राजपत्र द्वारा अपना नाम कैसे बदलें | How to change name in Gazette
Photo by Andrea Piacquadio from Pexels |
परिचय
कई बार आम आदमी के जीवन में ऐसे मौके आते हैं कि, किसी ना किसी को अपना नाम बदलना पड़ता है। वास्तव में, यह प्रथा शादी के बाद किसी की पत्नी का नाम बदलने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। भले ही नाम न बदला हो, अंतिम नाम आदि अपने आप बदल जाता है। फिर इन सभी परिवर्तनो के लिये सबुत के तौर पर कुछ कागजाद, दस्तावेज और साक्ष्य की आवश्यकता होती है।
कई लोगोके मामलों में, जन्म की तारीख गलत लिखी जाती है। नाम लिखनेमे कुछ गडबडी या फिर गलती हुई होती है। कई बार नाम अलग तरह से लिखा जाता है। यहां तक कि ऐसे मामलों में, संबंधित स्थान पर कुछ दस्तावेजी साक्ष्य की आवश्यकता होती है। कुछ लोग अपना धर्म भी बदल लेते हैं। भले ही धर्म-परिवर्तन करने की विधी उस धर्म के अनुसार किया जाए तब भी धार्मिक विधी को कानूनी सबूत के रूप में काम नहीं करता है। ऐसे समय में भी, कुछ ना कुछ दस्तावेजी साक्ष्य की आवश्यक होती हैं। तो, इस बार क्या करना है? यह सवाल उसके सामने खड़ा होता है। फिर यह परिवर्तन राजपत्र/ Gazette में प्रकाशित करने के लिए कहा जाता है।
राजपत्र / Gazette अधिसूचना:-
इस तरह अचानक से राजपत्र द्वारा प्रकाशित करने के लिए कहने पर आम आदमी भ्रमित होता है। जैसे की, राजपत्र क्या है? वे कहाँ प्रसिद्ध होते हैं? ये सारे सवाल हमारे सामने उपस्थित होते हैं। तो आइए पहले हम राजपत्र / Gazette के बारे में संक्षेप में जानकारी हासिल करते है। राजपत्र को अंग्रेजी में " Gazette " कहा जाता है। यह Gazette सरकार द्वारा प्रकाशित किया गया है। इस राजपत्र / Gazette को आधिकारिक राजपत्र / Gazette के रूप में समझा जाता है। इस राजपत्र के दूसरे हिस्से मे, विभिन्न स्थानों पर जनता के लिए होने वाले परिवर्तन, उदा- नाम में परिवर्तन, धर्म में परिवर्तन, जन्म तिथि में परिवर्तन आदि को भी प्रकाशित किया जा सकता है। इसलिए, कई बार प्रासंगिक परिवर्तनों को आधिकारिक तौर पर सूचित करने के लिये राजपत्र / Gazette कि एक प्रति मंगवाई जाती है। इसलिए, आइए हम इस लेख के माध्यम से राजपत्र के प्रकाशन के बारे में जानकारी हासील करते हैं।
निम्नलिखित परिवर्तन राजपत्र में सामान्य रूप से किए जा सकते हैं: -
- नाम परिवर्तन,
- नाम ठीक करना,
- शादी के बाद नाम बदलना,
- धर्म परिवर्तन के कारण नाम बदलना,
- नाम विसंगतियों से बचने के लिए नाम बदलना,
- धर्म बदलना,
- जन्म की तारीख बदलना,
- अन्य तरीकों से किए गए बदलाव।
- यह भी पढे- कोर्ट में प्राइवेट कंप्लेंट कैसे फाइल करे?
1) नाम परिवर्तन: -
यहाँपर इस आवेदन को भरते समय ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें हैं।
- पुराने नाम को और नऐ नाम को उसी कॉलम मे लिखा जाना चाहिए जहां पर कहा गया हैं।
- आवेदन कर्ता के हस्ताक्षर दो रूपों में करना चाहिऐ, एक पुराने नाम के अनुसार और दूसरा नए नाम के अनुसार, इसके लिए अलग कॉलम हैं। इसी तरह, नए और पुराने नामों के अनुसार हस्ताक्षर किए जाने चाहिए। क्योकी, बेवजाह यहां पर भ्रम की संभावना हो सकती है।
- अपना पुरा पता इसमे लिखना चाहिऐ और पते के साथ-साथ कितनी प्रतियों चाहिऐ वह भी लिखें जिनकी आपको आवश्यकता है। इससे यह तय कर सकते हैं कि इस काम के लिऐ कितना चार्ज लगेगा।
- जिस व्यक्ति का नाम बदना है, वह व्यक्ती अगर अज्ञानी अथवा नाबालिग है, तब उसके माता-पिता को आवेदन पर हस्ताक्षर करना चाहिए।
- नाम परिवर्तन की घोषणा करने के लिए -----/- रुपये का शुल्क लिया जाता है। यही शुल्क पिछड़े वर्गों के लिए ----/- रुपये होगा। इनमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, आदिवासी जाति और जनजाति शामिल हैं, विदर्भ के उल्लिखित गिरोह मे बाहर के जनजातियों, नई विवाहीत दुल्हन आदि के सभी का उल्लेख होता है।
- एक ही पंजीकरण शुल्क के लिए दो गजट की प्रतियां नि: शुल्क उपलब्ध हैं। लेकिन अगर आप इससे अधिक प्रतियां चाहते हैं तो प्रत्येक प्रती के लिए ----/ - रूपये का अतिरिक्त शुल्क लिया जाता है।
- आवेदन कर्ता का पता आवेदन पत्र पर स्पष्ट अक्षरों में लिखा जाना चाहिए। यदि आवेदन अंग्रेजी में है तो पुरा आवेदन कैपिटल लेटर में भरे जाने चाहिए।
- यह भी पढे-जमानत क्या होता है? | What Is Bail?
2) धर्म परिवर्तन के लिए आवेदन: -
ध्यान रखने योग्य बातें निम्नलिखित हैं: -
- यदि कोई नाबालिग अपना धर्म बदलना चाहता है, तो इस फॉर्म पर उसके माता-पिता के हस्ताक्षर लेने होंगे।
- इस प्रकाशन के लिऐ शुल्क ---- / - रुपये तय किया गया है। और घुमंतू जातियों, जनजातियों, नव-बौद्ध अनुसूचित जातियों / जनजातियों आदि के लिए शुल्क ----/- रुपये निर्धारित किया गया है।
- प्रत्येक अतिरिक्त प्रति पर ---- / - का अतिरिक्त शुल्क लगाया जाता है।
- यह आवेदन पत्र सरकारी आवेदन कार्यालय में भी मुफ्त उपलब्ध है।
- धर्म परिवर्तन क्यों किया गया इसका कारण आवेदन में उल्लेख किया जाना चाहिए।
3) जन्म तिथि में परिवर्तन: -
इस प्रकार में, निम्नलिखित महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखा जाना चाहिए:-
- पुरानी और नई जन्म तिथियों को सावधानीपूर्वक, सही और आवश्यक कॉलम में भरा जाना चाहिए।
- अज्ञानी व्यक्ति के मामले में, माता-पिता को आवेदन पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता होती है। अन्य ग्रंथों, आवश्यक प्रतियों की संख्या आदि लिखना भी महत्वपूर्ण है।
- यहां तक कि इस प्रकाशन के लिए, औसत व्यक्ति से रुपये ----- / - शुल्क तय किया गया है। इसलिए घुमंतू जाति और जनजाति, अनुसूचित जाति और जनजाति, नव-बौद्ध और विशेष रूप से चार्ज किए गए व्यक्तियों को ----- / - रु शुल्क तय किया गया है। और जादा प्रतियाँ के लिऐ ------/- रू शुल्क भरना होगा।
- यह भी पढे- चेक बाउन्स का केस कैसे करे?
अब, इस सब के साथ, कुछ बातों को ध्यान में रखना आवशक है। आइए देखें वे कौन से हैं: -
- यदि आवेदन कर्ता को आवेदन के रकम मे छुट चाहता है, तो उसे आवेदन के साथ संबंधित कलेक्टर / मजिस्ट्रेट इन के प्रमाण पत्र की झेरॉक्स कॉपी संलग्न करनी होगी।
- आवेदन किये जाने से लेकर प्रकाशित होने तक लगभग एक से दो महीने कि कालावधि लग सकती हैं।
- नाबालिग लड़के या लड़की का फॉर्म एक वकील के माध्यम से या स्कूल कॉलेज के प्रिंसिपल के माध्यम से आना चाहिए। साथ ही इसमें माता-पिता के हस्ताक्षर भी होने चाहिए।
- यदि 1-2 महीने की अवधि के भीतर राजपत्र में विज्ञापन प्रकाशित नहीं होता है, तो संबंधित कार्यालय से सात दिनों के भीतर संपर्क किया जाना चाहिए। वरना देरि के वजाह से शिकायत करने पर ध्यान नहीं दिया जाऐगा।
- सरकार विज्ञापन में प्रकाशित किऐ गऐ राजपत्र की प्रामाणिकता के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेती है।
- राशि नकद / मनी ऑर्डर या डिमांड ड्राफ्ट द्वारा भेजनी होगी।
- अशिक्षित पुरुषों को हस्ताक्षर के स्थान पर अपने बाएं हाथ का अंगूठा लगाना होगा। और एक अशिक्षित महिला के लिए, उसके दाहिने हाथ के अंगूठे को हस्ताक्षर स्थान में लगाया जाना चाहिए।
- यदि आपको इनमें से कोई भी बदलाल करना चाहते हैं, तो आपको प्रचलित शुल्को को जानना चाहिए क्योंकि ये शुल्क अक्सर बदलते रहते हैं।
यह भी पढे
- सभि दस्तावेजोका संपूर्ण मार्गदर्शन | Deeds And Documents
- दस्तावेजो के नमुने | प्रारूप | Format of Deeds ans Documents
- चेक बाऊन्स केसेस संबंधीत संपूर्ण मार्गदर्शन | Cheque Bounce Case Procedure
- पारिवारिक कानून को सिखे और समझे | Family Law in Hindi
- फौजदारी कानून का संपूर्ण मार्गदर्शन | Criminal Law In Hindi
- भारतीय दंड संहिता (I.P.C.) को सिखे और समझे
- सिविल कानून का मार्गदर्शन | Civil Law
- सामाजिक और कानूनी लेख तथा मार्गदर्शन | Social And Legal Articals
थोडा मनोरंजन के लिए
0 टिप्पणियाँ