छात्रावास, अस्पताल, परिचर्या गृह ऐसा कोई भी सार्वजनिक स्थान जिसको पुलिस आयुक्त या मजिस्ट्रेट द्वारा अधिसूचित किया गया हो। तो ऐसे व्यक्ति को 3 महीने तक का कारावास हो सकता है।
  2. कोई व्यक्ति यदि किसी बच्चे से ऐसे अपराध करवाता है तो उसको कम से कम सात साल व अधिक से अधिक उम्र कैद या 10 साल तक की जेल हो सकती है, तथा जुर्माने से भी दंडित किया जा सकता है।

अगर कोई व्यक्ति जो-

  1. ऐसे सार्वजनिक स्थानों का प्रबंधक है, वेश्याओं को व्यापार करने व वहां रुपने देता है।
  2. कोई किराएदार, दखलदार या देखभाल करने वाला व्यक्ति वेश्यावृत्ति के लिए ऐसे स्थानोंके प्रयोग की अनुमति देता है।
  3. किसी स्थान का मालिक, एजेंट ऐसे स्थानों को वेश्यावृत्ति के लिए किराए पर देता है। तो वह तीन महीने के कारावास और 200/- रु. के जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
यदि वह व्यक्ति फिर ऐसे अपराध का दोषी पाया जाता है तो वह छः महीने की जेल और दो सौ रुपये के जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।

अगर ऐसा अपराध किसी होटल में किया जाता है तो उस होटल का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।


वेश्यावृत्ति के लिए किसी को फुसलाना या याचना करना-

अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर किसी व्यक्ति को किस घर य मकान से इशारे, आवाज, अपने आपको दिखाकर किसी खिडकी या बालकनी से वेश्यावृत्ति के लिए आकर्षित, फुसलाता या विनंती करता है या छेडछाड, आवारागर्दी या इस प्रकार का कार्य करता है, जिससे यहां पर रहने वाले या आने-जाने वालों को बाधा या परेशानी होती है, तो उसको 6 महीने की जेल और पांच हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।

अगर वह फिर से यह अपराध करता है तो उसको एक साल की जेल और पांच हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।

अगर यह अपराध कोई पुरुष करता है तो वह कम से कम सात सात दिन तथा अधिक से अधिक तीन महीने की जेल से दंडित किया जा सकता है।

अपने संरक्षण में रहने वाले व्यक्ति को फुसलाना 

यदि कोई व्यक्ति अपने संरक्षण, देखभाल में रहने वाले किसी व्यक्ति को वेश्यावृत्ति के लिए फुसलाता है, उकसाता है या सहायता करता है, तो वह कम से कम सात साल की जेल जो कि उम्रकैद या दस साल तक सजा हो सकती है, जेल व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।


सुधार संस्था में भेजने का आदेश-

सार्वजनिक स्थानों या उने आस-पास वेश्यावृत्ति करना, वेश्यावृत्ति के लिए किसीको फुसलाना या याचना करने के संबंध में दोषी महिला को उसकी शारीरिक या मानसिक स्थिति के आधार पर न्यायालय उसको सुधार संस्था में भी भेजने का आदेश दे सकता है। सुधार संस्था में कम से कम दो साल व अधिक से अधिक पांच साल के लिए भेजा जा सकता है।


विशेष पुलिस अधिकारी एवं सलाहकार बॉडी-

राज्य सरकार इस अधिनियम के अंतर्गत अपराधों के संबंध में विशेष पुलिस अधिकारियों को नियुक्त करेगी।

सरकार कुछ महिला सहायक पुलिस अधिकारियों की भी नियुक्ति कर सकती है। इस अधिनियम के अंदर दिए गए सभी अपराध संज्ञेय है-

इस अधिनियम के अंदर दिये गए अपराध के दोषी व्यक्ति को विशेष पुलिस अधिकारी या उसके निर्देश के विना, वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है।

तलाशी लेनी-

विशेष पुलिस अधिकारी या दुर्व्यापार पुलिस अधिकारी बिना वारंट के किसी स्थान की तलाशी तब ले सकते है, जब उनके साथ उस स्थान के दो या दो से अधिक सम्मानित व्यक्तियों, जिनमें कम से कम एक महिला भी साथ हो।

वहां पर मिलने वाले व्यक्तियों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा। ऐसे व्यक्तियों की आयू, लैंगिक शोषण, व यौन संबंधी बीमारियों की जानकारी के लिए चिकित्सीय जांच करायी जाएगी।

ऐसे स्थानों पर मिलने वाली महिलाएं या लडकियों से, महिला पुलिस अधिकारी ही पूछताछ कर सकती है।


वेश्यागृह से छुडाना-

अगर मजिस्ट्रेट को किसी पुलिस अधिकारी या राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति से सुचना मिलती है कि कोई व्यक्ति वेश्यावृत्ति कर रहा है या करता है तो पुलिस अधिकारी (जो इंस्पेक्टर की श्रेणी से उच्च का होगा) उस स्थान की तलाशी लेने और वहां मिलने वाले लोगों को उसके सामने पेश रने को कह सकता है।

वेश्यागृह को बंद करना-

मजिस्ट्रेट को पुलिस से या किसी अन्य व्यक्ति से सूचना मिलती है कि कोई घर मकान, स्थान आदि सार्वजनिक स्थान के 200 मीटर के भीतर वेश्यावृत्ति के लिए प्रयोग किया जा रहा है, उसे नोटिस देगा कि वह सात दिन के अंदर जवाब दें कि क्यों न उस स्थान को अनैतिक काम के लिए प्रयोग किए जाने वाला घोषित किया जावे।

संबंधित पक्ष को सुनने के बाद यदि यह लगता है कि वहां पर वेश्यावृत्ति हो रही है तो मजिस्ट्रेट सात दिन के अंदर उसको खाली करने व उसकी अनुमति के बिना किराये पर न देने के आदेश दे सकता है।


संरक्षण गृह में रखने के लिए आवेदन-

कोई व्यक्ति जो वेश्यावृत्ति करता है या जिससे वेश्यावृत्ति करायी जाती है, वह मजिस्ट्रेट से संरक्षण गृह में रखने व ्यायालय से सुरक्षा के लिए आवेदन कर सकता है।


वेश्याओं को किसी स्थान से हटाना-

मजिस्ट्रेट को सूचना मिलने पर यदि यह लगता है कि उसके क्षेत्राधिकार में कोई वेश्या रह रही है, तो वह उसको वहां से हटने व फिर उस स्थान पर न आने का आदेश दे सकता है।


विशेष न्यायालयों की स्थापना-

इस अधिनियम के अंतर्गत किये गए अपराधों के लिए राज्य सरकार व केंद्र विशेष न्यायालय की स्थापना भी कर सकती है।

भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत भी महिलाओं व बच्चों को बेचने व खरीदने पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रावधान बनाए गए है।

18 साल से कम उम्र की लडकी को गैर कानूनी संभोग के लिए फुसलाना (धारा 366-क)

यदि कोई व्यक्ति किसी 16 साल से कम उम्र की लडकी को फुसलाता है, किसी स्थल से जाने को या कोई कार्य करने को यह जानते हुए कि उसके साथ अन्य व्यक्ति द्वारा गैर कानूनी सभोग किया जाएगा या उसके लिए मजबूर किया जाएगा तो ऐसे व्यक्ति को 10 साल तक की जल और जुर्माने से दंडित किया जाएगा।


विदेश से लडकी का आयात करना (धारा-366-ख)

अगर कोई व्यक्ति किसी 21 साल से कम उम्र की लडकी को विदेश से या जम्मू कश्मीर से लाता है, वह जानते हुए कि उसके साथ गैर कानूनी संभोग किया जाएगा या उसके लिए मजबूर किया जाएगा तो ऐसे व्यक्ति को 10 साल तक की जेल और जुर्माने से दंडित किया जा सकता है।

वेश्यावृत्ति आदि के बच्चों को बेचना (धारा-372)

अगर कोई व्यक्ति किसी 18 साल से कम उम्र के बच्चे को वेश्यावृत्ति, या गैर कानूनी संभोग, या किसी कानून के विरुध्द और दुराचारिक काम में लाए जाने या उपयोग किये गए जाने के लिए उसको बेचता है या भाडे पर देता, तो ऐसे व्यक्ति को 10 साल तक की जेल की सजा और जुर्माने से भी दंडित किया जा सकता है।

यदि कोई व्यक्ति किसी 18 साल से कम उम्र की लडकी को किसी वेश्या या किसी व्यक्ति को, जो वेश्यागृह चलाता हो या उसको प्रबंध करता हो, बेचता है, भाडे पर देता है तो यह माना जाएगा कि उस व्यक्ति ने लडकी को वेश्यावृत्ति के लिए बेचा है, जब तक कि इसके विपरीत साबित न हो जाए।


वेस्यावृत्ति आदि के लिए बच्चों को खरीदना (धारा-373)

अगर कोई व्यक्ति किसी 18 साल से कम उम्र के बच्चे को वेश्यावृत्ति, या गैर कानूनी संभोग, या किसी कानून के विरुध्द और दुराचारिक काम में लाए जाने या उपयोग किए जाने के लिए उसको खदीदता है या भाडे पर देता है, तो ऐसे व्यक्ति को 10 साल की जेल की सजा और जुर्माने से भी दंडित किया जा सकता है।


न्यायालयों के देह व्यापार से संबंधित निर्णय-

  1. उच्चतम न्यायालय ने गौर जैन बनाम भारत संघ में कहा है कि वेश्यावृत्ति एक अपराध है, लेकिन जो महिलाएं देह व्यापार करती है, उसको दोषी कम और पीडित ज्यादा माना जाएगा। न्यायालय ने यह भी कहा है कि ऐसी परिस्थितियों में रहने वाली महिलाओं और उनके बच्चों को पढाई के अवसर और आर्थिक सहायता भी दी जानी चाहिए तथा उनको समाज की मुख्य धारा से जोडने के लिए उनकी सादियां भी करवानी चाहिए, जिससे बाल देह व्यापार में कमी हो सके।
  2. उच्च न्यायालय ने प.न. कृष्णलाल बनाम केरल राज्य में कहा कि राज्य के पास यह शक्ति है कि वह कोई व्यापार या व्यवसाय जो गैर कानूनी, अनैतिक या समाज के लिए हानिकारक है, उस पर रोक लगा सकती है।


आज हमने हमारे पाठकों को अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम 1956 | The Immoral Traffic (Prevention) Act, 1956 इसके बारेमें संपूर्ण जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा। इसी तरह कानूनी जानकारी सिखने के लिए आप हमारे इस पोर्टल apanahindi.com पर आवश्य भेट दें।



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