भोग बन्धक पत्र का प्रारूप | Mortgage deed formate
भोग बन्धक पत्र
यह बन्धक विलेख दिनांक ----------------- माह-------------------- सन-------------- को---------------- के दिन सर्वश्री क,ख,ग,घ (एक संयुक्त हिंदू परिवार) निवासी ----------------------- (जिसे आगे ‘बन्धककर्ता’ कहा गया है।) जो इस विलेख का प्रथम पक्षकार हे, जिसमे निम्नलिखित समांशित सम्मिलित हैः-
- ------------ आत्मज--------------- आयू----------- वर्ष कर्ता एवँ प्रबन्धक
- ----------- आत्मज--------------- आयू----------- वर्ष
- ----------- आत्मज--------------- आयू----------- वर्ष
- ----------- आत्मज--------------- आयू----------- वर्ष
- ----------- आत्मज--------------- आयू----------- वर्ष
के लिए संघ की ओर से कर्ता एवं प्रबन्धक के रूप मे ----------- आत्मज--------------- आयू----------- वर्ष तथा ----------- आत्मज--------------- आयू----------- वर्ष निवासी---------------------------------------- (जिसे आगे ‘बन्धकी’ कहा गया है।) जो इस विलेख का द्वितीय पक्षकार है। के बीच --------------------- नगर मे निष्पादित किया गया।
चूँकी उक्त संयुक्त हिन्दू परिवार का जिसका कि -------------- कर्ता एवं प्रबंधक है-------------------- नगर मे -------------------------- स्ट्रीट पर एक मकान है, जिसका पूर्ण विवरण संलग्न अनुसूची मे दिया गया है, और कि उक्त मकान सभी प्रकार के भारो एवं अभिभारो से मुक्त होकर उक्त संयुक्त हिंन्दू परिवार के पूर्ण स्वामित्व एवं आधिपत्य मे है।
और चूँकी उक्त ------------ द्वारा पारिवारिक आवश्यक्ताओ के लिए रूपये ----------------- ऋण लिया गया था जो कि अभी तक देय है तथा जिसकी ऊँची ब्याज दर होने से वह दिन व बिन बढता चला जा रहा है एवं जिसका भुगतान किया जाना अत्यंन्त आवश्यक है।
और चूँकि उक्त कर्ता उस ऋण को उक्त वर्णित मकान को बन्धकी के पास बन्धक रखकर अदा करने का इच्छुक है, बन्धकी भी इसके लिए सहमेत हे।
अतएवं अब विेलेख सक्ष्यांकित करता है।
- बन्धक कर्ता उक्त -------------- रुपये बन्धकी से प्रांप्त कर एतद्वारा उसकी अभिस्वीकृत करता है।
- कि उक्त राशि सहित दिनांक ----------------- प्रति सैकडा प्रतिमाह कली दर से ब्याज सहित दिनांक ---------------- तक प्रत्येक ------------------- माही कश्तो मे अदा की जायेगी।
- कि उक्त बन्धक धन के प्रतिभूतिस्वरूप बन्धककर्ता ने अपना उक्त मकान बन्धकी को अन्तरित कर दिया है, जिसे वह पूर्ण रूप से उपयोग एवं उपभोग मे लायेगा तथा बन्धक कर्ता उसमे किसी प्रकार की बाधा पैदा नही करेगा।
- कि बन्धकी उक्त बन्धक मकान मे के सभी लाभो एवं भारकों को प्राप्त करेगा एवं उस राशि को प्रथमतः ब्याज मे तथा बाद मे मूलधन मे समायोजित करेगा।
- बन्धक कर्ता उक्त बन्धक सम्पत्ति को बन्धक के समय मे किसी भी प्रकार से भारग्रस्त नही बनायेगा।
- कि बन्धक कर्ता द्वारा पूरा धन अदा कर लिए जाने पर उक्त बन्धक मकान उसे अन्तरित कर दिया जायेगा।
- कि उक्त मकान पर भारित सभी प्रकार के करो का भुगतान बन्धक कर्ता द्वारा किया जायेगा।
- कि बन्धक कर्ता एवं बन्धकी शब्द के अन्तर्गत उसके दायाद, उत्तराधिकारी, प्रकासक एवं समनुदेशित भी सम्मिलित समझे जायेंगे।
उपर्युक्त के साक्ष्य स्वरूप हम दोनो पक्षकारो मे निम्नलिखित दो साक्ष्यो के समक्ष उपर्तूक्त स्थान एवं दिनांक पर अपने-अपने हस्ताक्षर कर दिये है।
हस्ताक्षर बन्धक कर्ता
- यह भी पढिये - बंधक पत्र क्या होता है और बंधक पत्र के प्रकार - भाग-1
हस्ताक्षर बन्धकी
साक्षीगण
(1)---------------------------------
(2)---------------------------------
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