आई.पी.सी. धारा 354 ग क्या है? | What is Section 354 C of IPC?
धारा 354 ग यह भारतीय दंड संहिता 1860 मे चाप्टर 16 में दिया गया है। इस धारा के अंतर्गत जब कोई महिला अथवा लडकी कोई ऐसा काम करते समय जो वह काम आमतौर पर वो अपने एकांत में करती है याने वह काम किसी सार्वजनिक जगहों पर नहीं करती है और ठीक इसी समय कोई व्यक्ति उस महिला की फोटो खींच लेता है तो यह भारतीय दंड विधान धारा 354 ग के तहत दंडनीय अपराध होगा और उसे दोषी माना जाएगा। अगर आरोपी धारा 354C के अंतर्गत पहली बार दोषी पाया जाता है तो उसे कम से कम 3 साल की सजा हो सकती है इसके अलावा उसपर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। वहीं व्यक्ति दूसरी बार दोषी पाया जाता है तो उसे इसी धारा के तहत 3 साल से 7 साल तक की सज़ा हो सकती है और जुर्माना भी देना पड़ेगा। आइये इस लेख के माध्यम से आज हम आई.पी.सी. धारा 354 ग क्या है? | What is Section 354 C of IPC? इसके बारे में जानकारी हासील करते है।
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भारतीय दंड विधान
धारा 354 ग : दृश्यरतिकता
ऐसा कोई पुरुष, जो कोई ऐसी किसी स्त्री को, जो उन परिस्थितियों के अधीन, जिनमें वह यह प्रत्याशा करती है कि इसे अपराध करने वाला या अपराध करने वाले के कहने पर कोई व्यक्ति देख नहीं रहा होगा, किसी प्राइवेट कृत्य में लगी किसी स्त्री को एकटक देखेगा या उसका चित्र खींचेगा अथवा इस चित्र को प्रसारित करेगा, प्रथम दोषसिध्दि पर दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष से कम की नहीं किंतु जो तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडित किया जाएगा और द्वितीय अथवा पश्चात्वर्ती किसी दोषसिध्दी पर दोनों में से किसी भांति के कारवास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष से कम की नहीं होगी किंतु जो सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।
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स्पष्टीकरण-1- इस धारा के प्रयोजनों के लिए “प्राइवेट कृत्य” के अंतर्गत ऐसे किसी स्थान में देखने का कार्य किया जाता है, जिसके संबंध में, परिस्थितियों के अधीन, युक्तियुक्त रुप से यह प्रत्याशा की जाती है कि वहाँ एकांतता होगी और जहाँ कि पीडिता के जननांगों, नितंबों या वक्षस्थलों को अभिदर्शित किया जाता है या केवल अधोवस्त्र से ढका जाता है अथवा जहाँ कि पीडिता किसी शौचघर का प्रयोग कर रही है; या जहाँ पीडिता ऐसा काई लैंगिक कृत्य कर रही है तो ऐसे प्रकार का नहीं है जो साधारणतया सार्वजनिक तौर पर किया जाता है।
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स्पष्टीकरण - 2 – जहाँ पीडिता चित्रों या किसी अभिनय के चित्र को खींचने के लिए सम्मति देती है किंतु अन्य व्यक्तियों को उन्हे प्रसारित करने की सम्मति नहीं देती है और जहाँ उस चित्र या कृत्य का प्रसारण किया जाता है वहाँ ऐसे प्रसारण को इस धारा के अधीन अपराध माना जाएगा।
Indian Penal Code
Section-354-C-Voyeurism
Any man who watches, or captures the image of a woman engaging in a private act in circumstances where she would usually have the expectation of not being observed either by the perpetrator or by any other person at the behest of the perpetrator or disseminates such image shall be punished on first conviction with imprisonment of either description for a term which shall not be less than one year, but which may extend to three years, and shall also be liable to fine, and be punished on a second or subsequent conviction, with imprisonment of either description for a term which shall not be less than three years, but which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.
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Explanation - 1 - For the purpose of this section, “private act” includes an act of watching carried out in a place which, in the circumstances, would reasonably be expected to provide privacy and where the victim’s genitals, posterior or breasts are exposed or covered only in underwear; or the victim is using a lavatory; or the victim is doing a sexual act that is not of a kind ordinarily done in public.
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Explanation - 2 - Where the victim consents to the capture of the images or any act, but not to their dissemination to third persons and where such image or act is disseminated, such dissemination shall be considered an offence under this section.
Classification of Offence
FOR FIRST CONVICTION
- Punishment – Imprisonment for 1 to 3 years and Fine
- Cognizable
- Bailable
- Triable by any Magistrate
- Non-
- Compoundable
FOR SECOND OR SUBSEQUENT CONVICTION
- Punishment – Imprisonment for 3 to 7 years and Fine
- Cognizable
- Non-bailable
- Any Magistrate
- Non-Compoundable
टिप्पणियां
सार्वजनिक या निजी स्थानों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में महिलाओं या लड़कियों को शामिल किया जा सकता है इसी प्रकार स्त्री या महिलाएं या लडकियां एकांत में कुछ कार्य करती रहती है, ऐसे समय में समाज के दृष्टिहीन व्यक्ति बिना जाने उस महिला या लड़की की तस्वीरे ले लेते हैं ऐसा कृत्य धारा 354ग के तहत दंडनीय है। चूंकि इससे पहले किसी कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं नही होने के कारण महिलांओं को काफी कठिनाओं का सामना करना पडता था।
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आज हमने इस लेख के माध्यम से आई.पी.सी. धारा 354 ग क्या है? | What is Section 354 C of IPC? को पुरी तरह समझने का प्रयास किया है। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा। इसी तरह कानूनी जानकारी के लिए आप हमारे इस पोर्टल apanahindi.com पर आवश्य भेट दें।
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