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आई.पी.सी. धारा 328 क्या है? | What is Section 328 of IPC?

आई.पी.सी. धारा 328 क्या है? | What is Section 328 of IPC?



धारा 328 यह भारतीय दंड संहिता 1860 मे चाप्टर 16 में दिया गया है। इस धारा के अनुसार यदी कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति के खाने या पीने की वस्तु में नशीला या जहरीला पदार्थ मिला देता है जिससे उस व्यक्ति के जान को नुकसान हो सकता है तो ऐसे आरोपी को धारा 328 के तहत 10 वर्ष की कारावास और जुर्माना हो सकता है। यह एक गैर कानूनी अपराध है। तो आईये इस लेख के माध्यम से आज हम आई.पी.सी. धारा 328 क्या है? | What is Section 328 of IPC? इस के बारेमें जानकारी हासिल करते है।

धारा 328- अपराध करने के आशय से विष इत्यादि तद्दवारा उपहति कारित करना-

जो कोई आशय से कि किसी व्यक्ति को उपहति कारित की जाए या अपराध करने के, या किए जाने को सुकर बनाने के आशय से, या यह सम्भाव्य जानते हुए कि वह तद्दवारा उपहति कारित करेगा, कोई विष या जडिमाकारी, नषा करने वाली या अस्वास्थ्यकर औषधि या अन्य चीज उस व्यक्ति को देगा या उसके द्वारा लिया जाना कारित करेगा, वह दोनों में से किसी भॉंति के कारावास से जिसकी अवधि दस वर्ष तक ही हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माना से भी दण्डनीय होगा।



Section 328. Causing hurt by means of poison, etc., with intent to commit an offence.—

Whoever administers to or causes to be taken by any person any poison or any stupefying, intoxicating or unwholesome drug, or other thing with intent to cause hurt to such person, or with intent to commit or to facilitate the commission of an offence or knowing it to be likely that he will thereby cause hurt, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to ten years, and shall also be liable to fine.

Classification of Offence

  1. Punishment – Imprisonment for 10 years & fine
  2.  Cognizable 
  3. Non-Bailable
  4. Cognizable
  5. Triable by Court of session

इस धारा के तहत आरोपी के खिलाफ मामला स्थापित करने के लिए अभियोजन पक्ष को नीचे उल्लिखित बिंदुओं को साबित करना होगा-

  1. वह पदार्थ एक ज़हर या एक कामोत्तेजक, एक मादक या एक हानिकारक पदार्थ है।
  2. अभियुक्त ने कंप्लेनंट को ऐसे पदार्थ का सेवन करने दिया अथवा सेवन कराया।
  3. जबकि अभियुक्त अपराध करने के इरादे से या अपराध करने की सुविधा के लिए ऐसा कार्य कर रहा था, वह जानता था कि वह चोट पहुँचाने में सक्षम है।

न्याय निर्णय / Case Law

  1. जब अभियुक्त द्वारा किया गया कार्य यह साबित नहीं होता है कि उसने जानबूझकर या विशिष्ट इरादे से यह कृत्य किया था जैसा कि इस धारा में उल्लेख किया गया है, तो अभियुक्त को इस धारा के तहत दोषी नहीं ठहराया जा सकता। 1955 Cr.L.J. 1022
  2. अगर आरोपी ने जहर का प्रयोग किया है तो उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 328 के तहत दोषी ठहराया जा सकता है। 1996 Cr.L.J. 1062
  3. एक कर्मचारी जो अपने नियोक्ता मालिक डॉक्टर को ज़हर लेने देता है, उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 328 के तहत दोषी ठहराया जा सकता है। AIR 1975(SC) 241, 1974 Cr.L.J. 1249
  4. इस धारा के अनुसार मामले को साबित करने के लिए सरकारी पक्ष को संदेह से परे सबूत देना जरूरी है। 1984(1),Crmes(M.P.) 373


इस लेख के माध्यम से हमने हमारे पाठकों को आई.पी.सी. धारा 328 क्या है? | What is Section 328 of IPC? इसके बारे में पुरीतरह समझाने की कोशिश की है। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा। अगर आपकी कोई राय है या कोई सवाल है तो आप निचे कमेंट ब़ॉक्स में पुछ सकते है। इसी तरह के कानूनी जानकारी के लिए आप हमारे पोर्टल apanahindi.com पर आवश्य भेट दे।



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