संज्ञेय अपराध क्या है | What is Cognizable Offence in Hindi
Cognisable Offence | संज्ञेय अपराध
रोजाना सामाज मे दिन ब दिन अपराध और अपराधियों की संख्या निरंतर बढती हि जा रही है। भारत में प्रतिवर्ष लगभग लाखो के तालाद मे संज्ञेय अपराध होते जा रहे है। और जैसे यह रुकने का नाम हि नही ले रहा है। लगभग प्रतिवर्ष अपराधो मे स्थानीय एवं विशेष कानूनों के अंतर्गत होते रहते है । सरकार द्वारा समाज को चलाने के लिए और समाज मे शांती कायम रहने के लिए कुछ नियम और कानून बनाए गये और इनके विरुद्ध कोई भी कृत्य को अपराध की श्रेणी में गिना जा रहा है।
हम समाज में रहते है उसी समाज मे रोजाना अपराध होते हि जा रहै है। अत: मे इन सभी हलातो से हमारा सीधा सबंध होता रहता है| यदि हमे समाज मे जिना है तो हमे इस कानून औप अपराध से सम्बंधित सभी जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है| हालाँकि क्रिमिनल प्रोसिजर कोड के अनुसार अपराध को अलग-अलग श्रेणी में विभाजित किया गया है| एक सज्ञेय अपराध और दुसरा असज्ञेय अपराध, आईये इस लेख से हम आज संज्ञेय अपराध (Cognisable Offence) की परिभाषा,धारा और सूची के बारे में जानते है |
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भारत में अपराधों को दो श्रेणियां में बांटा गया है, जो इस प्रकार है-
- संज्ञेय अपराध (Cognisable offence)
- असंज्ञेय अपराध (Non Cognisable offence)
आज हम इस लेख के माध्य म से सज्ञेय अपराध के बारेमे जानने की कोशीश करेंगे।
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संज्ञेय अपराध की परिभाषा (Definition Of Cognisable Offence)
संज्ञेय अपराध को क्रीमिनल प्रोसिजर कोड (CrPC 1973) की धारा 2 (सी) और 2 (एल) में परिभाषित किया गया है। इस अधिनियम के धारा 2 (सी) के अनुसार, सज्ञेय अपराध याने, ऐसा कोई भी अपराध जिसमें पुलिस किसी व्यक्ति को बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर सकती है, वह संज्ञेय अपराध कहलाता है। पुलिस के पास संज्ञेय अपराधों में बिना वारंट गिरफ्तार करने के अधिकार होता है।
संज्ञेय अपराध क्रीमिनल प्रोसिजर कोड की धारा 2 में परिभाषित किया गया है। इसी धारा की उपधारा (क) में “संज्ञेय अपराध” को इस तरह परिभाषित किया गया है, “संज्ञेय अपराध” से ऐसा अपराध अभिप्रेत है जिस के लिए और “संज्ञेय मामला” से ऐसा मामला अभिप्रेत है जिसमें पुलिस अधिकारी प्रथम अनुसूची के या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अनुसार वारंट के बिना गिरफ्तार कर सकता है।
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संज्ञेय अपराध क्या है? (What Are The Cognizable Offenses?)
निम्नलिखित अपराध क्रीमिनल प्रोसिजर कोड के शेड्यूल 2 के अनुसार सज्ञेय अपराध के सुची मे आते है, वह इस प्रकार है।
- हत्या
- बलात्कार
- देशद्रोह
- प्राण घातक हथियारो से लैस होकर अपराध करना।
- लोकसेवक द्वारा रिश्वत मामला।
- योजना बनाकर गैर कानूनी कार्य करना।
- सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना।
- लोकसेवक नहीं होने पर गलत तरीके से स्वयं को लोकसेवक दर्शाकर विधि विरुद्ध कार्य करना, जिस्से जनता को ऐसा आभास हो कि संबंधित व्यक्ति लोकसेवक है।
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असंज्ञेय अपराध (Non Cognisable offence)
जो अपराध संज्ञेंय अपराध के श्रेणी मे नही आते है, वह सभी अपराध असज्ञेय अपराधो के श्रेणी मे आते है। जैसे किसी को बिना किसी प्रकारे के चोट पहुंचाए किए गए अपराध असंज्ञेय की श्रेणी के अंतर्गत आते है। ऐसे प्रकरण में पुलिस द्वारा बिना जांच पडताल के मुकदमा दर्ज नहीं करती, तथा शिकायतकर्ता भी इसके लिए पुलिस को बाध्य नहीं कर सकता। यदि पुलिस मुकदमा दर्ज नहीं करती तो ऐसी स्थिति में उसे कार्रवाई न करने की वजह को लॉग बुक में दर्ज करना होता है, जिसकी जानकारी भी सामने वाले व्यक्ति को देनी होती है। और इस प्रकार के अपराध को एन.सी.आर. मे दर्ज कराती है। ऐसे मामलों में जांचपडताल करने के लिए मजिस्ट्रेट द्वारा आदेश प्राप्त करना होता है। ऐसे मामलों में एफआईआर के बजाए एनसीआर (Non Cognizable Report) दर्ज करवालिया जाता है, जिसके बाद पुलिस तहकीकात करती है।
इस से आपको यह पता चला होगा के सज्ञेय अपराध कौन कौन से है। और पुलिस द्वारा किस तरह कारवाई की जा सकती है
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