दस्तावेज़ रद्द करने वाले, दस्तावेज़ का नमुना || Cancellation of sale || Deed of cancellation
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परिचय
कभी-कभी दस्तावेज़ बनाने के बाद, दस्तावेज के पक्षकारो की सोच बदल जाती है। इसके अलावा कभी-कभी, दस्तावेज़ में, कुछ दोष पाए जाते हैं। ऐसे मामले में दस्तावेज़ को रद्द करना आवश्यक होता है। यदि ऐसा कोई दस्तावेज़ पंजिकृत किया नहीं गया हो, तो उसे रद्द करना बहोत ही आसान हो सकता है। इस्तरह के दस्तावेजों को सभी पक्षकारों की सहमति से नष्ट किया जा सकता है। लेकिन, अगर दस्तावेज पंजीकरण कार्यालय में पंजीकृत किया गया हो, तो उसे आसानी से रद्द नहीं किया जा सकता। ऐसे मामले में, पिछले दस्तावेज़ को रद्द करने कै लिऐ एक और दस्तावेज़ बनवाकर रद्द करना उचित होगा।
लेकिन सभी दस्तावेज़ो को, पक्षकारो के मन परिवर्तन के बहाने, रद्द किए नही जा सकता। उदाहरण के लिए, यदि पक्षकारो ने संम्पत्ति के विक्रय विलेख पर सभी के हस्ताक्षर करके पंजीकृत किया है, तो इसे संशोधित विलेख बनवाकर रद्द नहीं किया जा सकता। ऐसा इसलिए है, क्योंकि ऐसे मामले में, उस विक्रय विलेख का काम पूरा हो चुका होता है और संपत्ति कि स्वामित्व खरीदार के नाम पर स्थानांतरित कर दी जाती है। और बिक्री करनेवाले का सभी स्वामित्व समाप्त हो गया होता है। यदि वह लेनदेन के व्यावहार को रद्द करना है, अर्थात, यदि संपत्ति को विक्रेता को वापस करना है, तो खरीदार को विक्रेता के नाम पर एक और यानेकी दुसरा विक्रीय विलेख बनाना होगा। साथ ही विक्रेता को पहली बिक्री लागत से प्राप्त मूल्य को वापस करना होगा। जिस दस्तावेज के द्वारा अचल संपत्ति को हस्तांतरित किया गया है, उसे निरस्त नहीं किया जा सकता, लेकिन संम्पत्ति को पुन: स्थानांतरण करने के लिये एक और विक्रिय विलेख दस्तावेज बनाना उचित रहेगा।
स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट 1963 की धारा 31 में यह प्रावधान दिया गाय है कि, यदि कोई दस्तावेज़ सुरू से ही कानूनी नही है, या धोखाधड़ी, ज़बरदस्ती आदि से किया गया हो, तो उस परिस्थिती मे एसे पक्षकार को जिसे धोखे में रखा गया है, उसे उस कारणो के मुद्दो पर दस्तावेज को रद्द करने का अधिकार प्राप्त होता है। इसलिए, इस तरह के दस्तावेज़ो को अदालत में दावा करके निरस्त किया जा सकता है। जिस किसी पर भी धोखाधड़ी या जबरदस्ती का आरोप लगाया गया है, वह गया आरोप स्वीकार नहीं करता है। लेकिन, अगर कोई दस्तावेज़ मौलिक रूप से अमान्य है और पक्ष उस अमान्यता से सहमत हैं, तो दस्तावेज़ को रद्द करना संभव है। यदि ऐसे अमान्य दस्तावेज़ जब पंजीकृत हो गए हैं, तो उन दस्तावेजों को रद्द करने के लिये, रद्द करने वाले दस्तावेयो को भी पंजीकृत करना आवश्यक है।
स्टांप ड्यूटी के संदर्भ में, इस तरह के रद्द करने वाले दस्तावेज़ को एक विशिष्ट अनुबंध याने समझौता के रूप में माना जाता है। इसके लिए एक निष्चित शुल्क लगाया जाता है। अब उस दस्तावेज़ के नमूने को देखना और समझना महत्वपूर्ण है।
दस्तावेज़ रद्द करने वाले, दस्तावेज़
यह दस्तावेज़ आज दिनांक ----- माह --------- वर्ष -------- पर -------- मुकामी,
श्री श्रीमती ---------------------------------- पुत्र/ पुत्री/ पत्नी-------------------------------------आयु -------- वर्ष, व्यवसाय: ---------------- निवास--------------------- तहसिल-------------- जिला--------------- जिसे दिनांक ------------------- को निष्पादित ------------------ दस्तावेज मे व इस प्रलेख मे विक्रेता कहा गया है एवं जो दोनो दस्तावेजो का प्रथम पश्रकार है।
तथा
श्री श्रीमती ---------------------------------- पुत्र/ पुत्री/ पत्नी-------------------------------------आयु -------- वर्ष, व्यवसाय: ---------------- निवास--------------------- तहसिल-------------- जिला--------------- जिसे भी दोनो दस्तावेजो मे व इस प्रलेख मे क्रेता कहा गया है एवं जो दोनो दस्तावेजो का द्वितीय पश्रकार कहा है। के मध्य निष्पादित किया जाता है।
दस्तावेज़ रद्द करने वाले, दस्तावेज़ यह प्रथम पक्षकार एवं द्वतिय पक्षकार दोनों में किया जा रहा है।
- दिनांक ---------------- ऊपरोक्त प्रथम पक्षकार और द्वतिय पक्षकार के बीच बिक्री विलेख द्वारा विकीदार की अचल संपत्ति रु------------ (शाब्दिक ----------------------) की कीमत के बदले में खरीदा गया। खरीदार ने विक्रेता को --------- / - रुपये का चेक दिया और उनके विश्वास पर, विक्रेता ने बिक्री विलेख पर हस्ताक्षर किया और इसे पंजीकृत किया।
- हालांकि, जब विक्रेता द्वारा चेक को बैंक में जमा करने के लिए भेजा गया था, तो बैंक ने उसे वापस कर दिया क्योंकि खरीदार के खाते में अधिक राशि नहीं थी।
- नतीजतन, विक्रेता को उसके संम्पत्ति के बदले कीमत प्राप्त नहीं हो गई और क्रेता के पास नकद में भुगतान करने की ताकत नहीं है। इसलिए, चूंकि बिक्री विलेख मे क्रेता को कोई रक्कम ना मिलने के कारण यह सौदा अदालत में रद्द किया जा सकता है।
- हालांकि, दोनों पक्षों ने फैसला किया है कि वे दोनो सहमति में बिक्री विलेख को रद्द करना चाहते है और इसलिए वे यह दस्तावेज करने के लिए सहमत हुए हैं।
यह की, उपरोक्त परिस्थितियों में और समझौते के अनुसार, दोनों पक्षकारोन तारिख ----------- पर बिक्री विलेख को रद्द कर रहे हैं। साथ ही, इसे कानून द्वारा निरस्त कर दिया गया है। इसलिए, दोनों पक्षकार यह घोषणा कर रहे हैं कि उनमे जो बिक्री विलेख हूवा था उसको रद्द माना गया है। क्रेता ईस विलेख से सहमत है कि, विलेख की बिक्री के परिणामस्वरूप, उसके पास संपत्ति में कोई निहित स्वार्थ नहीं है और यह कि संपत्ति विक्रेता की एकमात्र संपत्ति है और उसे इसे निपटाने का पूर्ण अधिकार है। मूल रूप से उनमे हुवा बिक्री का विलेख अवैध हैं। हालांकि, यह साबित करने के लिए हस्ताक्षर किया जा रहा है। जिस तरह वह पंजिकृत किया गया था वह रद्द कर दिया गया है, और संपत्ति के मालिक में कोई दोष नहीं होना चाहिए।
दोनों पक्षकार द्वारा इसे मान्य किया गया है और नीचे हस्ताक्षरित किया गया है।
विक्रेता के हस्ताक्षर
श्री ------------------------
क्रेता के हस्ताक्षर
श्री ----------------------
गवाह
1)-------------------------------
2) ------------------------------
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