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इन्डेम्निटी बांड क्या होता है? | क्षतिपूर्ति बांड क्या है? | Indemnity Bond meaning in Hindi

इन्डेम्निटी बांड क्या होता है? | क्षतिपूर्ति बांड क्या है? | Indemnity Bond meaning in Hindi

Photo by RODNAE Productions from Pexels



परिचय

क्षतिपूर्ति बांड / हमीपत्र जिसे अंग्रेजी में INDEMNITY BOND कहा जाता है। यह क्षतिपूर्ति/ INDEMNITY BOND बॉन्ड कानुन द्वारा बताए गए नियम के नूसार बताए गए मुल्य के स्टैम्प पेपर पर बनाया जाता है। यदि इससे कम मूल्य के स्टाैंप पेपर पर बनाया गया तो यह कानुन के नजर मे कोई मायने नहीं रखता। इस INDEMNITY BOND को प्रथम न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (J.M.F.C.)  द्वारा हस्ताक्षरित किया जाना चाहिए, अथवा नोटरी पब्लिक द्वारा हस्ताक्षरित किया जाना चाहिए। ईन सभी कानूनी प्रक्रीया के बाद यह कानूनी तरीकेसे मान्य यानेके सही हो जाता है। 


आईये देखते हैं कि इस इंडेम्निटी बाँड का उपयोग कैसे किया जाता है, और यही सबसे महत्वपूर्ण बात है। यह गारंटी पत्र/ INDEMNITY BOND बैंकों, कंपनियों और भविष्य निधि जैसे उपक्रमों में हमेशा उपयोगमे आती है। आइए एक उदाहरण के साथ हम इस इंडेम्निटी बाँड का उपयोग केसे किया जाता है यह समज लेते है। मान लीजिए कि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। यदि उसका बैंक खाता है और उस पर कुछ बकाया राशी या रक्कम शिल्लक होते है, तो उस रक्कम को मृतक के कानूनी उत्तराधिकारियों को दिया जाना चाहिए।


एक व्यक्ति के बेटे और बेटियां, पत्नी सभी यह करीबी रिस्तेदार है वे सब वारीस हो सकते हैं। इसके अलावा, माता, पिता, बहन, भाई, करीबी रिश्तेदार उत्तराधिकारी हो सकते हैं। बेशक, प्रथम उत्तराधिकारि किन्हे कहना चाहिए, ईस का फैसला, हिंदू विरासत का कानून और उसमें दिए गए उत्तराधिकारियों की श्रेणी के अनुसार प्रथम श्रेणी के वारीस घोषीत किये जाते है। वारिस घोषीत किये जानेके बाद अगर अन्य सभी वारिस एक सहमती के साथ यह लिख कर देते हैं कि, उन लोगोमेसे किनसे वारिस को पैसा मिलना चाहिए, तब यहा एक सवाल आता है के क्या मृतक के पास वास्तव में इतने ही वारिस हैं? क्या फिर किसी एक उत्तराधिकारी का नाम अन्य उत्तराधिकारियों द्वारा षड्यंत्रपूर्वक प्रकट नहीं किया गया था? इस प्रकार के अनेक सवाल उठते हैं। बेशक, इसे हल करना न तो आसान है और न ही किसी कार्यालय के लिए संभव है।



ऐसे मामले में, बैंक या प्रतिष्ठान उस व्यक्ति से ऐसा क्षतिपूर्ति बांड याने INDEMNITY BOND को लिखवाते हैं जिनसे पैसे का भुगतान किया तो जाता है। लेकीन यदी, अगर भविष्य में एक छुपाहूवा उत्तराधिकारी द्वारा, एक व्यक्ति कानूनी अधिकारों का दावा करना शुरू कर देता है, तो एसे परिस्थिती से निपटने की, और पैसे वापस करने की जिम्मेदारी सिर्फ क्षतिपूर्ति बांड/ INDEMNITY BOND बनवाकर देने वाले व्यक्ति के साथ टिकी हुई होती है।


यहापर हमने समझनेकी कोशीश की है के, बैंकों के मामले में इंडेम्नीटी बाँड का उपयोग कैसे किया जाता है। इसी तरह, एक मृत व्यक्ति के बाँक खतेमे जो रक्कम राशि को किसी दुसरे व्यक्ती को भुगतान करनी हो, तब बँक उस व्यक्ती के खिलाफ केवल सावधानी के रूप मे ईस्तरह का इंडेम्निटी बांड को उपयोग किया जाता है। ईस बात को समझने के लिए उदाहरण देखते है, किसी कंपनी में काम करते समय किसी एक श्रमिक की मृत्यु हो जाने के बाद, कंपनी उस मृतक व्यक्ती के उत्तराधिकारियों को मुआवजे के रकम का भुगतान करते समय ईस्तरह के INDEMNITY BOND बनाती है।  इस तरह, बैंक, कंपनियां, इस तरह क्षतिपूर्ति बांड/ INDEMNITY BOND बनवा कर लेती हैं। और कुछ मामलों में वे अपनी जिम्मेदारी दूसरोपर सौंपती हैं।


 
इसके अलावा अन्य स्थानोपर भी क्षतिपूर्ति बांड/ INDEMNITY BOND का उपयोग किया जाता है। इनका एक महत्वपूर्ण उपयोग सहकारी संस्थानो (को-ऑपरेटिव्ह सोसायटी) के मामले में भी किया जाता है। जैसे के स्टैम्प ड्यूटी और फ्लैटों का बाजार मूल्य यह सभी विवादास्पद मुद्दे हैं। यदि कोई व्यक्ति इस संबंध में न्यायालय मे दाद मांगने जाता है, तो यह संभावना है कि ईन सभी कामो के वजाह बेवजह व्यर्थ समय जायेगा। फिर ऐसे मामलों में  विशेष रूप से सहकारी संस्थानोने यानेके को-ओपरेटिव्ह सोसायटी में यदि एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को अपना ब्लॉक बेचता है, तो यह सवाल उठता है कि नए व्यक्ति के नाम पर सोसायटी के शेयर्स को ट्रान्सफर करना है या नहीं। सामान्य तौर पर, हाउसिंग सोसाइटी में काम करने वाले जोभी बॉडी मेंबर्स होते है विषेशतः, उदाहरण के लिए, अध्यक्ष और सचिव होते हैं, ये सभी उस क्षेत्र के विशेषज्ञ नहीं होते हैं। तो ऐसे मामले में सोसायटी दूसरे व्यक्ति के नाम पर शेयरों को ट्रान्सफर करते समय उस व्यक्ति से क्षतिपूर्ति बोर्ड/ INDEMNITY BOND बना लेती है। इसका लाभ यह है कि भविष्य के खरीदार ने उचित स्टाम्प शुल्क का भुगतान किया है या नहीं। क्या यह सही बाजार मूल्य पर खरीदा गया है या नहीं? यदि ऐसा कोई विवाद होता है, तो को-ऑपरेटिव्ह सोसायटी मे कोई मुश्किल आती नहीं है।
 

इस क्षतिपूर्ति बांड/ INDEMNITY BOND के निम्नलिखित फायदे होते हैं: -

  1. क्षतिपूर्ति बांड/ INDEMNITY BOND बनाना यह सबसे आसान तरीका है। क्योके ईसे बनानेके बाद में SUCCESSION CERTIFICATE को बनानेसे टाला जा सकता है।
  2. छोटी-छोटी कामो के लीये कानूनी रास्ता अपनानेकी जरूरत नहीं होती है।
  3. इससे समय, श्रम और धन की बचत होती है।
  4. काम के लिए बेवजह चक्कर लगाना नही पडेगा औप काम को गति देने में मदद करता है।
  5. यदि कोई व्यक्ति वास्तव में धोखा दे रहा है, तो INDEMNITY BOND उस व्यक्ति को उसकी जिम्मेदारी से दूर भागने नहीं देगा।
  6. ऐसा INDEMNITY BOND कि वजाहसे भविषमे को-ऑपरेटिव्ह सोसायटी अथवा कोई अन्य निर्दोष व्यक्ति को परेशानी नहीं होगी।


इस क्षतिपूर्ति बांड/ INDEMNITY BOND में जो कुछ लिखा गया होता है वह सबसे महत्वपूर्ण बाते होती है। उन सभी लिखावट को यहा पर लिखना बहुत महत्वपूर्ण होता है जो लिखना चाहीए।  अब आइए एक नजर डालते हैं कि वह कैसे होना चाहिए। क्षतिपूर्ति / INDEMNITY BOND यह विभिन्न कारणों के लिये बनाए जाते हैं। हर बार क्षतिपूर्ति बांड/ INDEMNITY BOND अलग अलग उद्देश्य के लिए बनाये जाता है, ईसके लिए एक विशिष्ट मसौदा देना संभव तो नहीं है, लेकिन हमें इसमें लखनेवाले महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना होगा, वे इस प्रकार हैं।


INDEMNITY BOND / क्षतिपूर्ति बांड बनाते वक्त समय देनेवाली बाते:-

  1. INDEMNITY BOND बनाने वाले व्यक्ति का पूरा नाम, गांव, पता, उम्र, राष्ट्रीयता सभी जानकारी लिखा होना अपेक्षित चाहिए।
  2. जो भी किसी संगठन को या व्यक्ती को यह INDEMNITY BOND देना चाहता है, उसमे उसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।
  3. किस कारण के लिए गारंटी देना है, उदाहरणके तोर में, धन, अधिकार, शेयर, हक्कत्याग आदि के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।
  4. किस कारण परिस्तिथी मे यह INDEMNITY BOND बनाना है? उदाहरण के लिए, इसमें किसी की मृत्यु हुई हो अथवा बिक्री के कारण, यह सभी विवरण शामिल होने चाहिए।
  5. INDEMNITY BOND लिखकर देनेवाले को, लिखकर लेनेवाले को गारंटी दी जानी होनी चाहिए।
  6. INDEMNITY BOND लिखकर देनेवाले को जो लिखकर लेनेवाला है उसे उसके जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया होना चाहीये।
  7. INDEMNITY BOND पर तिथि, स्थान, नोटरी या मजिस्ट्रेट द्वारा हस्ताक्षरित होना चाहिए।

यह क्षतिपूर्ती बांड / INDEMNITY BOND दो तरह से बनाई जाती है, वे इस प्रकार हैं: -

  1. एक ॲग्रिमेंट/ करारके तौरपर गारंटी पत्र/ INDEMNITY BOND बनाया जा सकता है।
    उदाहरण के लिए, उसमे दो पक्षों द्वारा तथ्यों और अन्य नियमों और शर्तों के साथ बनाया जाना चाहिए। अथवा,
  2. शपथपत्र/ ॲफिडेव्हीट/ प्रतिज्ञापत्रा की तरह बनाया जाता है।

ईन सभी बातोसे, हम आशा करते हैं कि आपको इस सब से INDEMNITY BOND / क्षतिपूर्ति बांड /  हमीपत्र / गारंटी पत्र कैसे बनाते है ईस के बारेमे दि गई जानकारी समजमे आयी होगा। 


नोट:- एसेही कानूनी जानकारी हिंदी मे पाने के लिए हमारे टेलिग्राम चैनल Law Knowledge in Hindi को Join करे।


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