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Zero FIR क्या है? | FIR और ZERO FIR में क्या अंतर है?

Zero FIR क्या है? | FIR और ZERO FIR में क्या अंतर है?



भारत एक लोकतंत्रीक देश है, जहापर संविधान के द्वारा बनाये गए नियमों और कानून के अनुसार कामकाज चलता रता है। देश के आतंरिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए और देश में नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए। पुलिस व्यवस्था की स्थापना की गई है। जिससे यदि दो विभिन्न पक्षों के बिच कोई वाद-विवाद हो जाता है, या कहीं स्थान पर कोई आरकाधित घटना होती है तो उसकी शिकायत मिलनेपर पुलिस द्वारा एफआईआर (FIR) दर्ज करवाई जाती है। एफ.आई.आर. दर्ज करवाने का एक नियम होता है, जैसे जिस क्षेत्र के थाने में आपराध हुवा है उस क्षेत्र के थाने मे जाकर एफ.आई.आर. दर्ज की जाती है, लेकिन वर्ष 2012 से निर्भया कांड के बाद संविधान के इस नियम में कुछ संशोधन कर के बदलाव किये गए है। जिसके बाद अब जब भी कहीं संज्ञेय अपराध होते है। और अगर पुलिस थाने पहुंचने के लिए देरी हो सकती तो कोई भी नागरिक घटना स्थल के नजदीकी थाने में जाकर जीरो एफ.आई.आर. दर्ज करवाके अपने खिलाफ होने वाले अपराध के बारे में केस दर्ज करवा सकते है।



Zero FIR क्या है?

जब भी कही कोई संज्ञेय अपराध याने गंभीर अपराध हो जाता है और यदी पुलिस थाने जाकर शिकायत दर्ज करने मे बहोत देरी हो सकती है तब नजदीकी पुलिस थाने जाकर जो के  उस घटनास्थल के सिमा मे नही होती है उस बाहरी के पुलिस स्टेशन में दर्ज होने वाले FIR को जीरो एफ.आई.आर. का नाम दिया जाता है |

इस में दर्ज होने वाले एफ.आई.आर को कोई संख्या नही होने के कारण इसे जीरो एफ.आई.आर. कहते है। जब किसी बाहरी पुलिस थाने मे जीरो एफ.आई.आर. दर्ज होता है तब उस शिकायत को उस अधिकार क्षेत्र के थाने को भेजा जाता है जिस थाने के अधिकार क्षेत्र मे अपराध हुवा है और वहा पर उस एफ.आई.आर. को नंबर दिया जाता है। और पुलिस द्वारा जांचपडताल कि शुरूवात होती है।


FIR और ZERO FIR में क्या अंतर है?

  1. एफ.आई.आर. उसी पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र मे दर्जा किया जाता है जिसके अधिकार क्षेत्र मे अपराध हुवा है। और जीरो एफ.आई.आर. किसी पुलिस थाने मे दर्ज किया जा सकता है और बाद मे उस पुलिस थाने को भेजा जाता है जिसके अधिकार क्षेत्र मे अपराध हुवा है।
  2. एफ.आई.आर . दर्ज होते ही उसे दर्ज नंबर डाला जाता है। लेकीन जीरो एफ.आई.आर. को दर्ज नंबर नही डाला. उसे जिस अधिकार क्षेत्र मे अपराध हुवा है उस पुलिस थाने को भेजने के बाद नंबर डाला जाता है।
  3. एफ.आई.आर. दर्ज होने के बाद उसे इनव्हेश्टीगेशन ऑफिसर को दिया जाता है और उस घटना की तुरंत इनव्हेस्टीगेशन शुरूवात होती है। लेकिन जीरो एफ.आई.आर. मे पहले शिकायत को अधिकार क्षेत्र वाले पुलिस थाने को भेजा जाता है। उसे नंबर डाले जाने के बाद इनव्हेश्टीगेशन ऑफिसर को दिया जाता है और इनव्हेस्टीगेशन की शुरूवात होती है।


इस लेख के माध्यम से हमारे पाठको को FIR और ZERO FIR में क्या अंतर है और उसके विषय में जानकारी दी है। यदि आपको इस से सम्बन्धित कोई भी शंका हो तो आप हमसे बेझिझक पूँछ सकते है।



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