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सुगमता और मार्ग का अधिकार || Easement Right

सुगमता और मार्ग का अधिकार || Easement Right

Photo by Aldiyar Seitkassymov from Pexels


परिचय

        सुगमता और मार्ग का अधिकार यह अचल संपत्ति से संबंधित है। सुगमता और मार्ग का अधिकार को अंग्रेजी में ईझमेंट राइट कहा जाता है। सुगमता और मार्ग का अधिकार के निम्नानुसार परिभाषित किया गया है। जब एक संपत्ति का मालिक अपनी संपत्ति का उपभोग लेने के लिए, दूसरे की संपत्ति पर कुछ करने या जारी रखने का अधिकार प्राप्त करता है, फिर यह उसका रास्ते का अधिकार है। इस व्याख्या में ध्यान देने योग्य दो मुख्य बाते हैं, अर्थात्, इस अधिकार के लिए दो संपत्ती का होना आवश्यक है और वे एक दुसरे के पास होना चाहिए। इसके लिए दो संपत्तियों के दो अलग-अलग मालिकों की भी आवश्यकता होती है। जिस यह अधिकार होता है उसे प्रमुख हक्कदार कहा जाता है और जिस के संपत्ती पर उसका अधिकार होता है उसे द्वितीयक हक्कदार कहा जा सकता है। तिसरी जरूरीबात यह है के यह अधिकार प्रदान करने योग याने एक से दुसरे को हस्तांतर किया जा सकता है। यह अधिकार स्थायी, या अस्थायी, बिना शर्त या सशर्त, सार्वभौमिक या व्यक्तिगत हो सकता है।



        यह सुगमता और मार्ग के अधिकार आम तौर पर तीन तरीकों से प्राप्त किया जाता है। कई वर्षों के उपयोग के बाद अथवा परंपरागत से या दस्तावेज़ द्वारा सार्वजनीक सुगमता और मार्ग के अधिकार यह आम तौर पर रूडी परंपरागत द्वारा या दीर्घकालिक उपयोग द्वारा, बनाए जाते हैं। ग्रामीण विभागोमे या कुछ जनजातियों से, ऐसे अधिकार परंपरागत रूप से बनाए जाते हैं। जैसे, पशुओं को चराने का अधिकार, पशुओं के लिए सुगमता और मार्ग का अधिकार, प्रार्थना का अधिकार, निजी सुगमता और मार्ग का अधिकार, आदी। लेकिन दीर्घकालिक उपभोग करनेके लिए दस्तावेज द्वारा बनाया जाना उचित है। इसलिए, निजी सुगमता और मार्ग का अधिकार यह एक दस्तावेज़ का विषय हो सकता है। अन्य प्रकार के व्यावसायिक अधिकार, सार्वजनिक या निजी, इस दस्तावेज़ का विषय होने की संभावना नहीं है। 



विभिन्न प्रकार के सुगमता और मार्ग के अधिकार होते हैं: -

  1. आने-जाने का अधिकार
  2. हवा और प्रकाश का अधिकार
  3. भूमि या निर्माण को समर्थन मिलने का अधिकार
  4. पानी लेने का अधिकार, दूसरे की सीमा के माध्यम से नल द्वारा पानी ले जाने का अधिकार।

        इनमें से सबसे आम मुद्दा यह है के दूसरे की जमीन से आने-जाने का अधिकार याने रास्ते का अधिकार। पेहलेके जमाने में, शहर से हवा की रोशनी पाने का अधिकार बहुत महत्वपूर्ण था, क्योंकि, भूमि विकास नियमों की कमी के कारण, घर एक-दूसरे के बहुत करीब थे, इसलिए हवा और प्रकाश की समस्या बहुत थी। लेकिन आवास नियमों के कारण यह विवाद लगभग खत्म हो गया है।

निजी सुगमता और मार्ग का अधिकार यग एक माध्यमिक दावेदार की भूमि से, सार्वजनिक सड़कों तक आने-जाने का अधिकार है। कभी-कभी किसी संपत्ति के लिए सड़कतक पहुचने के लिए आने-जाने का कोई रास्ता नहीं होता है, ऐसे में उस संपत्ति के सुगमता और मार्ग का अधिकार दस्तावेज द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। यह, सुगमता और मार्ग का अधिकार संपत्ती से संबंधित है और इसलिए उस अधिकार को अचल संपत्ति माना जाता है। इसलिए, ऐसे अधिकारों का प्रावधान दस्तावेजों के माध्यम से किया जाना जरूरी है और पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकरण करना अनिवार्य है।

        यह सुगमता और मार्ग का अधिकार व्यक्तिगत हो सकता है। उस स्थिति में, यह केवल उस व्यक्ति के लिए मौजूद है। लेकिन अगर यह संपत्ति से जुड़ा हुआ है, तो न केवल उस संपत्ति का मालिक जिसके लिए यह अधिकार है, बल्कि उसके उत्तराधिकारी या खरीदार को भी यह अधिकार मिलता रहेगा। साथ ही सुगमता और मार्ग का अधिकार स्थायी रुपसे हो सकता है। या यह कुछ समय के लिए हो सकता है। ऐसा अधिकार केवल मनुष्य के आनेजाने के लिए हो सकता है। अथवा यह वाहन के लिए भी हो सकता है। इन दोनो हक्कदारो के एक दुसरे के जिम्मेदारीयो के बारेमे इजमेंटरी ॲक्ट 1882 के धारा 22 से 27 अथवा  एकदुसरे के साथ समझौते के माध्यमसे किया जा सकता है। यह आने-जाने की स्थिति को अच्छी स्थिति में रखने कि जिम्मेदारी प्रदान धारक पर है। साथ ही, प्रमुख दावेदार को, द्वितीयक दावेदार की आय या किसी अन्य पहलू को नुकसान या क्षति पहुंचे एसा कोई कृत्य नही करना है। ऐसा करने पर, प्रमुख दावेदार किसी भी नुकसान के मामले में द्वितीयक दावेदार या उसकी संपत्ति की क्षतिपूर्ति(नुक्सान भरपाई) के लिए जिम्मेदार है। बेशक, इस जिम्मेदारी को प्रत्यक्ष समझौते द्वारा बदला जा सकता है। 


        ऐस अधिकार प्रदान करने के लिए, जो दस्तावेज़ का निर्माण किया गया है वह अनुबंध के रूप में होना चाहिये। इसलिए, अनुबंध की स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान उस पर किया जाना चाहिए। हालांकि दावा अचल संपत्ति के लिए है, इसे स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है, जिसका अर्थ है कि इसे बेचा नहीं जा सकता है। यह, संपत्ति पर एक तरह का बोझ है। यह दावा अचल संपत्ती पर है। लेकिन संपत्ती में नहीं।


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