धारा 324 आय.पी.सी क्या है? | उसके न्याय निर्णय | What is Section 324 of I.P.C.
धारा 324 आय.पी.सी क्या है?
यदी कोई व्यक्ती किसी दूसरे व्यक्ती को खतरनाक हथियार अथवा साधनो द्वारा मारपीट करता है और उसे चोट पहूंचाता है, जिससे उसकी कमृत्यु होनेकी संभावना होती है। अथवा कोई व्यक्ती किसी को अग्नि अथवा गरम पदार्थ द्वारा, विष, विस्फोटक पदार्थ द्वारा, या किसी ऐसे पदार्थ जिसका श्वास मे जाना या निगलना या रक्त मे पहुंचना मानव शरीर के लिए हानिकारक होसकता है, तो एसे अपराध करने वाला व्यक्ती भारतीय दंड संहिता 1860 के धारा 324 अनुसार दोषी माना जाएगा।
- यह भी पढे- आईपीसी धारा 279 क्या है
धारा 324 : खतरनाक आयुघों या साधनों द्वारा स्वेच्छया उपहति कारित करना –
उस दशा के सिवाय, जिसके लिए धारा 334 मे उपबंध है, जो कोई असन, वेधन या काटने के किसी उपकरण द्वारा या किसी एसे उपकरण द्वारा जो यदि आक्रामक आयूध के तौर पर उपयोग में लाया जाए, तो उससे मृत्यु कारित होना सम्भाव्य है, या अग्नि या किसी तप्त पदार्थ द्वारा, या किसी विष या किसी संक्षारक पदार्थ द्वारा या किसी विस्फोटक पदार्थ द्वारा या किसी ऐसे पदार्थ द्वारा, जिसका श्वास मे जाना या निगलना या रक्त मे पहुंचना मानव शरीर के लिए हानिकारक है, या किसी जीवजंतु द्वारा स्वेच्छया उपहति कारित करेगा, वह दोनो में से किसी भांति के कारावास सें, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जूर्माने से, या दोनो से, दंण्डित किया जाएगा।
Section 324 Voluntarily causing hurt by dangerous weapons or means.-
Whoever, except in the case provided for by section 334, voluntarily causes hurt by means of any instrument for shooting, stabbing or cutting, or any instrument which, used as weapon of offence, is likely to cause death, or by means of fire or any heated substance, or by means of any poison or any corrosive substance, or by means of any explosive substance or by means of any substance which it is deleterious to the human body to inhale, to swallow, or to receive into the blood, or by means of any animal, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three years, or with fine, or with both.
Classification of offence
- Punishment – Imprisonment for 3 year or fine or Both
- Cognizable
- Non-Bailable
- Non-Compoundable
- Triable by any magistrate
ऐसे मामले में अभियोजन पक्ष को यह साबित करना महत्वपूर्ण होगा कि आरोपी ने जानबूझकर कंप्लेन्ट को घातक हथियार से घायल किया है। कुछ मामलों में, दांतों को एक घातक हथियार माना जाता था। हालांकि, कुछ मामलों में, दांतोसे काटना यह भारतीय दंड संहिता की धारा 324 के तहत अपराध नहीं है, बल्कि धारा 323 के तहत अपराध माना गया है।
- यह भी पढे-जमानत क्या होता है? | What Is Bail?
न्याय निर्णय
- आरोपी ने खुद अपनी इच्छासे चोट पहुंचाई है और वह चोट घातक हथियार अथवा उपकरण से की गई है। इसे साबित करने की जिम्मेदारी सरकार पक्ष की होगी। यदि ये दोनों मुद्दे साबित नहीं होते हैं, तो इस धारा के तहत आरोपी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। AIR1979(SC)1510, 1979Cr.L.J.1125
- जांच अधिकारी को एसे मामलो में गवाह के रूप में गवाही देनी चाहिए। यदि वह गवाही नहीं देते है, तो गवाहों के गवाही में जो विसंगतियों को अदालत के सामने नहीं लाया जा सकता। इसलिए जांच अधिकारी की गवाही नहीं ली गई तो अभियोजन पक्ष द्वारा बहूत बड़ी भूल हो जाएगी। 1975 Cr.L.J.976
- अभियोजन पक्ष के गवाहों की गवाही विश्वसनीय है, भले ही उसने चिकित्सा अधिकारी की गवाही के साथ चिकित्सा साक्ष्य न लाया हो। ऐसे मामले में आरोपी को दोषी पाया जा सकता है। 1978Cr.L.J.1204, 1995(1) Crimes491
- अगर चश्मदीद गवाह ने कहा है कि आरोपी ने घायल को पीटा है और अगर मेडिकल साक्ष्य से इसकी पुष्टि हो जाती है तो आरोपी को दोषी माना जाएगा। 1986Cr.L.R.187(RAJ)
- यदि आरोपी ने अपना बचाव करते हुए कार्य किया है, तो इस धारा के तहत आरोपी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। 1970(SC)Cr.L.R.27
- यदि आरोपी ने घायल व्यक्ति के सिर में डंडे से वार किया और पीड़ित की मृत्यु हो गई, तो उसने भारतीय दंड संहिता की धारा 324 के तहत अपराध किया है ऐसे माना जाना चाहिए। 1981Bom.Cr.R.27
- यदि आरोपी द्वारा किया गया कृत्य साक्ष्य में सिद्ध हो जाता है, तो भारतीय दंड संहिता की धारा 324 के अनुसार आरोपी की मंशा को सिद्ध करने के लिए सरकारी पक्ष जिम्मेदार नहीं होगा। 1978Cr.L.J.1303
यह भी पढे
- सभि दस्तावेजोका संपूर्ण मार्गदर्शन | Deeds And Documents
- दस्तावेजो के नमुने | प्रारूप | Format of Deeds ans Documents
- चेक बाऊन्स केसेस संबंधीत संपूर्ण मार्गदर्शन | Cheque Bounce Case Procedure
- पारिवारिक कानून को सिखे और समझे | Family Law in Hindi
- फौजदारी कानून का संपूर्ण मार्गदर्शन | Criminal Law In Hindi
- भारतीय दंड संहिता (I.P.C.) को सिखे और समझे
- सिविल कानून का मार्गदर्शन | Civil Law
- सामाजिक और कानूनी लेख तथा मार्गदर्शन | Social And Legal Articals
थोडा मनोरंजन के लिए
0 टिप्पणियाँ