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साझेदारी विलेख | Partnership Deed in Hindi | Partnership deed format

साझेदारी विलेख | Partnership Deed in Hindi | Partnership deed format


साझेदारी विलेख | Partnership Deed



यह भागीदारी प्रलेख आज दिनांक ----------------- माह ------------- सन ----------- को दिन--------------- नगर मे निम्नलिखित व्यक्तियों के द्वारा एवं उनके बीच निष्पादित किया गया – 

(1) श्री--------------------------------------------- आत्मज------------------ आयू ------------------------ निवास --------------------------------------------------------------------------------

(2) श्री--------------------------------------------- आत्मज------------------ आयू ------------------------ निवास --------------------------------------------------------------------------------

(3) श्री--------------------------------------------- आत्मज------------------ आयू ------------------------ निवास --------------------------------------------------------------------------------

उक्त भागीदार को आगे क्रमशः प्रथम द्वितीस एवं तृतीय पक्षकार के नाम से संबोधित किया जायेगा।

और चूँकि हम सब भागीदारों ने मिलकर संयुक्त रुप से ------------- का व्यवसाय करने एवं उसके लाभो को बाँटने के लिए एक भागीदारी फर्म का गठन करने का निश्चय किया है एवं निम्नलिखित शर्तो के अन्तर्गत हम इस भागीदारी प्रलेख को निष्पादित करते हैः-


  1. कि इस भागीदारी फर्म को ------------------- नाम से संबोधित किया जायेगा एवं दिनांक ------------- से इसका व्यावसाय आरम्भ माना जायेगा।
  2. कि फर्म का मुख्य कार्यालय ----------------- स्थान पर होगा और भागीदारों की राय से इसमे परिवर्तन किया जा सकेगा।
  3. किसी उक्त भागीदारी फर्म का गठन 10 वर्षो के लिए किया जाता है, पर बाद मे भी सभी पक्षकारों की सहमति से उसे चालू रखा जा सकेगा।
  4. कि भागीदारी फर्म की कुल पूंजी ------------/- रुपये होगी, जिसमे तीनों भागीदारों का बराबर अंशदान होगा।
  5. कि फर्म के लाभों को तीनो भागीदारों मे समान रुप से बांटा जावेगा एवं हानि तीनो भागीदार समान रुप से वहन करेगें।
  6. कि भागीदारी फर्म के लाभो का बंटवारा करने एवं लेखा जोखा तैयार करने के लिए वित्तीय वर्ष अप्रैल से मार्च तक माना जायेगा।
  7. कि भागीदार उक्त प्रथम पक्षकार को फर्म का प्रबन्धक नियुक्त करते है, एवं उसे एतद् द्वारा इस करार के निम्नलिखित अधिकार एवं कर्तव्य सौंपते हैः-

    i. वह भागिता के कारोबार का निर्देशन एवं देखभाल करेगा।
    ii. वहं फर्म के लिए उपयुक्त कर्मचारियो की नियुक्ति, पदमुक्ति एवं पदौन्नति कर सकेगा पर उनके वेतन का निर्धारण तीनो भागीगार मिलकत करेंगे।
    iii. वह फर्म की और से न्यायालय मे वाद संस्थित कर सकेगा, अपनी इच्छा से किसी अधिवक्ता, मुख्तार, अभिकर्ता या प्रबंन्धक की नियुक्ति या पद मुक्ति कर सकेगा।
    iv. फर्म का सारा लेखा जोखा तैयार करवायेगा एवं समय समय पर उसका निरीक्षण निर्देशन करता रहेगा।
    v. फर्म की और से वह ----------------- बैंक मे भागीदारी फर्म के नाम से खाता खोलेगा एवं अपने हस्ताक्षर से उसे चलायेगा।
    vi. वर्ष के अन्त मे फर्म के लाभो की तीनो पक्षकारो मे बराबर अदायगी करवायेगा।
  8. कि प्रबन्धक को अपने उक्त कार्यो के लिए अलग से कोई पारिश्रमिक नही दिया जायेगा।
  9. कि सभी पक्षकार फर्म के हित एवं लाभ के लिए कार्य करेंगे एव किसी पक्षकार द्वारा दुराचरण किये जाने पर अन्य भागीदार को भागिता का विघटन करने का अधिकार होगा।
  10. कि भागीदारी फर्म के व्यवसाय व्यावसाय का पूरा लेखा जोखा रखा जायेगा, सभी बिल, रसीदें, वाऊचर आदि को सुरक्षित रखा जायेगा एवं सभी भागीदारों को उसके निरीक्षण का अधिकार होगा।
  11. कि भागीदारो के बीच किसी भी प्रकार का वाद विवाद उत्पन्न हो जाने पर उसे पंच निर्णय के लिये सौंपा जायेगा, एवं प्चो द्वारा दिया गया आदेश सभी पक्षकारोको बाध्य रुपसे मांन्य होगा।
  12. जब तक भागीदार का व्यावसाय चलेगा, किसी भागीदार फर्म से मिलता जुलता व्यावसाय अपने नाम से करने का अधिकार नही होगा।
  13. कि भागीदारी फर्म विघटित हो जाने पर सभी पक्षकार उनके द्वारा लगाई गई पूंजी को एवं फर्म के लाभों को पाने का अधिकार रखेंगे।

उपयुक्त के साक्ष्य स्वरुप सभी भागीदारो मे उनके हस्ताक्षरो के नीचे दिये गये स्थानो तथा दिनांक को भागिता के इस विलेख पर अपने हस्ताक्षर कर उसका निष्पादन कर दिया है।



हस्ताक्षर, प्रथम पक्षकार


हस्ताक्षर द्वितीय पक्षकार 


हस्ताक्षर तृतीय पक्षकार



साक्षीगण

1--------------------------------

2--------------------------------



स्थानः

दिनांकः



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