राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग क्या है? | What is Human Right Association in Hindi | National Human Rights Commission of India
राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग याने संयुक्त राष्ट (United Nation) की परिभाषा के अनुसार मानवाधिकार वे अधिकार है जो जाति, लिंग, राष्ट्रीयता, भाषा और धर्म या किसी अंन्य आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव किये बिना सभी मानव जाती को प्राप्त होता है।
मनूष्य के जीवन के मानवाधिकारों में मुख्यतः जीवन जीनेका अधिरार और स्वतंत्रता का अधिकार, गुलामी और यातना से मुक्त होने का अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार और काम एवं शिक्षा का अधिकार, कहिं भी स्थाई होने का अधिकार, न्याय का अधिकार, घुमने का अधिकार, आदि कई अधिकार शामिल हैं। इस लेख के माध्यम से आज हम जानेंगे कि, राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग क्या है?, किन मुद्दो पर राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग मे शिकायत दर्ज की जा सकती है?, राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग द्वारा सामान्यतः किन शिकायतों पर विचार नहीं किया जाता?, राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग में शिकायत कौन दर्ज कर सकता है?, राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग में औनलाइन शिकायत कैसे केरे? और राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग के कुछ कार्य और शक्तियां के बारेमे जानने की कोशिश करेंगे। जिससे मनुष के मानवाधिकारों का उलंघन होने पर कहां, कब और कैसे शिकायत की जा सकती है इसके बारेमे जानकारी मिल सकती है।
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राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग क्या है? (What is Human Right Association?)
संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nation Organization) ने मानव अधिकारों के संरक्षण के हेतु पेरिस सिध्दांतो को सन 1993 में अपनाया। यह मानवाधिकार आयोग एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है, जिसकी स्थापना मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के प्रावधानों के तहत 12 अक्टूबर 1993 में की गई। यह पेरिस सिध्दांतों के अनुरूप स्थापित किया गया मानवाधिकार आयोग है। यह संवैधानिक द्वारा दिये गये मानवाधिकारों की रक्षा करता है।
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किन मुद्दो पर राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग मे शिकायत दर्ज की जा सकती है।
समाज मे पुलिस, प्रशासन और अन्य सरकारी विभागो में अधिकारियों द्वारा कुछ मुद्दोंसे संबंधित शिकायतों पर कार्यवाई नही किया जाता ऐसे स्थिती मे पीडित व्यकी को न्याय पाने के लिए राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया जा सकता है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैः
- पुलिस द्वारा गैर कानूनी कैद करना, झूठे मुकदमों में फंसाने की कोशिश करना, आरोपीयों को हिरासतीय हिंसा का शिकार बनाना, बेकसुर लोगों को अवैध रुपसे गिरफ्तारी तथा अन्य पुलिस ज्यादतीयाँ करना।
- पुलिस हिरासतीय मौत, झुटे एनकाऊंटर मे निश्पाप व्यक्ति की मौंत, कैदियों का उत्पीडन।
- कानून मे दिये गए सजा की अवधि से ज्यादा जेल मे कैद करना, मनूष के लिए न रहने लायक जेलों की स्थिति।
- अनुसूचीत जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों पर अत्याचार।
- बंधुआ मजदूरी, बल मजदूरी तथा बाल विवाह करना।
- दहेज के लिए हत्या करना अथवा इसका प्रयास करना; दहेज की मांग करना, महिलाऔं का यौन उत्पीडन करना तथा अपमान करना, महिलाओं का शोषण करना।
- वृध्द लोगों को अपने परिजनों द्वारा देखरेख न मिलना, भ्रष्टाचार, अपहरण, बलात्कार, हत्या, या अन्य अपराधों को रजिस्टर न किए जाने की शिकायतें।
- पेयजल, स्वच्छ पर्यावरण, स्वास्थ्य सुविधाएं, संचार और परिवहन, शिक्षा का अधिकार, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन, कुपोषण और भुखमरी से होने वाली मौतों सहित भोजन का अधिकार और विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं के तहत बुनियादी नागरिक सुविधाएं प्रदान करने के उपायों पर निष्क्रियता या इनकार, जैसे मनरेगा, आईसीडीएस, वृध्दावस्था पेंशन, एलजीबीटीआई अधिकार आदि।
- विकलांगों के अधिकार, मेगा प्रोजेक्ट या प्रदूषण की वजह से पलायन।
- गैरकानूनी गतिविधि, सांप्रदायिकक हिंसा, सार्वजनिक अशांति, कानून व्यवस्था की बिगडती स्थिति जैसे मुद्दों पर शिकायतों पर कारवाई न होना।
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राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग द्वारा सामान्यतः किन शिकायतों पर विचार नहीं किया जाताः
- शिकायत दर्ज करवाने से पहले घटना के 1 वर्ष से अधिक समय बीत जाने पर भी कोई कारवाई न कि गई हो।
- ऐसे मामले जो कोर्ट में कई वर्षो से लंबित हैं या किसी राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष लंबित हैं।
- ऐसी शिकायतें जो अस्पष्ट, गुमनाम या तुच्छ प्रकृति की होती हैं, जिनमे मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं होता है।
- सर्विस मामलों से जुडी शिकायतें जो पेंशन / पारिवारिक पेंशन, सेवानिवृत्ति लाभ, ध्याडी न मिलना जैसे मुद्दो से अलग हों।
- वैवाहिक / पारिवारिक विवादों सहित संपत्ति और अंन्य सिविल विवादों से संबंधित शिकायतें।
राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग में शिकायत कौन दर्ज कर सकता है।
- पीडिता खुद अथवा पीडिता की और से कोई परिजन व्यक्ती।
- किसी व्यक्ति द्वारा मानवाधिकार उलंघन की कोई रिपोर्ट किए जाने पर।
- आयोग मीडिया रिपोर्ट के आधार पर भी मानवाधिकार उल्लंधन की किसी भी घटना का स्वतः संज्ञान ले सकता है।
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राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग में औनलाइन शिकायत कैसे केरे?
- आप राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन भी शिकायत दर्ज कर सकतें है। यहां वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के जरिए आपका मोबाइल नंबर वेरिफाई होता है।
- यहां यह भी चुन सकते है कि इस वेबसाइट पर पीडित और शिकायतकर्ता का नाम दिखाना चाहते हैं या नहीं।
- सफल सबमिशन के बाद एक यूनिक डायरी नंबर मिलता है। इस डायरी नंबर का उपयोग करके, अपनी अपनी शिकायत की स्थिती को ट्रैक कर सकते हैं।
राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग के कुछ कार्य और शक्तियां
- राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग के पास सिविल कोर्ट की शक्तियां है। यह मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों में किसी भी दस्तावेज की मांग कर सकते है और किसी भी व्यक्ति को समन जारि कर सकते है।
- मानवाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित कोई मामला यदि राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग के संज्ञान में आता है या शिकायत के माध्यम से लाया जाता है तो आयोग को उसकी जाँच करने का पुरा अधिकार होता है। इसके पास मानवाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित सभी न्यायिक मामलों मे हस्तक्षेप करने का भी अधिकार है।
- राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग किसी भी जेल का दौरा कभीभी कर सकती है और जेल में बंद कैदियों की स्थितियों का निरीक्षण कर सकती है और उसमे सुधार करने के लिए सुझाव भी दे सकती है।
- राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग यह अंतरिम राहत भी प्रदान कर सकती है। इसके पास मुआवजे या हर्जाने के भुगतान की सिफारिश करने का भी अधिकार होता है।
हमारे पाठको को इस लेख के माध्यम से हमने राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग क्या है?, किन मुद्दो पर राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग मे शिकायत दर्ज की जा सकती है?, राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग द्वारा सामान्यतः किन शिकायतों पर विचार नहीं किया जाता?, राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग में शिकायत कौन दर्ज कर सकता है?, राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग में औनलाइन शिकायत कैसे केरे? और राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग के कुछ कार्य और शक्तियां के बारेमे जानकारी देने की कोशिश कि है। आशा है के आपको यह लेख पसंद आया होगा। यह जानकारी आप अपने दोस्तो और परिजनों के साथ जरूऱ शेयर करे।
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