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आर.टी.आई क्या है | सूचना का अधिकार | What is Right to Information | और उसके मुख्य प्रावधान

आर.टी.आई क्या है | सूचना का अधिकार | What is Right to Information | और उसके मुख्य प्रावधान


हमारे भारत देश मे भारतीय संविधान के अनूसार देश के हर नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार मिला है। लेकिन सूचना और पारदर्शित के अभाव के कारण अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कोई खास महत्व प्राप्त नहीं होता। आइये इस पोस्ट के माध्यम से आज हम आर.टी.आई क्या है जिसे हिंदीने सूचना का अधिकार  कहते है| What is Right to Information | और उसके मुख्य प्रावधान क्या है इस के बारेमे विस्तार से जानने कि कोशिश करते है।

आर.टी.आई क्या है? 

आर.टीय.आई. याने जिसे अंग्रेजी में Right to Information कहते है और इसे हिंदी मे सुचना का अधिकार भी कहते है। सूचना का अधिकार यह किसी भी लोकतांत्रीक देश को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत देश यह एक लोकतंत्र देश है। इस देश को और भी मजबूत करने के लिए और शासन के काम काजों में पारदर्शिता लाने के उद्देश से सन 2005 में भारतीय संसद द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम यह कानून पारित किया गया। जिसे हम सब आर.टी.आई के नाम से जानते है। इस सूचना के अधिकार यानी आरटीआई का अर्थ यह है कि कोई भी भारतीय नागरिक द्वारा राज्य या केंद्र सरकार के कार्यालयों और विभागों से किसी भी प्रकार कि जानकारी जिसे  सार्वजनिक सूचना माना जाता है। उसको प्राप्त करने का अनुरोध कर सकता है। इस कानून के इस्तेमाल से भारत देश में 2 प्रतिशत घोटाला कम हुवा है और सन 2010 में जो कॉमनवेल्थ गेम का घोटाला हुआ था उसकी सच्चाई आरटीआई के माध्यम से ही सभीके सामने आई।

आर.टी.आई. के मुख्य प्रावधान क्या है।

  1. भारत देश का कोई भी नागरिक हो वह किसी भी सरकारी विभाग से चाहे वह केंद्र सरकार हो अथवा राज्य सरकार हो वह उन कर्यालयोंसे जो चाहे सूचना प्राप्त करने हेतू अनुरोध कर सकता है और वह सूचना उसे 30 दिनों के अंदर उपलब्ध करानी होती है। यदि आवेदन कर्ता द्वारा मांगी गई सूचना जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित है तो ऐसे सूचना को 48 धंटे के भीतर ही उपलब्ध कराने का प्रावधान है इस कानून मे दिया गया है। ध्यान दें कि इस अधिनियम के तहत मांगी गई सूचना अगर देश की रक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा अथवा किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत सूचना से संबंधित नहीं होना चाहिये।
  2. सभी प्रकार के सार्वजनिक प्राधिकरण द्वारा अपने दस्तावेजों का संरक्षण करने हेतू उन्हे कंप्यूटर में सुरक्षित रखना जरूरी होता है।
  3. प्राप्त सूचना की विषयवस्तु के संदर्भ में यदी कोई व्यक्ति असंतुष्ट होता है तो वह उसके असंतुष्टि निर्धारित अवधि में उस सूचना प्राप्त न होने आदि जैसी स्थिती में स्थानीय से लेकर राज्य एवं केंद्रीय सूचना आयोग में अपील कर सकता है।
  4. इस अधिनियम के माध्यम से राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद व राज्य विधानमंडल के साथ ही सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय, नियंत्रक एवं महालेख परीक्षक और निर्वाचन आयोग जैसे संवैधानिक निकायों व उनसे संबंधित पदों को भी सूचना के अधिकार अधिनियम के दायरे में लाया गया है।


आरटीआई ऑनलाइन

www.rtionline.gov.in
  1. इस पोर्टल के माध्यम से किसी भी भारतीय नागरिक द्वारा केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों और अंन्य प्राधिकारी को आरटीआई के आवेदन का प्रथम अपील कीया जा सकता है।
  2. यह आरटीआी का पोर्टल आवेदन या प्रथम अपील का यह ऑनलाइन आवेदन करने के लिए पैमेंट गेटवे युक्त पोर्टल है। भारतीय स्टेट बैंक की इंटरनेट बैंकिंग मास्टर/विजा के डेबिट कार्ड तथा रूपे कार्ड के माध्यम से इसका भुगतान किया जा सकता है।
  3. इस पोर्टल के माध्यम से केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार के अधीन अंन्य राज्य के लोक प्राधिकरणों को आरटीआई आवेदन नहीं की जानी चाहिए। क्योंकी, कुछ राज्यों ने अलग से आरटीआई ऑनलाईन के अपने पोर्टल बनाए हुए हैं जहां से आप राज्य स्तर की आरटीआई ऑनलाइन लगा सकते हैं। जैसे किः
http://rtionline.delhi.gov.in/
http://rtionline.maharashtra.gov.in/
http://rtionline.karnataka.gov.in/
http://rtionline.up.gov.in/

इसके साथ ही काफी सरकारी विभगों ने अपने-अपने अलग से ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल आम नागरिकों के लिए उपलब्ध करा रखे हैं।

कानूनी सलाह

आरटीआई यह एक सूचना प्राप्त करने का बस एक माध्यम है। यह अपने आप में कोई कोर्ट केस नहीं है। हमने अपने अनुभव से देखा है कि कुछ लोग अपने केस के लिए संबंधित विभागों मे केवल आरटीआई ही लगाते रहते है और संबंधित कोर्ट में केस फाइल नहीं करतें। यह रणनीती बिल्कुल ही गलत है। आप संबंधित विभाग से सूचना कोई भई प्राप्त करने के लिए और उचित दबाव बनाने के लिए आरटीआई लगाएं परंतु साथ में अपने अधिकार को प्राप्त करने के लिए संबंधित कोर्ट में केस भी अवश्य लगा दें। इन मामलों में यह अच्छा रहता है कि आप शुरू में ही अपने वकिल से उचित कानूनी परामर्श ले।


इस लेख के माध्यम से हमने हमारे पाठको को इस आरटीआई कानून के बरेमे जानकारी देने की कोशिश कि है साथ मे हमने हमारे पाठकोको इस कानून के मुख्य प्रावधानों के बारेमे जानकारी देने कि कोशिश की है। आशा है आपको यह लेख पसंद आया होगा। तो ऐसे ही कानूनी जानकारी सिखने के लिए आप हमारे इस पोर्टल apanahindi.com को अवश्य व्हिजीट करते रहें।





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