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मौलिक कर्तव्य | Fundamental Duties

मौलिक कर्तव्य | Fundamental Duties



भारत देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। क्योंकि, 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान को स्वीकृत किया गया था, जो 26 जनवरी 1950 को प्रभाव में आया। भारत के संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकारों के साथ-साथ कुछ मौलिक कर्तव्यों के बारे में भी बताया गया है। स्वर्ण सिंह संमिति की सिफारिश पर वर्ष 1976 में 42 वें संविधान द्वारा मौलिक कर्तव्यों को संविधान में शामिल किया गया। वर्तमान में अनुच्छेद 51A के तहत हमारे संविधान में 11 मौलिक कर्तव्य हैं जो कानून द्वारा वैधानिक कर्तव्य हैं। आइए, इस लेख के माध्यम से आज हम हमारे भारतीय संविधान में बताए गए मौलिक कर्तव्य | Fundamental Duties को सिखने की और समझने की कोशिश करतो है।

  1. संविधान का पालन करें और उसके आदेशों, संस्था, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करें।
  2. स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदेशों को ह्रदय में संजोए रखे और उनका पालन करें।
  3. भारत की प्रभुता, एकता और अखंण्डता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण रखे।
  4. देश की रक्षा करे और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करें।
  5. भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करें जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो स्रियों के सम्मान के विरुध्द है।
  6. हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करें।
  7. प्राकृतिक पर्यावरण की, जिसके अन्तर्गत वन झील, नदी और अन्य जीव हैं, रक्षा करें और उसका संवर्धन करें तथा प्राणिमात्र के प्रति दयाभाव रखे।
  8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें।
  9. सार्वजनिक सम्पत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहें।
  10. व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की और बढने का सतत प्रयास करें जिससे राष्ट्र निरन्तर बढते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई ऊँचाइयों को छू ले।
  11. जो माता-पिता या संरक्षक हो वह, 6 से 14 वर्ष के बीच की आयु के, यथास्थिति, अपने बच्चे अथवा प्रतिपाल्य को शिक्षा प्राप्त करने के अवसर प्रदान करेगा।


यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है के हम इस देश के नागरिक अक्सर अपने मौलिक अधिकारों को तो याद रखते है परंतु मौलिक कर्तव्यों को भूल जाते है। समाज तथा राष्ट्र को समग्र व संपूर्ण रूप से आगे बढाने के लिए सभी नागरिकों को इन मौलिक कर्तव्यों के प्रति भी अपने नैतिक जिम्मेदारी समझनी चाहिए।


इस लेख के माध्यम से हमने हमारे पाठकों को मौलिक कर्तव्य | Fundamental Duties के बारेमें संपूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया है। आशा है के आपको यह  लेख पसंद आया होगा। यदि आपको हमारा लेख पसंद आए और आपका कोई सवाल हो तो आप निचे कमेंट बॉक्स में आपकी राय और सवाल पूछ सकते है। इसी तरह कानूनी जानकारी के लिए आप हमारे इस पोर्टल apanahindi.com पर आवश्य भेट दे।




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