सेशन कोर्ट में जमानत के लिए कितने बार आवेदन कर सकते है? | Session Court Me Jamanat Ke Liye Kitane Bar Aavedan Kar Sakte Hai?
जब भी किसी व्यक्तिपर किसी गंभीर आरोप किया जाता है। और उस आरोप के जरीए पुलिस थाने में कंप्लेंट देकर एफ.आई.आर. रजिस्टर करवाया जाता है। तब उस आरोपी व्यक्ति को सेशन कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन लगाना अनिवार्य होता है। तो आइये इस लेख के माध्यम से हम यह जानने की कोशिश करते है के, सेशन कोर्ट में जमानत के लिए कितनी बार आवेदन कर सकते है। इस बात पर हम चर्चा करते है।
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सेशन कोर्ट में जमानत के लिए कितने बार आवेदन कर सकते है इस बात को समझने के पहले हमे यह जानना जरूरी है के सेशन कोर्ट में एफ.आई.आर. के बाद दो प्रकार के जमानत के आवेदन रख सकते है।
- एंटिसीपेटरी बेल
- रेग्यूलर बेल
1. एंटिसीपेटरी बेल
एंटिसीपेटरी बेल एप्लिकेशन एफ.आई.आर. रजिस्टर करने के बाद तुरंत वकिल के द्वारा जिला न्यायालय याने सेशन कोर्ट मे लगाया जाता है। इस प्रकार के जमानत का प्रावधान क्रिमीनल प्रोसिजर कोड 1972 के धारा 438 में दिया गया है। इस प्रकार के जमानत में आरोपी व्यक्ति को गिर्फतार नही किया होता है। लेकिन आरोपी को गिर्फतार करने कि संभावना होती है और आरोपी को यह डर होता है के कही उसे पुलिस द्वारा गिरफ्तार नही किया जाए।
यदी आरोपी को गिरफ्तार किए जाने का डर होता है, तब वह गिरफ्तार होने से पहले अपने वकिल के माध्यमसे उस जिला न्यायालय में एंटिसीपेटरी बेल के लिए आवेदन कर सकता है जिसके अधिकार क्षेत्र वाले पुलिस थाने में उसके खिलाफ कोइ गंभीर अपराध कि शिकायत किया गया होता है और एफ.आई.आर. रजिस्टर किया गया होता है।
इस तरह के एंटिसीपेटरी बेल का आवेदन आरोपी द्वारा चार्जशिट फाईल करने से पहले लगाया जा सकता है और चार्जशिट फाईल करने के बाद भी लगाया जा सकता है। इस प्रकार के बेल में आरोपी व्यक्ति किस स्थान पर है इसके बारे में किसी को भी खबर नही होती है। जिस दिन आरोपी का एंटिसीपेटरी बेल एप्लिकेशन मंजूर हो जाता है तब आरोपी संबंधित पुलिस थाने में जाकर जमानत के कागजाद दे कर मुक्त हो सकता है।
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2. रेग्यूलर बेल
इस प्रकार के बेल एप्लिकेशन लगाते समय आरोपी व्यक्ति को पुलिस द्वारा गिर्फतार कर लिया जाता है और आरोपी को पुलिस रिमांड भेज दिया जाता है। आरोपी का रिमांड पुरा होने के बाद उसे मॅजिस्ट्रेट कस्टडी में भेज दिया जाता है। उसेक बाद आरोपी द्वारा वकिल के मार्फत कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन लगाया जाता है। इस तरह का आवेद क्रिमीनल प्रोसिजर कोड 1972 कि धारा 439 मे दिया गया है।
जैसा के हम इस लेख मे सेशन कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन लगाने के बारेमें चर्चा कर रहे है। तो जब आरोपी का रिमांड पुरा होने के बाद आरोपी व्यक्ति सेशन कोर्ट में कितनी बार जमानत के लिए आवेदन कर सकता है। इसके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
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सेशन कोर्ट में जमानत के लिे कितने बार आवेदन कर सकते है?
जब भी किसी व्यक्ति के खिलाफ पुलिस थाने में एफ.आई.आर. रजिस्टर किया जाता है। तब आरोपी सेशन कोर्ट में जमानत के लिए कितनी बार आवेदन कर सकता है वह कुछ इस प्रकार है।
- एफ.आई.आर. दाखिल करते ही, चार्जशीट दाखिल होने से पहले.
- चार्जशिट दाखिल होने से पहले, यदी सह आरोपी को जमनत मिल चुकी हो तो
- चार्जशिट दाखिल होने के बाद।
- चार्जशिट के बाद, यदी सह आरोपी को जमनत मिल चुकी हो तो
- चार्ज फ्रेम करने के बाद
- गवाहों के बयानात होने के बाद
- आरोपी का 313 स्टेटमेंट होने के बाद
- यदी जजमेंट के दिन आरोपी को बा इज्जत बरी किया गया हो अथवा 3 साल से कम की सजा सुनाई गई हो तो, अपिल के दौरान आरोपी जमानत के लिए आवेदन कर सकता है।
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इस तरह उपर दिये गये परिस्थिती के नुसार आरोपी व्यक्ति के द्वारा उसके वकिल के माध्यम से सेशन कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन कर सकता है। आशा करता है के यह लेख हमारे पाठकों को पसंद आया होगा। यादी आपको यह लेख पसंद आया हो तो इस जानकारी को अपने दोस्तो के साथ आवश्य शेयर करें ओर इसी तरह के कानूनी जानकारी को सिखने के लिए आप हमारे इस पोप्टल apanahindi.com पर आवश्य भेट दे।
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