Mortgage deed / बंधक पत्र के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी / बंधक पत्र भाग-2
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पिछले लेख में हमने बंधक पत्र के प्रकार के बारे में जानकारी देखी है। इस लेख मे हम बंधक पत्र के बारेमे प्रत्यक्ष जानकरी देखने वाले है। यदि आपने बंधक पत्र के प्रकार के बारेमे जो जानकारी बताई है उस लेख को नहीं पढ़ा है, तो आप पहले बंधक पत्र के प्रकार के बारे में जो लेख है वह पढ़ सकते हैं। यदि आपने वह लेख पढ़ा है, तो आज उसके आगे की प्रत्यक्ष जानकारी हम इस लेख देखने वाले है।
बंधक पत्र बनाते समय कुछ बतोका खासकरके ध्यान रखा जाना चाहिये वह निम्नलिखीत है।
1. बंधक पत्र के लिए जरूरी स्टांप पेपर:-
सबसे पहले एक बात ध्यान देने लायक है। वह यह है के बंधक पत्र के लिए कितने स्टैम्प पेपर की आवशक्ता होती है। लेकिन यह कहना मुश्किल है कि बंधख पत्र को कितना स्टैम्प पेपर की आवशक्ता होता है। क्योंकि यह गिरवी रखी गई संपत्ति के मूल्य के आधार पर निर्भर करता है के बंधक पत्र को कितना स्टैम्प लगता है। इसलिए, समय-समय पर सरकार द्वारा तय निर्धारीत किये गये किमत के नुसार बंधक पत्र को स्टैम्प पेपर लगाना चाहिए। लेकिन हमें यह ध्यान रखना होगा कि बंधक पत्र को स्टैम्प पेपर पर ही बनाना चाहिये।
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2. बंधक पत्र और उसका पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) :-
बंधक पत्र के पंजीकरण(रजिस्ट्रेशन) के बारे में पूछताछ करते समय, सबसे पहले बंधक संपत्ति कौनसे प्रकार की है यह देखना चाहिए। इसके अलावा हम यह नहीं कह सकते कि उसे पंजीकृत करना चाहिए अथवा नहीं। यदि बंधक पत्र यह एक चल संपत्ति का करना है, तो उसे पंजीकरण करने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन, अगर वही बंधकपत्र अचल संपत्ति का करना है, तो उसे पंजीकृत करना जरूरी होता है।
आइये, हम चल संपत्ति के बंधकपत्र के विषय मे जानकारी लेते है, चल संपत्ति के संदर्भ मे जो बंधक पत्र का प्रकार को इंडियन कॉंन्ट्रेक्ट ॲक्ट में बताया गया है, उसे लिज कहा जाता है। उसमें निम्नलिखित मुद्दो का शामिल हैं।
- किन चीजों को गिरवी रखा जाता है और वह चीजे कितनी है ।
- कितने रक्कम मे वस्तुओं को गिरवी रखा गया है?
- रक्कम लेनेवाला बंधक रक्कम राशि को कैसै वापिस करेगा?
- जिन सभी चीजो को इसमें शामिल होना चाहिए, उन सभी चीजों को इसमें शामिल किया जाना चाहिए।
बंधक पत्र को बनाते समय, निम्नलिखित महत्वपूर्ण बातों को उसमे में शामिल किया जाना चाहिए। वे बातें कुछ इस प्रकार हैं।
- गिरवी रखी जानेवाली सम्पत्ति का स्वामित्व (मालकी) अधिकार
- स्वामित्व का अधिकार कैसे प्राप्त हुवा अथवा किया गया, उसका विवरण। इसमे शामिल होना चाहिए। उदाहरण के लिए, एक किरायेदार, हिंदू अविभाजित परिवार का कर्ता या प्रबंधक या कोई उसके समान व्यक्ती है। इस संबंध में विवरण जानकारी।
- ऋण के संबंधित सभी विवरण, उदाहरण के लिए, ऋण पुराना है, अभी ले लिया गया है, भविष्य में लेने की संभावना है, इसके संबंधित पुरी सच्ची जानकारी होनी चाहिए।
- गिरवी रखनेवाले के पास कहीं दुसरी जमीन हो तो उसका विवरण
- पैसे लेने की आवश्यकता क्यो हुइ उसका विवरण, उदाहरण के लिए कि पैसा किस लिए लिया जा रहा है, इसके बारे में जानकारी।
- अगर कानूनी रुपसे जरूरत है, तो इसके बारे में सारी जानकारी।
- पैतृक देन हो तो उसका विवरण।
- चल संपत्ति का विवरण (उदाहरण- शेयर) जिस पर हस्ताक्षर किए गए हैं, आदि।
- संपत्ति अथवा बंधक के पुनर्भुगतान के बारे में यदि कोई सौलत हो तो उसके बारेमे संपुर्ण विवरण उसमे होना चाहिए।
- यदि संम्पत्ति पर कोई दुसरी जगाह कर्जा है, तो इसके बारे में विवरण दें
- यदि संम्पत्ति के कोई हिस्से पर कर्जा नहीं है, तो उसका विवरण होना चाहिए।
- यदि कोई रक्कम लेन-देन का समझौता किया गया हो तो: - (ए) पैसो का कब भुगतान करना है (बी) पैसो का भुगतान किसके समक्ष करना है (जैसे पंजीकरण अधिकारी, आदि) (सी) कितने पैसो का भुगतान किया गया था (डी) पैसा कब प्राप्त होगा (ई) तदनुसार अन्य महत्वपूर्ण जानकारी।
- गिरवी देने वाला रक्कम को कब और कैसे चुकाना है।
- बंधक द्वारा ब्याज का भुगतान कैसे और किस दर से करना है, इस पर सभी जानकारी।
- अनुबंध के उल्लंघन के मामले में क्या उपाय योजना करना चाहिए, जैसे नोटिस देना है या नहीं, उसका विवरण।
- गिरवी दी गई वस्तु अथवा संपत्ति कितने दिनों में छुडवाना होगी, इसका विवरण।
- यदि बंधक को रक्कम लौटाने के लिए मोहलत बढवाकर लेना है, तो उसकी जानकारी, विधि आदि के संबंध में विवरण होना चाहिए।
- कितने समय के लिए पैसे नहीं मांगा जाएगा। उसके संबंधी सभी जानकारी।
- यदि ऋण राशि की पूर्ति ठीक से हो जाती है, तो इसमें कुछ छूट देना है तो उसके शर्ते क्या कहै उसके बारेमे जानकारी।
- मुख्य उधारकर्ता कौन है, उसके बारेमे सभी विवरण।
- यदि ऋणदाता अदालत में जाए बिना गिरवी रखी गई संपत्ति या संपत्ति को बेचने का विचार करता है, तो उसका पूरा विवरण।
- यदि संम्पत्ति के सुरक्षा के लिए कोई उपाय किए जाने हैं, तो इससे संबंधित सभी जानकारी (जैसे बीमा लेना, इत्यादि)
- यदि बंधक पत्र में लिखी शर्तों को बदलना है, तो इसकी विधि और इसके अधिकार
- संपत्ति के रखरखाव का पूरा विवरण
- प्रोपर्टी में जो पेड है उन पेड़ों को काटने जैसे सभी मामलों, और उससे आने वाले फसल के बारे में पूरी जानकारी (उदाहरण के लिए, प्रोपर्टी का इनकम किसे मिलती है) उसका उल्लेख किया जाना चाहिए।
इसके अलावा, एसे कई अन्य चीजें हैं जिनकी जानकारी बंधक में शामिल करने की आवश्यक होता है। उन सभी चिजो का विवरण इसमे देना संभव नहीं है। परिस्थिती के नुसार, बंधक पत्र बनाते समय सही व्यक्ति का सलाह लेना सबसे अच्छा है। इसके अलावा, बंधक पत्र के बारे में और भी जानकारी देना चाहे तो उदाहरण के लिए, बंधक का प्रकार और इसमें शामिल होने वाली महत्वपूर्ण चीजें, कौन बंधक बना सकता है, कौन बंधक बनाने के लिए अयोग्य है आइये इनपर एक नजर डालते है।
पहले देखते है कि बंधक पत्र को स्वरूप मे लिखा जाता है। बंधक पत्र को एक रूप में बनाया जा सकता है, जिसमे बंधक विलेख दस्तावेज बनाकर या चल संपत्ति का हस्तांतरण करके इस संबंध में दस्त बनाया जा सकता है। आइये इसके बारे में संक्षिप्त मे जानकारी देखते हैं।
बंधक पत्र के प्रकार-
1) एक पत्र के रूप में बंधक पत्र -
इस मामले में, जब बंधक एक स्वरुप में एक पत्र लिखता है, और संपत्ति को बंधककर्ता को हस्तांतर कर देता है।
2) बंधक विलेख बनवाकर लिखा गया बंधक पत्र-
इस प्रकार बंधक पत्र को उचित रुपमे दस्तावेज बनवाकर तैयार किया जाता है
3) नॉन ज्युडिशियल बॉन्ड पर बनवाया गया बंधक पत्र-
इस प्रकार के बंधक पत्र को सर्व साधारण नॉन ज्युडिशियल बॉन्ड पर धन को स्विकार करने के साथ-साथ संपत्ति खरीदकर बनाए जाते हैं।
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4) संयुक्त हिंन्दू परिवार के प्रमुख कर्ता द्वारा बनाया गया बंधक पत्र-
संयुक्त हिंदू परिवार प्रणाली में घर के प्रमुख कर्ता द्वारा संयुक्त हिंदू परिवार के खातिर दी जाने वाली बंधक संम्पत्ति इस प्रकार की बंधक पत्र मे आते है। इस प्रकार के बंधक पत्र में हिंदू परिवार के अन्य सदस्यों के हस्ताक्षर प्राप्त करना हमेशा बेहतर होता है। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करना फायदेमंद है कि बंधक ने संयुक्त हिंदू परिवार के समस्याओं को हल करने के लिए पैसा लिया है।
5) गुजारा भत्ता के खातिर किया गया बंधक पत्रः-
हिंदू संयुक्त परिवार के विधवा के खातिर गुजारा भत्ता के रूप में एक निश्चित राशि तय किया गया हुवा बंधक पत्र इस प्रकार के श्रेणी में आती है। इस प्रकार के बंधक पत्र के माध्यम से उसे कुछ अधिकार भी दिए जा सकते हैं।
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इन मुख्य प्रकारों के अलावा, निम्न प्रकार के बंधक पत्र को विभिन्न रूपों में बनाए जाते हैं। वे महत्वपूर्ण प्रकार कुछ इस प्रकार हैं: -
- सरकार द्वारा दिए गए शिक्षा वेतन की शर्तों को पूरा करने के लिए जमानत द्वारा दिया गया बंधक पत्र।
- सभी ऋणों की प्राप्ति पर बनाया गया बंधक पत्र।
- पुनर्भुगतान न करने की स्थिति में कब्जा लेने के संबंधित खण्ड के साथ बनाया गया बंधक पत्र।
- कारखाने की मशीनरी का बीमा करके गरवी रख कर तैयार किया गया बंधक पत्र।
- व्यापारिक प्रतिष्ठा / माल के मद्देनजर बंधक पत्र।
- कंपनी के शेयरों में बंधक पत्र जिसमें भविष्य मे आने वाले ऋण की सुरक्षा शामिल है।
- पुनर्विक्रय स्थिति के साथ बंधक,
- संम्पत्ति के उत्पंन्न से ऋण को चुकाने योग्य साधारण बंधक पत्र।
- बंधक पत्र जो स्वचालित रूप से उपभोग की एक निश्चित अवधि के बाद मूलधन और ब्याज को समाप्त करते हैं।
- साझेदारी हिस्से का बंधक पत्र
- चल संपत्ति का बंधक पत्र।
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इसलिए कई प्रकार के बंधक पत्र बनाए जाते हैं। इसके अलावा भी, बंधक पत्र के कई प्रकार हैं। प्रत्येक बंधक पत्र के भाग लेने वाले पक्षकारो को गिरवी रखी सामान अथवा संपत्ति, ऋण की राशि के आधार पर, नियम और शर्तें के नुरार बंधक की प्रकृति बदल सकती हैं। कुछ जगहों पर वह सब शामिल करना संभव नहीं है।
बंधक पत्र कौन तैयार कर सकता है?
उसके बाद, आइए जानें कि कौन बंधक पत्र तैयार कर सकता है, इसके लिए कौनसे योग्यता की आवश्यक है उसके बारेमे जानकारी हासील करते है। बंघक पत्र बनाने वाले व्यक्ती को निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना चाहिए। वे कुछ इस प्रकार हैं।
- बंधक पत्र लिखने वाला व्यक्ति सज्ञान होना चाहिए।
- बंधक को एक स्थिर बुध्दि वाला व्यक्ति होना चाहिए (अर्थात वह पागल नहीं होना चाहिए)
- इस मामले में, व्यक्ति को इंडियन कॉंट्रेक्ट ॲक्ट के तहत एक समझौते में प्रवेश करने के योग्य होना चाहिए।
- बंधक पत्र लिखने वाला व्यक्ती के पास सही अधिकार होने चाहिए। संक्षिप्त मे कहे तो जिस संम्पत्ति को गिरवी रखना है उस संम्पत्ति पर उसका मालिकाना अधिकार होना चाहिए। अन्यथा, उसे केवल अपने अधिकारों के सिमीत ही बंधक पत्र बनवा सकता है। उदाहरण के लिए, हिंदू संयुक्त परिवार प्रणाली का एक सदस्य।
- यदि बंधक संयुक्त हिंदू परिवार का मुखिया है और उसे परिवार के लिए ऋण लेना है, तो वह अन्य सदस्यों की भागीदारी के साथ संयुक्त परिवार प्रणाली की पारिवारिक संम्पत्ति को गिरवी रख सकता है।
बंधक पत्र कौन नही कर सकता है?
आइए अब, बंधक पत्र कौन नही कर सकता है यह देखथे है।
- अज्ञानी व्यक्ति बंधक पत्र नहीं बना सकता
- एक पागल आदमी बंधक पत्र नहीं बना सकता
- यहाँ तक कि दिवालिया घोषित व्यक्ति भी बंधक पत्र नहीं बना सकता।
- यदि किसी व्यक्ति के पास किसी वस्तू अथवा संपत्ति पर पूर्ण अधिकार नहीं है, तो वह उस वस्तू अथवा संपत्ति का बंधक पत्र नहीं बना सकेगा।
इस मामलेमे और भी महत्वपूर्ण बातोकी और गौर करना चाहिए, वे निम्नलिखीत है:-
- बंधक दार कोई भी हो सकता है लेकिन उसे बंधक लेने के लिए कानून या रिवाज से बाध्य नहीं होना चाहिए।
- अज्ञानी अथवा पागल व्यक्ति के लिए, उसके माता-पिता बंधक पत्र बना सकते हैं।
- यदि बंधक दार द्वरा खेति में फसल लगवाने किसी को दे दिया है, तो मूल मालक पर बह बाध्यकारी नहीं होता है।
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ईन सभी विचार से आपको यह पता चल गया होगा कि बंधक पत्र कैसे करते है। कौन से प्रकार का बंधक पत्र करना चाहिये। उसके फायदे और नुकसान क्या-क्या है। आम आदमी पर अक्सर इस तरह पैसे उधार लेता है और बदले में उसे कुछ ना कुछ वस्तू को गिरवी रखना पडता है। इस बार उसे भ्रमित नहीं होना चाहिए और यह सोचना चाहिए कि वास्तव में उसे क्या करना चाहिये, और उसे किस प्रकार का बंधक पत्र बनाना है।
अगर आपको बंधक पत्र के प्रकार के बारेमे नही पता हो तो आप यहा बंधक पत्र के प्रकार पर क्लिक कर के उसके बारे मे जानकारी हासील कर सकते है।
बंधक के संबंधमे जादा जानकारी और उनके दस्तावेज के प्रारूपके लिए निचे दिये अनूसार चेक करे।
नोट:- एसेही कानूनी जानकारी हिंदी मे पाने के लिए हमारे टेलिग्राम चैनल Law Knowledge in Hindi को Join करे।
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