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मोटार वाहन दुर्घटना मामलों में मुआवजा कैसे मिलता है? | How to get compensation in motor vehicle accident cases?

मोटार वाहन दुर्घटना मामलों में मुआवजा कैसे मिलता है? | How to get compensation in motor vehicle accident cases?



रोजाना भारत में सडकों पर वाहनों की संख्या में लगातार बढती जा रही है। इसके साथ ही सडक दुर्घटनाएं भी काफी तेजी से बढ रही हैं। दुर्घटना पीडितों को मोटार वाहन दुर्घटनों के मुआवजे से संबंधित प्रावधानों का ज्ञान भी नहीं होता। क्या आपको पता है कि मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 के तहत जिस गाडीं से दुर्घटना हुई है उस गाडी की बीमा पॉलिसी कंम्पनी द्वारा घायल व्यक्ति को या मृतक के आश्रितों को मुआवजा मिल सकता है। आइए इस लेख के माध्यम से आज हम मोटार वाहन दुर्घटना मामलों में मुआवजा कैसे मिलता है? | How to get compensation in motor vehicle accident cases? के बारेमें जानकरी हासिल करते है।


मोटर दुर्घटना क्लेम ट्रिब्यूनल (MACT) क्या है?

  1. मोटार व्हीकल एक्ट की धारा 165 के तहत हर जिलें में एक या एक से अधिक मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल जैसे न्यायालय बनाए गए हैं। इन ट्रिब्यूनल का गठन इसलिए किया गया है, ताकि सडक हादसों के शिकार हुए लोगों को जल्द से जल्द मुआवजा मिल सके। ये अधिकरण (एमएसीटी न्यायालय) मोटर दुर्घटनाओं के परिणामस्वरूप जीवन/संपत्ति के नुकसान और चोट के मामलों से संबंधित दावों से निपटते हैं तथा पीडितों को मुआवजा दिलाते हैं।
  2. ये ट्रिब्यूनल सडक हादसे के मामले की सुनवाई के दौरान सिविल न्यायालय के अधिकारों का पूरा इस्तेमाल करते हैं।

मुआवजे का दावा

  • मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 166 के अनुसार मुआवजे पिडीत व्यक्ति द्वारा अथवा मृतक के परिजनो द्वारा न्यायालय में मुआवजे के लिए दावा किया जाता है।
  • दावा याचिका निम्नलिखित द्वारा दायर की जा सकती है।
a. जिस व्यक्ति को चोट आई है।
b. क्षतिग्रस्त संपत्ति के मालिक द्वारा।
c. दुर्घटना में मारे गए मृतक के सभी या किसी भी कानूनी प्रतिनिधि द्वारा।
d. घायल व्यक्ति के विधिवत अधिकृत एजेंट द्वारा।
  • दुर्घटना का कारण बनने वाले ड्राइवर का दोष सिध्द होने पर अदालत पीडित व्यक्ति की आय, आयु, परिवार के सदस्यों की संख्या, वैवाहिक स्तर, शिक्षा और परिवार को हुई आर्थिक क्षति को देखकर मुआवजे की राशि को निर्धारण करती है।


मुआवजे का भुगतान

  1. दुर्घटना से संबंधित मुआवजे का भुगतान दुर्घटना करने वाले वाहन की बीमा कम्पनी द्वारा किया जाता है। इसलिए मोटर वाहन कानून के अन्तर्गत प्रत्येक वाहन का तृतीय पक्ष बीमा (थर्ड पार्टी इंश्योरेंस) कराना अनिवार्य किया गया है।
  2. जिस वाहन का बीमा न हो और वह दुर्घटनाग्रस्त हो जाए तो ऐसे मुआवजे की राशि वाहन मालिक और ड्राइवर दोनों को देनी पडती है। ऐसे लोगों से मुआवजा राशि वसूल करने के लिए अदालतों के पास उनकी सम्पत्ति जब्त करने का अधिकार भी होता है।

हिट एंड रन मामले

हिट एंड रन मामले में एक्सीडेंट करने वाला ड्राइवर मौके से भाग जाता है। इसके चलते वाहन और ड्राइवर की पहचान नहीं हो पाती थी, इसलिए पीडित मुआवजे से वंचित रह जाते थे। हिट एंड रन मामलों में भी पीडित को मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है। मोटर व्हिकल एक्ट की धारा 163 के तहत केंद्र सरकार ने सोलेशियम फंड बनाया है। ऐसे लोगों को मुआवजा देने के लिए इस फंड का इस्तेमाल किया जाता है।

मोटार दुर्घटना के मामलों में आपराधिक मुकद्दमा

  1. सडक दुर्घटनाओं के मामलों में दोषी व्यक्ति पर भारतीय दंड संहिता के धार 304(ए) 304 के तहत आपराधिक मुकदमा भी चलाय जाता है तथा दोष सिध्द होने पर सजा मिलती है।
  2. इन मामलों में भी देखा गया है। कि दोषी व्यक्ति समझौता करने के लिए पीडित व्यक्ति को क्षतिपूर्ति के लिए मुआवजा देता है। इसलिए आपराधिक मामले को भी बडी गंभीरता से लेना चाहिए।

कानूनी सलाह

  1. अपने वाहन का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अवश्य करवा कर रखें अन्यथा किसी दुर्घटना की अवस्था में आपको भारी भरकम मुआवजा अपनी जेब से देना पड सकता है।
  2. अगर मोटर दुर्घटना क्लेम ट्रिब्यूनल से आपका क्लेम डिसमिस हो गया है तो भी अपने केस को हाईकोर्ट तथा सुप्रीमकोर्ट तक अवश्य लडे क्योंकि मोटर दुर्घटनाओं का मुआवजा एक प्रकार का सामाजिक कल्याण का कानून है और उच्च अदालतों ने इस कानून की व्याख्या में हमेशा उदारता से ही निर्णय दिए हैं।
  3. सडक पर यदि कोई दुर्घटना होती है तो घायलों को जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचाना चाहिए तथा पुलिस को सुचित करना चाहिए। वहीं दुर्घटना स्थल पर खडे अन्य व्यक्तियों का यह दायित्व होना चाहिए कि वे दुर्घटनाग्रस्त वाहनों तथा उस स्थल की स्पष्ट तस्वीरे व वीडियो मोबाइल फोन से रिकॉर्ड करें। पुलिस के आने पर फोटो और वीडियो पुलिस को सौपी जाए तथा दुर्घटना पीडित व्यक्ति के परिवार को भी दी जाए।
  4. हम सबिको यातायात नियमों का कडाई से पालन करना चाहिए।


इस लेख के माध्यम से हमने हमारे पाठकों को मोटार वाहन दुर्घटना मामलों में मुआवजा कैसे मिलता है? | How to get compensation in motor vehicle accident cases? इसके बारेमें कानूनी जानकारी देनेका पुरा प्रयास किया है। आशा है के आपको हमारा लेख पसंद आया होगा। यादी आपको हमारा लेख पसंद आया है तो आप अपनी राय और सवाल निचे कमेंट बॉक्स में जरूर दें। इसि तरह के कानूनी जानकारी पाने के लिए आप हमारे इस पोर्टल apanahindi.com पर आवश्य भेट दें।



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