नारकोटिक्स ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट क्या है | NDPS Act kya hai
हाल ही में सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस मामले की वजह से एनडीपीएस कानून फिर से सुर्खियों में आ गया हैं। भारत में अनेकों स्थानों पर प्रतिबंधित नशीली पदार्थों का धडल्ले से व्यापार हो रहा है जिसकी चपेट में हमारे देश के युवा पीढी आ रही हैं। आइए इस लेख के माध्यम से आज हम नारकोटिक्स ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट क्या है | NDPS Act kya hai इस कानून के बारे में जाननें कि कशिश करते है।
एन.डी.पी.एस. एक्ट क्या है
भारतीय संसद ने 1985 में नारकोटिक्स ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट पारित किया था, जिसको आप आम भाषा में एनडीपीएस एक्ट के नाम से जानते है। किसी भी नशीले पदार्थ की गैर कानूनी तरीके से खेती, उत्पादन, निर्माण, भंडारण, बिक्री, परिवहन या उपयोग/इस्तेमाल को प्रतिबंधित करना एनडीपीएस एक्ट का मुख्य उद्देश्य है। बहुत सारे नशीले पदार्थ ऐसे होते है, जिनका उत्पादन जरूरी तो होता है लेकिन इन पर कडी निगरानी रखना जरूरी हो जाता है ताकि इनका नशे के लिए दुरूपयोग ना हो।
एन.डी.पी.एस. एक्ट के नुसार कौन से ड्रगस प्रतिबंधित हैं
एनडीपीएस एक्ट के तहत एक अनुसूची दी गयी है। उस अनुसूची में केंद्रीय सरकार उन ड्रग्स को शामिल करती है जो नशे में प्रयोग होकर इंसान के लिए खतरनाक हो सकते है। इस ड्रग्स का उपयोग जीवन बचाने हेतु दवाई औन अन्य स्थानों पर होता है जिसकी वजह से इनको पूर्ण रुप से प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता। इस लिस्ट में दो तरह की दवाएं होती है।
- पहला, नारकोटिक में जो दवा या पदार्थ आता है, वह प्राकृतिक होता है या फिर प्राकृतिक चीजों से बनता है, वो केमिकल बेस्ड होती है या फिर इन्हे दो-तीन तरह के केमिकल को मिलाकर बनाया जाता है। जैसे-एलएसडी, एमएमडीए, अल्प्राजोलम आदि।
- दूसरा, साइकोट्रोपिक यानी दिमाग पर असर डालने वाले ड्रग्स। साइकोट्रोपिक में जो दवाएं आती हैं, वो केमिकल बेस्ड होती है या फिर इन्हें दो-तीन तरह के केमिकल को मिलाकर बनाया जाता है। जैसे- एलएसडी, एमएमडीए, अल्प्रोजोलम आदि।
कितने मात्रा के आधार पर सजा का प्रावधान है
एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रतिबंधित पदार्थों की मात्रा के आधार पर साधारणतः तीन तरह की सजाएं होती है।
- अल्पमात्रा या कम मात्राः इसमें एक साल की सजा या 10 हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है। इस तरह का अपराध जमानती होता है।
- कमर्शियल क्वांटिटीः इसके तहत 10 से 20 साल तक की सजा हो सकती है और एक से दो लाख रुपये तक जुर्माना शामिल है। इस तरह के अपराध गैर जमानती होते है।
- अल्प मात्रा और कमर्शियल क्वांटिटी के बीच की मात्राः इसके तहत 10 साल तक की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते है। ऐसे मामलों में जमानत मिलना या न मिलना पकडे गए नशीले पदार्थ और पुलिस की धाराओं पर निर्भर करता है।
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एन.डी.पी.एस. एक्ट में कौन सी धाराए लगती है
एनडीपीएस एक्ट में सजा के लिए कई तरह की धाराएं लग सकती हैं जो कि चैप्टर चार में दी गई हैं। इसमें अफीम की खेती करना, ड्रग्स लाना- ले जाना, ड्रग्स की तस्करी करना, जबरन किसी को ड्रग्स करवाना, ड्रग्स का कारोबार करना या इसमें पैसा लगाना या फिर खुद ड्रग्स लेना शामिल है। जैसे कि धारा 27 के तहत कोकेन. हेरोइन आदि ड्रग्स लेने के लिए 1 साल तक की सजा या 20 हजार तक जुर्माना या दोनों हो सकता हैं और इनके अलावा अन्य किसी ड्रग्स लेने के लिए 6 महीने तक की सजा या 10 हजार तक जुर्माना या दोनों हो सकता है।
मृत्यु दंड तक का भी है प्रावधान
इस अधिनियम में मृत्युदंड का भी प्रावधान रखा गया है। अधिनियम की धारा 31 ए के अंतर्गत एक बार सिध्ददोष ठहराए जाने के बाद पुनः उस तरह का अपराध किया जाता है तो मृत्युदंड भी दिया जा सकता है। हालांकि ऐसा बहुत कम होता है। युवा पीढी को इन प्रतिबंधित ड्रग्स के सेवन से जीवन पर होने वाले घातक दुष्परिणामों के प्रति जागरुक होना चाहिए। साथ ही यह भी जरूरत है कि इस कानून का बडी सकताई के साथ पालन हो ताकि ड्रग्स यूज को समाज से निकाला जा सके।
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इस लेख के माध्यम से हमने नारकोटिक्स ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट क्या है | NDPS Act kya hai इसके बारेमे चर्चा कि है। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा। इसी तरह कानूनी जानकारी को पढने के लिए आप हमारे इस पोर्टल apanahindi.com पर व्हिजीट करते रहे।
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