बिजनेस शुरू करने के कुछ प्रमुख तरीके | Some main ways to start a business | गांव में बिजनेस करने का तरीका | सोल प्रोपराइटरशिप क्या है? | पार्टनरशिप क्या है? | प्राइवेट लिमिटेड कंपनी क्या होती है? | एल.एल.पी. क्या है? | लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप | छोटा व्यापार कैसे शुरू करें | फ्यूचर बिज़नेस आइडियाज | घर से बिजनेस कैसे शुरू करें | LLP
भारत में आज के दिन विभिन्न प्रकार के बिजनेस स्ट्रक्चर प्रचलित हो रहे हैं। किसी भी व्यवसाय की संरचना चुनना एक बिजनेसमैन द्वारा लिए गए सबसे महत्वपूर्ण निर्णय में से एक निर्णय है। केवल एक अच्छे विचार और निवेश से कोई व्यवसाय सफल नहीं हो सकता। एक सफल बिजनेस इस बात पर भी निर्भर करता है कि उसके लिए किस प्रकार के बिजनेस स्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया गया है। इस लेख में हमने उपलब्ध कुछ प्रकार के बिजनेस स्ट्रक्चर के बारे में चर्चा करने वाले है और यह जानेंगे कि सही व्यावसायिक संरचना पर कैसे निर्णय लें। तो आइये जानते है के बिजनेस शुरू करने के कुछ प्रमुख तरीके | Some main ways to start a business | गांव में बिजनेस करने का तरीका | सोल प्रोपराइटरशिप क्या है? | पार्टनरशिप क्या है? | प्राइवेट लिमिटेड कंपनी क्या होती है? | एल.एल.पी. क्या है? | लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप | छोटा व्यापार कैसे शुरू करें | फ्यूचर बिज़नेस आइडियाज | घर से बिजनेस कैसे शुरू करें | LLP क्या है।
सोल प्रोपराइटरशिप क्या है?
- इस प्रकार के बिजनेस मे एक ही मालिक होता है। जिसका सभी प्रमुख पहलुओं पर सीधा नियंतर्ण होता है। इसमें बिजनेस और मालिक एक ही होते हैं अर्थात बिजनेस की एक अलग कानूनी इकाई नहीं होती।
- सोल प्रोप्राइटरशिप के रजिस्ट्रेशन के लिए किसी कानूनी औपचारिकता की आवश्यकता नही होती। हालांकि, बिजनेस के हिसाब से जरूरी लाइसेंस या सर्टिफिकेट लेने पड सकते है, जैसे कि शॉप्स एंड एस्टेब्लिशमेंट सर्टिफिकेट।
- इस बिजनेस इकाई का अपने आप में कोई अलग अस्तित्व नहीं होता। मालनक व्यक्तिगत रूप से इकाई की सभी देनदारियों के लिए उत्तरदाई होता है। इसका मतलब यह हुआ कि देनदारी, कर्ज या किसी और नुकसान के मामलों में मालिक की निजी संपत्ति तक बात आ सकती है।
पार्टनरशिप क्या है?
- इस तरह के बिजनेस में दो या दो से अधिक मालिक होते हैं जो साझेदारी के तहत बिजनेस को चलाते हैं। व्यवसाय बनाने के लिए विभिन्न कौशल, ज्ञान और प्रतिभा के लोग एक साथ आते है जिन्हे पार्टनर्स कहा जाता है।
- पार्टनरशिप का रजिस्ट्रेशन वैकल्पिक होता है। हालांकि इस तरह का बिजनेस शुरू करने से पहले हमेशा एक पार्टनरशिप डीड तैयार करवानी चाहिए जिसमें साजिदारी के सारे नियम व शर्ते लिखी हो और उस डीड को रजिस्टर कराना चाहिए। पार्टनरशिप से जुडा कानून इंडियन पार्टनरशिप एक्ट रजिस्टर कराना चाहिए। पार्टनरशिप से जुडा कानून इंडियन पार्टनरशिप एक्ट में दिया गाया है। ध्यान दें कि केवल एक पंजीकृत पार्टनरशिप फर्म मुकदमा कर सकता है।
- पार्टनरशिप फर्म के साझेदार सब प्रकार की देनदारियों के लिए तय हिसाब से जिम्मेदार होते है। सब पार्टनर्स मिलकर पहले ही तय कर लेते हैं कि नुकसान और फायदे का बंटवारा किस प्रकार होगा। देनदारी, कर्ज या किसी और निकसान की स्थिति में सभी पार्टनर्स की पर्सनल पंपत्ति को भी बेचा जा सकता है।
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी क्या होती है?
- यह एक ऐसी इकाई है जिसे कुछ प्राइवेट लोगों द्वारा बनाया जाता है। जिन्हे शेयर होल्डर कहा जाता है। एक कंपनी का अपना गठन करने वाले सदस्यों से अलग कानूनी अस्तित्व होता है। कंपनी अपने आप सें एक लीगल पर्सन मानी जाती है। कंपनी कोई मुकदमा कर सकती है तथा लड सकती है। यह प्रॉपर्टी खरीद बेच सकती है और कॉन्ट्रैक्ट भी कर सकती है।
- प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होता है जो कंपनीज एक्ट 2013 के तहत होता है। इसके अलावा एक कंपनी को चलाने के लिए समय समय पर जरूरी औपचारिकताएं (कंप्लायंस) पूरे करते रहना पडता है जिसके लिए आपको एक पेशेवर सीए की जरूरत पडती है।
- एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का अस्तित्व अपने सदस्यो से अलग होता है। शेयर होल्डर्स की देनदारी केवल अपने शेयर कैपिटल के हिसाब से होती है। आमतौर पर किसी देनदारी, कर्ज या किसी और नुकसान के मामले में कंपनी के मालिकों की व्यक्तिगत या निजी संपत्ति पर आंच नहीं आती है।
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एल.एल.पी. क्या है? | लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप | LLP
- एल.एल.पी. का अर्थ होता है लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप जिसका हिंदी में मतलब होता है सीमित दायित्व भागीदारी। बिजनेस करने के लिए इस प्रकार की इकाई का चलन काफी बढ रहा है। सरल भाषा में समझे तो यह पार्टनरशिप और प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के बीच की इकाई है।
- हर एलएलपी लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप एक्ट 2008 के तहत नियंत्रित होती है और इसी अधिनियम के तहत रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य होता है। एक प्राइवेट कंपनी की तुलना में एलएलपी में काफी कम कागजी औपचारिकताएं (कप्लायंस) होती है।
- एक एलएलपी और उसके भागीदारों को अलग कानूनी इकाई माना जाता है। नुकसान या कर्ज के प्रि उनकी जिम्मेदारी उनके द्वारा किए गए निवेश तक ही सीमित है। किसी पार्टनर के व्यक्तिगत कार्य के कारण आने वाली देनदारी के लिए बाकी पार्टनर जिम्मेदार नहीं होते।
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कानूनी सलाह
- यदि आप केवल अपने दम पर बिजनेस करना चाहते है और चाहते है कि कागजी औपचारिकताएं बिल्कुल ना के बराबर हो तो सोल प्रोप्राइटरशिप अच्छा विकल्प है।
- यदि आप किसी के साथ मिलकर कोई बिजनेस करना चाहते है और चाहते है कि कागजी औपचारिकताएं बिल्कुल कम हो तो आप पार्टनरशिप के जरिए अपना बिजनेस कर सकते है। पार्टनरशिप को रजिस्टर अवश्य कराएं।
- यदि आप प्रोफेशन तरीके से काम करना चाहेत हैं और बिजनेस बढाने के लिे फंड की जरूरत पड सकती है तो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी अच्छा विकल्प है क्योंकि प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को बैंक से लोन मिलना आसान होता है। इसमें कागजी औपचारिकताए ज्यादा होती है, परंतु देनदारी के मामलों में सुरक्षा भी अधिक होती है।
- यदि आप प्रोफेशनल तरीके से काम करना चाहते है लेकिन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के जितनी औपचारिकताओं से बचना चाहते हैं तो एलएलपी बेहतर विकल्प है क्योंकि एलएलपी आपको प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के फायदे देती है और पार्टनरशिप के नुकसान से बचाती है।
इस लेख के माध्यमसे आज हमने बिजनेस शुरू करने के कुछ प्रमुख तरीके | Some main ways to start a business | गांव में बिजनेस करने का तरीका | सोल प्रोपराइटरशिप क्या है? | पार्टनरशिप क्या है? | प्राइवेट लिमिटेड कंपनी क्या होती है? | एल.एल.पी. क्या है? | लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप | छोटा व्यापार कैसे शुरू करें | फ्यूचर बिज़नेस आइडियाज | घर से बिजनेस कैसे शुरू करें | LLP के बारेमें जानकने की कोशिश कि है। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा। इसीतरह कानूनी जानकारी के लिए आप हमारे इस पोर्टल apanahindi.com पर आवश्य भेट दें।
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