वसीयत संबंधी कानूनी प्रावधान | Legal Provisions Of The Will In Hindi | वसीयत क्या है | वसीयत कौन कर सकता है | सादे कागज पर वसीयत | वसीयत के नियम क्या है? | वसीयत कैसे की जाती है? | वसीयत का प्रारूप PDF | मृत्यु के बाद वसीयत कितने समय तक वैध होती है? | वसीयत
आज कल के भागदौड भरी जिंदगी में किसीके जिवन का कोई भरोसा नही रहा। न जाने मृत्यू के पश्चात उनके संपत्ति को मृतक के उत्तराधिकरी किस तरह निपटान करते है किसी को पता नही होता इसिलीये बहोत से लोग अपने जिवनकाल में अपने संपत्ति के निपटान करने के लिए अपना वसीयत बनाकर रखना उचित समझता है। हमारे भारत में वसीयत बनाना एक आम बात हो गई है। जिसे संपत्ति के संबंध में इस्तेमाल किया जाता है। इस शब्द को अंग्रेजी में विल कहते है। आइए इस लेख के माध्यम से आज हम वसीयत संबंधी कानूनी प्रावधान | Legal Provisions Of The Will In Hindi | वसीयत क्या है | वसीयत कौन कर सकता है | सादे कागज पर वसीयत | वसीयत के नियम क्या है? | वसीयत कैसे की जाती है? | वसीयत का प्रारूप PDF | मृत्यु के बाद वसीयत कितने समय तक वैध होती है? | वसीयत समझने की कोशिश करते है।
- यह भी पढे- डॉक्ट्रिन ऑफ पार्ट परफॉर्मेंस
वसीयत क्या है | वसीयत कौन कर सकता है
भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम 1925 के अनुसार वसीयत एक ऐसा दस्तावेज होता है जो की किसी संपत्ति के मालिक द्वारा उसके मृत्यू के पश्चात उसके संपत्ति का निपटारा उनके उत्तराधिकारीयों के बिच कैसे करना चाहिए यह तय करता है। संपत्ति को कैसे निपटान करना है उसके संबंध में इस तरह की घोषणा वसियतकर्ता अपने वसियतनामा में करता और उसका प्रभाव वसियतकर्ता की मृत्यू के बाद ही होता है।
- यह भी पढे- सक्सेशन सर्टिफिकेट क्या होता है?
वसीयत के नियम क्या है? |
- चल और अचल दोनों संपत्तियों के संबंधमे वसीयत बनाई जा सकती है।
- वसीयत बनाने के लिए वही व्यक्ति सक्षम है जो की दिमागी तौर पर स्वस्थ है तथा बालिग होता है।
- संपत्ति का मालिक जो है वह व्यक्ति केवल वही संपत्ति के संदर्भ में वसीयत कर सकता है जो उसने अपने जिवनकाल में स्वयं अर्जित किया हो। वह अपनी पैतृक संपत्ति को अपने वसीयत के जरिये निपटान नहीं कर सकता है। यदी पैतृक संपत्ति के मामले में होती हो तो वह व्यक्ति उसी संपत्ति का वसीयत कर सकता है जो उसे भविष्य में अपने उत्तराधिकार के तौर पर मिलने वाली है।
- यह भी पढे-कोडपत्र यानी कोडिसिल क्या है?
वसीयत कैसे की जाती है? | सादे कागज पर वसीयत
- वसीयत का कोई निर्धारित रूप नहीं होता है और यह किसी भी भाषा में लिखी जा सकती है। हालांकि, वसीयत की भाषा बिलकुल स्पस्ट रुपसे होनी चाहिए।
- वसीयत का रजिस्ट्रेशन या इसको नोटराइज करवाना आवश्यक नहीं है। एक कागज का टुकडा भी वसीयत हो सकता है। परंतु मेरा निजी परामर्श यह कहता है कि वसीयत का रजिस्ट्रेशन हमेशा करवा लेना उचित रहेगा। रजिस्टर्ड विल को चैलेंज करना थोडासा मुश्किल होता है और इसतरह भविष्य में होने वाली मुकदमेबाजी से बचा जा सकता है।
- वसीयत को निष्पादित करने के लिए किसी भी स्टांप शुल्क का भुगतान करने की आवश्यक्ता नहीं है।
- वसियत को विधिवत हस्ताक्षरित और दो गवाहों द्वारा सत्यापित करने की आवश्यकता होती है। गवाहों को एक दूसरे की उपस्थिति में और वसियतकर्ता की उपस्थिति में हस्ताक्षर करने चाहिए।
- हिंदुओं के मामले में गवाह एक लाभार्थी भी हो सकता है परंन्तु यह सलाह दी जाती है कि एक लाभार्थी द्वारा वसीयत सत्यापित नहीं की जानी चाहिए। अदालतों ने यह ऐसे मामलों को संदिग्ध परिस्थितियों में माना है।
- यह भी पढे- वसीयतनामा कैसे बनाते है | Will
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
हाल ही में माननीय सुप्रीम कोर्ट नें कविता कंवर बनाम श्रीमती पामेला मेहता (कविता कंवर केस) के मामलें में विल से जुडी कुछ प्रमुख मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की है। कविता कंवर केस में उन संदिग्ध परिस्थितियों का विवरण है जो अदालतों द्वारा किसी भी वसीयत को अमान्य करार देने के लिए विचार की जाती है। चाहे विपक्ष में कोई दलील ली जाती है या नहीं, वसीयत प्रस्तावक के लिए यह आवश्यक है कि वह विल से संबंधित सभी संदिग्ध परिस्थितियों को हटाकर न्यायालय के विवेक को संतुष्ट करें।
वसीयत यह सुनिश्चित करती है कि किसी व्यक्ति के गुजरने के बाद उसकी विरासत कैसे चलेगी। विल एक ऐसा उपकरण है जो किसी व्यक्ति को अपनी इच्छा के अनुसार अपनी मेहनत की संपत्ति को वितरित करने में सक्षम बनाता है। भारत में आम लोग वसीयत को लेकर चर्चा करने में सक्षम बनाता है। भारत में आम लोग वसीयत को लेकर चर्चा करने में सहज नहीं है तथा नाही वसीयत से जुडी कानूनी बातों से पूर्ण रूप से सजग है जिसकी वजह से न्यायालयों में विल से जुडे मुकदमों की भरमार है। वसीयत से जुडी उपरोक्त कानूनी बातों के प्रति सजगता, उत्तराधिकार विवादों को कम करने में अहम भूमिका निभा सकती है।
- यह भी पढे- वसीयत को चुनौती देने के सात तरीके
इस लेख के माध्यम से हमने हमारे पाठकों को वसीयत संबंधी कानूनी प्रावधान | Legal Provisions Of The Will In Hindi | वसीयत क्या है | वसीयत कौन कर सकता है | सादे कागज पर वसीयत | वसीयत के नियम क्या है? | वसीयत कैसे की जाती है? | वसीयत का प्रारूप PDF | मृत्यु के बाद वसीयत कितने समय तक वैध होती है? | वसीयत को सरल भाषा में समझाने की कोशिश की है। आशा है के आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। यदि आपका कोई सवाल है तो आप निचे कमेंट बॉक्स मे पुछ सकते है। इसी तरह कानूनी जानकारी को पढने के लिए आप हमारे इस पोर्टल apanahindi.com पर आवश्या भेट दे।
यह भी पढे
- सभि दस्तावेजोका संपूर्ण मार्गदर्शन | Deeds And Documents
- दस्तावेजो के नमुने | प्रारूप | Format of Deeds ans Documents
- चेक बाऊन्स केसेस संबंधीत संपूर्ण मार्गदर्शन | Cheque Bounce Case Procedure
- पारिवारिक कानून को सिखे और समझे | Family Law in Hindi
- फौजदारी कानून का संपूर्ण मार्गदर्शन | Criminal Law In Hindi
- सिविल कानून का मार्गदर्शन | Civil Law
- सामाजिक और कानूनी लेख तथा मार्गदर्शन | Social And Legal Articals
थोडा मनोरंजन के लिए
0 टिप्पणियाँ