Header Ads Widget

Ticker

6/recent/ticker-posts

पारिवारिक समझौता क्या है / पारिवारिक व्यवस्था पत्र के प्रकार

पारिवारिक समझौता क्या है / पारिवारिक व्यवस्था पत्र के प्रकार

Photo by August de Richelieu from Pexels

परिचय

परिवार व्यवस्थापत्र को अंग्रेजी में फैमिली सेटलमेंट डीड कहते है। यह पारिवारीक समझौता पत्र परिवार के लिए बहोत महत्वपुर्ण होता है। आप इसके नाम से ही अंदाजा लगा सकते है के, यह दस्तावेज़ परिवार के सदस्यों द्वारा ही बनाया गया है। यह परिवार व्यवस्था पत्र आम तौर पर संपत्ती के मूल्य के नुसार जो आमतौर पर जैसे खरीद खत के लिए स्टैंप की आवश्यकता होती है। वैसे ही पारिवारीक व्यवस्था पत्र को भी सामान्य स्टैंप पेपर (जनरल स्टॅम्प पेपर) पर बनाना आवश्यक है। लेकिन, पारिवारीक व्यवस्थापत्र यह अगर धार्मिक या धर्मार्थ कार्य के लिए बनाना होता है, तो उस समय उसे बांड की दर के नुसार एक सामान्य स्टैम्प के उपर बनवाना होगा।


पारिवारिक व्यवस्था पत्र भी एक प्रकार का समझौता है। एक परिवारीक व्यवस्था पत्र आमतौर पर परिवार के किसी सदस्य या रिश्तेदार के बीच बनाया जाता है। मान लीजिए कि एक परिवार के सदस्य ने उसे मिलनेवाले उत्तराधिकार के अधिकारों पर कोई समझौता करता है और उस आशय का एक पत्र तैयार करता है, तो इसे पारिवारिक व्यवस्था पत्र कहा जा सकता है।



परिवारीक व्यवस्था पत्र को ठीक से बनाने के लिए या इसे कानूनी रूप से सही बनाने के लिए निम्नलिखित मुद्दोकी आवश्यकता होती हैं।

  1. आम तौर पर, जिन व्यक्तियों में पारिवारिक व्यवस्था पत्र बनाया जाता है। वे एक ही परिवार के होने चाहिए अथवा उन्हें विरासत या किसी अन्य तरीके से एक दूसरे से संबंधित होना चाहिए।
  2. पारिवारीक समझौता पत्र का उद्देश्य पारिवारिक विवाद को निपटाना अथवा विवाद से बचना यह होना चाहिए।
  3. समझौत के इरादे ईमानदार जुडे होना चाहिए। इसके अलावा इस पत्र को जिसने बनाया है उसका भी इरादा नेक और ईमानदार होना चाहिए।
  4. समझौता के नूसार किसी चीज के लिए भुगतान किया जाना चाहिए अथवा उसके बारेमे प्रावधान पारिवारीक व्यवस्थापत्र में किया जाना चाहिए।
  5. इस व्यवस्था पत्र को बनाते समय कुछ विवादों अस्तित्व मे होना चाहिए।
  6. यदि कोई विवाद नहीं है, तो भविष्य में किसी तरह के विवाद निर्माण होनेकी संभावना होनी चाहिए।


पारिवारिक व्यवस्था पत्र के प्रकार:-

आइए, अब हम पारिवारिक व्यवस्थापत्र के प्रकार देखते है। पारिवारिक व्यवस्था पत्र के विभाजन दो प्रकार में कर सकते है:- 

(1) मौखिक पारिवारिक व्यवस्था पत्र
(२) लिखित पारिवारिक व्यवस्था पत्र

(1) मौखिक पारिवारिक व्यवस्था पत्र:-

मौखिक पारिवारिक व्यवस्था पत्र यह एक-दूसरे की अनुमति से की जा सकती है। और उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जा सकती है। मान लीजिए की, किसी परिवार के एकत्र संपत्ति के संबंधित किसी न्यायालयमे मामला न्यायप्रविष्ट है, तो उस परिवार के सदस्य आपस में मिलकर अदालत में मुकदमा दायर नहीं करने के बारेमे फैसला कर सकते हैं, और यदि वे अदालत से मुकदमा दयर हो तो उसे वापस लेनेका फैसला भी कर सकते हैं। यहांपर परिवारीक व्यवस्था पत्र को लिखने की कोई आवश्यकता नहीं है।


(२) लिखित पारिवारिक व्यवस्था पत्र:-

एक लिखित व्यवस्था पत्र भी तैयार किया जा सकता है। एक लिखित परिवारीक व्यवस्थापत्र मे भाग लेने वाले सदस्यों को यह बंधनकारक है। परिवार की संपत्ति को भी व्यवस्थापत्र में शामिल किया जा सकता है। केवल इतना ही नहीं, बल्कि इस व्यवस्था पत्र में गर्भमे पल रहे बच्चे का भी हिस्सा उसके जन्मसे पहले शामिल किया जा सकता है। 

किसी भी संपत्ती को पारिवारिक व्यवस्थापत्र के अनुसार बटवारा किया जा सकता है। इससे संबंधित नियम और शर्तें भी परिवारीक व्यवस्थापत्र मे शामिल कीये जा सकते हैं। उन नियमो और शर्तो को भी पारिवारीक व्यवस्थापत्र मे शामिल किया जा सकता है, जिन्हें किसी अनुबंध में शामिल नहीं किया जा सकता है। अगर विधवा और उसकी बेटियों को व्यवस्थापत्र में शामिल किया जाता है, तो यह उनके लिए भी बंधनकारक होगा; लेकिन यह लड़कियों के अज्ञानी लड़कों के लिए बंधनकारक नहीं होगा। बेशक, अगर बच्चे सज्ञान होने पर इस पर सहमति देते हैं, तो यह उनके लिए भी बंधनकरक हो सकता है। या भले ही उन्होंने सहमति के बिना व्यवस्था पत्र का लाभ लिया हो, तो व्यवस्था पत्र को उनकी स्वीकृति माना जाता है।

आइए अब हम देखते हैं कि परिवार व्यवस्था पत्र को पंजीकृत करना अनिवार्य है या नहीं। यह सवाल एक मौखिक परिवार व्यवस्था पत्र के मामले में नहीं आता। लेकिन लिखीत पारिवारीक व्यवस्थापत्र कानून पंजिकृत करना आवश्यक नहीं है। सर्वोच्च न्यायलय ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि, सदस्यों के पिछले अधिकारों को मान्यता दी गई थी और अगर किसी सदस्य को कोई अन्य अधिकार नहीं मिला, तो ऐसी व्यवस्था वैध होगी भले ही पत्र पंजीकृत न हो।


अब तक हमने परिवार व्यवस्था पत्र से संबंधित अन्य आवश्यक चीजों के बारे में सीखा है। आइए अब देखते हैं कि इस व्यवस्था पत्र में क्या महत्वपूर्ण है।

1) स्टाम्प: - 

पारिवारिक व्यवस्था पत्र बनाते समय आवश्यक मूल्य का एक स्टैंप पेपर लेना आवश्यक है। अन्यथा परिवारीक व्यवस्थापत्र को कम से कम - 100 / - के स्टाम्प पर बनाया जाना चाहिए।

2) नाम और पते: - 

परिवार व्यवस्था पत्र में भाग लेने वाले सभी सदस्योंके नाम और पते इस व्यवस्थापत्र में होने चाहिए।

3) अन्य विवरण: -

इस व्यवस्थापत्र में भाग लेने वाले व्यक्तियों जैसे नौकरी-व्यवसाय, विवाहित, अविवाहित, विधवा और आयु आदि के अन्य विवरण देना आवश्यक है।



4) तथ्यात्मक विवरण: -

(अ) जिस उद्देश्य के लिए व्यवस्था पत्र बनाना है, उसका विवरण इसमें शामिल किया जाना चाहिए।
(ब) इसमें प्रोपर्टी का पूरा विवरण दिया जाना चाहिए।
(क) इसमें अन्य सभी अधिकारों की जानकारी का विवरण शामिल होना चाहिए।
(ड) अज्ञान, गर्भमे पल रहा बच्चा आदि के मामले में, सभी प्रासंगिक जानकारी देना आवश्यक है।
(ई) यदि आय के अधिकार को लेकर कोई विवाद है या यदि यह उचित है, तो इससे संबंधित सभी जानकारी इसमे होनी चाहिए।

5) पारिवारिक व्यवस्था पत्र में शामील नियम और शर्तें: -

इसमें निम्नलिखीत सभी जानकारी शामिल होनी चाहिए। साथही यह पारिवारिक व्यवस्था पत्र किसके लिए बाध्यकारी है। इस के बारेमे सभी जानकारी इसमें शामिल होना चाहिए। इसमे शामिल किए जानेवाले निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं को नोट करना महत्वपूर्ण है।
  1. अधिकारों का बटवारा और उसका तरीका,
  2. यह परिवारीक व्यवस्था पत्र किसे बंधनकारक है उसका स्पष्ट विवरण,
  3. किस सदस्य ने और कब समझौता को लागू करना है, इसका स्पष्ट विवरण होना चाहिए।
  4. समझौते के अनुसार मिलनेवाला मुआवजा और उसका विवरण होना चाहिए।
  5. यदि वारिस का कोई उल्लेख है, तो उसका विवरण होना चाहिए।
  6. अंन्य कोई महत्वके बातोक उल्लेख उसमे होना चाहिए।

6) साक्षी और उनके हस्ताक्षर: -

एक बार व्यवस्था पत्र तैयार हो जाने के बाद, भाग लेने वाले सदस्यों को गवाहों के सामने हस्ताक्षर करना चाहिए। गवाहों को भी इस पर हस्ताक्षर करना चाहिए। गवाहों को अपना पूरा नाम और पता लिखना आवश्यक है।

इससे, हमने सीखा कि पारिवारिक व्यवस्था पत्र बनाते समय कौन कौनसी बतोके तरफ ध्यान देना चाहिए।


नोट:- एसेही कानूनी जानकारी हिंदी मे पाने के लिए हमारे टेलिग्राम चैनल Law Knowledge in Hindi को Join करे।


यह भी पढे


थोडा मनोरंजन के लिए


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ