राष्ट्रीय महिला आयोग | Rashtriya Mahila Ayog | National Commission for Women In Hindi
प्रकृती के नुसार मनुष के जिवन में महिलाएं न केवल सिर्फ जनसंख्या का एक प्रमुख भाग है बल्कि गौर से देखे तो वे सामाज में प्रत्येक परिवार का एक महत्वपुर्ण आधार भी हैं। हमारा भारतीय संविधान महिलाओं को सामाज मे पुरूष से कंधे से कंधा लगाकर समान जिवन जिने का दर्जा देता है। तथा उन्हें समान अवसर प्रदान करने की गारंटी प्रदान करता है। आजादी से लेकर हमारे देश में महिलाओं ने नौकरशाही, राजनीतिक, खेल, कला व कौशल्य, कानून आदि जैसे अनेकों क्षेत्रो में बढचढकर सहभाग होकर अपनी कौशल्य पर उत्कृष्टता प्राप्त की है। लेकिन फिर भी न जानें कितनी महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें अपने संविधानीक अधिकारों की जानकारी नहीं है। आइए, आज हम इस लेख के माध्यम से एक ऐसी संस्था के बारेमे जाननें की कोशिश करते है, जिसने नारी सशक्तिकरण की दिशा में हमारे देश में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से अहम भूमिका निभाई है। वह राष्ट्रीय महिला आयोग हैं।
- यह भी पढे-चार्जशिट किसे कहते है?
राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना कब हुई?
महिलाओं के सशक्ती करण के लिए राष्ट्रीय आयोग की स्थापना सन 1992 मे कि गई। यह आयोग राष्ट्रिय महिला आयोग अधिनियम 1990 के अंतर्गत जनवरी 1992 में संवैधानिक निकाय के रुप में निम्नलिखित उद्देशों के लिए की गई थी। वे इस प्रकार है।
- महिलाओं के लिए संवैधानिक और कानूनी संरक्षण की समीक्षा करना
- महिलाओं के सुधारात्मक उपायो के सुझाव देना
- महिलाओं के शिकायतों के निवारण को सुविधाजनक बनाना और
- महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देना।
यह भी पढे- मेहर क्या है? | What is Dower in hindi
महिला आयोग का लक्ष्य क्या है?
भारत यह पुरूष प्रदान देश होने के कारण महिलाओं को उनके जिवन मे और परिवार मे प्राथमीकता नही दी जाती, अगर कोई महिला कुछ करना चाहे तो समाज उसे कुछ करने नही देता, इसपर रोक लगाने के लिए और महिलाओं को सशक्तिकरण करने के लिए योगदान देती है। महिलाओं को, अपने घर में और घर के बाहर सुरक्षा प्रदा करना, अपने अधिकारों तक पुंचने के लिए पूरी तरह से सहयोग करना तथा समाज मे सभी क्षेत्रों मे समान रुप से योगदान करने का अवसर प्रदान करना।
राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा किस प्रकार की शिकायतों पर विचार किया जाता है?
- बलात्कार / एसिड हमला / यौन हमला / यौन उत्पीडन / पीछा करना / छेडछाड / लज्जा भंग करना
- महिलाओं की तस्करी / वेश्यावृत्ति / साइबर अपराध / शिकायत दर्ज ना होना।
- दहेज उत्पीडन / दहेज हत्या / घरेलू हिंसा / बहुविवाह
- बच्चो की कस्टडी / तलाक / मर्जी से शादी का अधिकार / ऑनर किलिंग
- सम्मान के साथ जिवन जीने का अधिकार / कार्यस्थल पर यौन उत्पीडन / नौकरी में मातृत्व लाभ से वंचित करना / लैंगिक भेदभाव / महिलाओं से संबंधित अश्लील प्रदर्शन
- गैरकानूनी गर्भपात / कन्या भ्रूण हत्या / गलत प्रथाएं जैसे सती प्रथा, देवदासी प्रथा.
- महिलाओं के लिए मुफ्त कानूनी सहायता
- यह भी पढे- वसीयत को चुनौती देने के सात तरीके
राष्ट्रीय महिला आयोग के समक्ष शिकायत कैसे दर्ज की जा सकती है?
- जो कोई व्यक्ति अपनी शिकायतो को महिला आयोग के समक्ष दर्ज कराना चाहता है वह महिला आयोग की आधिकारिक वेबसाइट http://ncw.nic.in पर जाकर ऑनलाइन शिकायत पंजीकरण पर जाकर दर्ज कर सकता है। महिला आयोग के अधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने का फायदा यह है कि शिकायतकर्ता अपने कंप्लेंट नंबर के आधार पर अपनी शिकायत का स्टेटस अपने घर बैठे ही चेक कर सकते हैं।
- इसके अलावा कोई भी व्यक्ति महिला आयोग के समक्ष, डाक के द्वारा अथवा खुद जाकर, एक लिखित शिकायत भेज सकता है। ध्यान दें कि लिखित शिकायत में मामले से ज्यूडी सभी महत्वपूर्ण बातें लिखीत रुप से होनी चाहिए और अगर मामले से जुडी कुछ सहायक द्स्तावेज है तो उनकी झेरोक्स कॉपी भी लिखित शिकायत के साथ संलग्न करके भेज देना चाहिए।
- यह भी पढे- घरेलू हिंसा अधिनियम और उसके मुकदमे
कानूनी सलाह
- जिन शिकायतो में महिलाओं के अधिकारों का हनन नहिं होता हैं वे मामले महिला आयोग के द्वारा नहीं सुने जाते। उदाहरण के लिए जैसे कि अगर किसी पार्टियों के बीच में कोई सिविल विवाद है या कोई सर्विस का मैटर है तो वे मामले महिला आयोग के द्वारा नहीं सुने जातें।
- अगर एसा कोई मामला जो के किसी न्यायालय अथवा ट्रिब्यूनल के समक्ष प्रलंबित है तो वह मामला भी राष्ट्रीय महिला आयोग के द्वारा नहीं सुना जाता।
इस लेख के माध्यम से हमने हमारे पाठको को राष्ट्रीय महिला आयोग के बारेमे पुर्ण रुपसे जानकारी बातीने की कोशिश की है। आशा है के आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। इसी तरह के जानकारी पाने के लिए आप हमारे साथ जूडे रहे और हमारा हौसला बढाए।
यह भी पढे
- सभि दस्तावेजोका संपूर्ण मार्गदर्शन | Deeds And Documents
- दस्तावेजो के नमुने | प्रारूप | Format of Deeds ans Documents
- चेक बाऊन्स केसेस संबंधीत संपूर्ण मार्गदर्शन | Cheque Bounce Case Procedure
- पारिवारिक कानून को सिखे और समझे | Family Law in Hindi
- फौजदारी कानून का संपूर्ण मार्गदर्शन | Criminal Law In Hindi
- सिविल कानून का मार्गदर्शन | Civil Law
थोडा मनोरंजन के लिए
0 टिप्पणियाँ